Viral News : पुलिस का चकरा गया सिर, सेक्स रैकेट मामले में मिली 14 हजार लड़कियां
सोशल मीडिया पर अक्सर सेक्स रैकेट मामले वायरल होते रहते हैं। हाल ही में पुलिस ने एक बड़ा भंडाफोड़ किया है जिसमें पुलिस को 14 हजार लड़कियों का नेटवर्क था। इन लड़कियों को अलग-अलग देशों से लाया जाता था। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं पूरा मामला-
HR Breaking News (ब्यूरो)। देश में एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। जब इस पूरे मामले की तह तक तेलंगाना पुलिस पहुंची तो अफसरों के भी होश उड़ गए। इस रैकेट के नेटवर्क से 14 हज़ार से अधिक लड़कियां जुड़ी थीं। दुनिया के कई देशों से लड़कियों को लाया जाता है। रूस, थाईलैंड, नेपाल जैसे कई देशों की लड़कियां इस रैकेट में शामिल थीं, जो पूरे देश में सक्रिय थीं। इन लड़कियों को पूरी योजना के साथ ग्राहकों के पास होटल या निर्धारित जगहों पर पहुंचाया जाता था। यहां तक कि ग्राहकों से कॉल सेंटर के जरिये से भी संपर्क किया जाता था। पूरे पेशेवर तरीके से ये गिरोह काम कर रहा था।
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मामला तेलंगाना का है। यहां राजधानी में पुलिस ने मानव तस्करी में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ कर 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबराबाद पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य पिछले कई वर्षों के दौरान कथित तौर पर देह व्यापार के लिए 14,000 से अधिक महिलाएं तस्करी में शामिल रही हैं।
इस गोरह में शामिल महिलाओं को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, असम के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, रूस से लाया जाता था. साइबराबाद के पुलिस आयुक्त एम स्टीफन रवींद्र ने कहा कि आरोपियों ने महिलाओं को खरीदा और वेबसाइटों पर विज्ञापन जारी कर, कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क किया तथा महिलाओं को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी देश के अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं को खरीदते थे. इसके बाद वेबसाइट्स पर एड देते थे. कॉल सेंटर और व्हाट्सएप के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क किया जाता था. डील होने के बाद महिलाओं को निर्धारित जगहों पर भेजा जाता था. ग्राहकों से संपर्क करने के लिए कॉल सेंटर दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु में थे।
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डील होने पर महिलाओं को फ्लाइट से भी निर्धारित जगहों पर भेजा जाता था. बताया जा रहा है कि पