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Railway - जमीन पर नहीं छत पर बनाया गया यह इकलौता रेलवे स्टेशन

आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे है जो जमीन पर नहीं बल्कि छत पर बनाया गया है। आइए निचे खबर में जानते है क्या है रेलवे स्टेशन की खासियत। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk-  तापस बनर्जी, धनबाद। इंजीनियरिंग का शानदार नमूना देखना हो तो ज्यादा माथा खपाने की जरूरत नहीं। आपको झारखंड के मधुपुर तक आना होगा। यहां पहुंच कर आप जो देखेंगे उससे आपकी आंखें खुली की खुली रह जाएंगी। हावड़ा-पटना रेल खंड पर मधुपुर के पास रेलवे लाइन किनारे ऊंची इमारत खड़ी हो रही है। इमारत की छत को सीधे रेल पटरी से जोड़ दिया गया है।

पटरी से सीधे उस इमारत की छत तक पहुंच सकते हैं। और अगर चाहें तो छत पर खड़े होकर ट्रेन पर सवार भी हो सकते हैं। अद्भूत कारीगरी की तस्वीर मधुपुर रेलवे स्टेशन के पास की है। ट्रेन से गुजरने वाले यात्रियों को खूब आकर्षित कर रही है। वायरल भी हो रही है। मामला पूर्व रेलवे के आसनसोल रेल मंडल का है। वहां के डीआरएम ने संजीदगी दिखाई है और उस जगह की तलाश भी शुरू करा दी है। अब लगता है कि छत पर प्लेटफार्म का ख्वाब पूरा नहीं हो सकेगा।


धनबाद स्टेशन पर मास्क लगाकर खाएं खाना-

यात्रीगण कृपया ध्यान दें। आप आप स्टेशन परिसर में भोजन भी कर रहे हैं तो भी मास्क लगाए रखें। वरना आप स्टेशन के बाहर कर दिए जाएंगे। धनबाद स्टेशन पर भविष्य में ऐसी घोषणा भी शुरू हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि टीटीई बाबुओं की कार्यवाही देखकर लगने लगा है। 21 जनवरी को धर्मवीर सिंह जंक्शन परिसर में बैठकर भोजन कर रहे थे। तभी कर्तव्य परायण टीटीई बाबुओं का दल पहुंच गया।

भोजन में मशगूल धर्मवीर से पूछा गया कि उन्होंने मास्क क्यों नहीं पहना है। उन्होंने भोजन की तरफ इशारा कर कहा कि इस वक्त मास्क कैसे लगाऊं। उनका जवाब टीटीई बाबुओं को पसंद नहीं आया और उन्हें जंक्शन से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनके इस आचरण से आहत यात्री ने सीनियर अधिकारियों को खटखटा दिया है। करते भी क्या, मास्क लगातर तो खा नहीं सकते।


बिना गार्ड के दौडी मालगाड़ी-

नई तकनीक से बिना गार्ड के मालगाड़ियां चलेंगी। रेलवे की भविष्य की प्लानिंग यही है। पर धनबाद रेल मंडल में बिना किसी तकनीक के ही गार्ड के बगैर मालगाड़ी दौड़ जा रही है। पिछले हफ्ते ऐसा ही हुआ। सीआइसी सेक्शन के राय स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी एकाएक चल पड़ी। बिना गार्ड के मालगाड़ी को लुढ़कते देख मौजूद कर्मचारियों में अफरा तफरी मच गई। मामला दब जाता पर किसी ने वीडियो बनाया और मामले की शिकायत डिवीजन के मुखिया के पास भी पहुंचा दी।

सबूत के तौर पर लुढ़कती मालगाड़ी का वीडियो भी पेश कर दिया। शिकायत करने वाले ने बताया है कि राय स्टेशन पर बिना गार्ड के ही मालगाड़ी को शंटिंग किया जा रहा है। अभी चंद दिन पहले ही इंजन और ट्रॉली की टक्कर में तीन कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी थी। उस पर ऐसी लापरवाही जानलेवा हो सकती है। 


और इंजीनियर साहब के पास फुर्सत नहीं-

बाथरूम है पर नल नहीं है। टॉयलेट है पर दरवाजा नहीं है। और इंजीनियर साहब के पास फुर्सत नहीं है। बेचारा कर्मचारी अब करे भी तो क्या। रोज साहब के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें जो रेल क्वार्टर अलॉट हुआ है। उसकी सारी खूबियों को गिना कर इंजीनियर साहब को पत्र समर्पित कर चुके हैं। बताया है कि क्वार्टर की स्थिति ऐसी है कि बस पूछिए मत। दरवाजा और खिडक़ी टूटा फूटा है। जलापूर्ति पाइप लाइन है ही नहीं। और तो और आंगन की दीवारें हर दिन तेज आवाज के साथ टूट टूट कर गिरती हैं।

पूरा परिवार खौफ के साए में रहता है। इसलिए मरम्मत जरूरी है। अब जरा इंजीनियर साहब का जवाब भी सुन लीजिए। इंजीनियर बाबू कहते हैं अभी हमारे पास आदमी नहीं है। घर जाइए काम हो जाएगा। इतनी व्यस्तता काहे की। इंजीनियर बाबू हैं। व्यस्त रहते होंगे।