Villages In India : भारत में है कुल 6,49,481 गांव, जानिये सबसे ज्यादा कहां और सबसे कम कौन से राज्य में

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। भारत में 6 लाख, 49 हज़ार 4 सौ 81 गांव है, सबसे ज्यादा गांव उत्तर प्रदेश में है, और सबसे कम गांव चंडीगढ़ में है, उत्तर प्रदेश में 1 लाख 7 हज़ार 7 सौ 53 गांव है, चंडीगढ़ में सिर्फ 13 गांव हैं. उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद का नाम अब प्रयागराज हो गया. यकीनन प्रयागराज काफी खूसूरत नाम है. लेकिन देश में बहुत से गांव-कस्बों के अजीबो गरीब नाम हैं जिन्हें सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जैसे उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में आता है बिल्ली जंक्शन वहीं तमिलनाडु में भुवनगिरी जिले के बीबीनगर में बीबीनगर स्टेशन है. यहां मेमो लोकल ट्रेन चलती है.
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बात अगर रिश्तों की करें तो साली स्टेशन राजस्थान के जयपुर जिले में फुलेरा के पास पड़ता है. जो कि उत्तरी-पश्चिमी रेलवे से जुड़ा हुआ है. बाप स्टेशन राजस्थान के जोधपुर में है. यहां भी दो एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं. यहां से सबसे पास शहर का नाम सिआना है. दीवाना स्टेशन उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन में आता है, जो हरियाणा में पानीपत के नजदीक पड़ता है. यहीं नहीं कुछ गांव के नाम ट्रेन है तो कुछ की रेल. देश भर में नाना और नानी के नाम पर 100-100 गांव औस कस्बे हैं.
मुहल्ले की वो सबसे निशानी पुरानी, वो बुढ़िया जिसे लोग कहते थे नानी
वो नानी की बातें में परियों का डेरा, वो चेहरे की झुर्रियों में सदियों का फेरा
सुदर्शन फाकिर द्वारा लिखीं ये पंक्तियाँ जगजीत सिंह की मधुर आवाज पाकर अमर हो गईं. इस गीत को गुनगुनाते ही शहर से कोसों दूर गांव में नानी के साथ बिताए पलों की याद भले ही हमें अपने बचपन में ले जाती हो , लेकिन हमारे बच्चे इस स्नेह भरे रिश्ते से दूर जा रहे हैं. सिर्फ नानी ही क्यों, नाना, दादा-दादी, मामा-मामी, चाचा-चाची जैसे तमाम रिश्ते बस्तों के बोझ तले दब रहे हैं.
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आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही रिश्तों की. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि देशभर में सैकड़ों ऐसे गांव-कस्बे हैं, जहां से इन रिश्तों की खुशबू आती है. इनमे सबसे ज्यादा गांव-कस्बे नाना और नानी के नाम पर हैं. दो सौ गांव-कस्बों के नाम के आगे या पीछे नाना या नानी जुड़ा हुआ है. जितने नाना उतने नानी. जिस गुजरात में मोटा भाई सबसे ज्यादा बोला जाता है, वहां 91 गांव-कस्बे नानी और 82 नाना के नाम पर हैं . इसके बाद हिमाचल प्रदेश में 4, राजस्थान में 2, उप्र और मप्र में एक-एक गांव नाना के नाम पर हैं . नानी के नाम पर हिमाचल प्रदेश में एक, राजस्थान में 6, मप्र में 4 गांव हैं, जबकि उप्र में एक भी नहीं.
दादा-दादी के नाम पर सिर्फ 30 गांव हैं. इनमें से 16 दादा और 14 दादी के नाम पर. दादा के नाम पर सबसे ज्यादा चार-चार गांव हिमाचल और उप्र में हैं, वहीं उत्तराखंड में तीन, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में दो-दो व पंजाब में एक गांव दादा के नाम पर है. दादी की बात करें तो सबसे ज्यादा 6 गांव या कस्बे मप्र में हैं. जबकि, उप्र में चार, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक है. इसके आलावा काका-काकी के नाम पर भी अलग-अलग राज्यों में 11 गांव हैं .
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उत्तर प्रदेश में भइया और दोस्त
भइया और दोस्त बनाने में यूपी वाले पीछे नहीं हैं. देश भर में 21 गांव या कस्बे के नाम में भइया शब्द जुड़ा हुआ है. इनमें से अकेले 13 गांव उत्तर प्रदेश में हैं. इसके आलावा बिहार व राजस्थान में तीन-तीन और पश्चिम बंगाल में दो गांव भइया के नाम पर हैं. दोस्त के नाम पर 15 गांवों में से 11 उप्र और चार बिहार में हैं. भाई के नाम पर 30 गांवों में से अकेले दस पंजाब में हैं. भाभी के नाम पर भी दो गांव हैं, एक उप्र में तो दूसरा बिहार में. दुनिया के सबसे पवित्र रिश्ते यानी माँ के नाम पर देश में कोई गांव या क़स्बा नहीं है. जबकि, बहन के नाम पर 8, पिता 6, मामा 3 और एक गांव मामी के नाम पर है.
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देश भर में 51 गांव कस्बों के नाम मिलेंगे गोरखपुर
बाबा गोरखनाथ की नगरी गोरखपुर के नाम से पूरे देश में आपको 51 गांव और कस्बे मिलेंगे. इनमें से सबसे ज्यादा 28 मध्य प्रदेश में मिलेंगे. उत्तर प्रदेश में गोरखपुर नाम से सात स्थान हैं. देवरहवा बाबा के नाम से बसा देवरिया का नाम तो यूपी से ज्यादा राजस्थान में है. देशभर में 30 देवरिया में से 15 राजस्थान में और 11 यूपी में है. महराजगंज देशभर में नौ स्थानों के नाम मिलेंगे. कानपुर भी देशभर में 49 स्थानों पर मिले. इनमें से सबसे ज्यादा 12 पश्चिम बंगाल और नौ राजस्थान में हैं. उड़ीसा में भी कई स्थानों के नाम कानपुर मिले.
झुमका वाले गीत से मशहूर बरेली के नाम से एक दो नहीं बल्कि देशभर में 22 गांव और कस्बे हैं. इसमें सबसे ज्यादा गांव और कस्बे मध्य प्रदेश में हैं. उप्र में बरेली, रायबरेली समेत तीन, छत्तीसगढ़ में तीन और हिमाचल प्रदेश में एक जगह का नाम बरेली है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बरेली का नाम लेते ही तपाक से एक ही सवाल करते हैं,‘राय बरेली या बांस-बरेली’. लेकिन के मध्य प्रदेश जिन गांव और कस्बों का नाम बरेली है वहां न तो बांस है और न ही बेंत. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यहां 15 जगहों के नाम बरेली है. रायसेन जिले में तो एक नगर पंचायत का नाम बरेली है और इसकी आबादी 2001 की जनगणना के अनुसार 30 हजार है. छत्तीसगढ़ के बीलासपुर, रायपुर और कोरबा जिले में एक-एक बरेली है.
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मुगल बादशाह शाहजहां के नाम पर बसा अपने शाहजहांपुर के नाम पर भी मध्य प्रदेश में दो गांव हैं. जबकि शाहजहांपुर के नाम पर उत्तर प्रदेश में 34 गांव और कस्बे हैं. बिहार में दो, पंजाब में दो और राजस्थान में भी एक गांव का नाम है शाहजहांपुर. मुरादाबाद भी देशभर में 17 जगह हैं. उप्र में 9, महाराष्ट्र-बिहार में तीन तीन और मध्यप्रदेश में दो जगहों का नाम मुरादाबाद है. रुहेलखंड के जिलों में से रामपुर का नाम जम्मू-कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक फैला हुआ है. सबसे ज्यादा झारखंड में 50 शहर-गांव या कस्बे रामपुर के नाम से हैं जबकि उत्तर प्रदेश में केवल 14 हैं. पीलीभीत केवल यूपी में ही है. बदायूं नाम से एक कस्बा हिमाचल प्रदेश में भी है. लखीमपुर भी देशभर में नौ हैं. यूपी के अलावा असम में भी लखीमपुर नाम से एक जिला है.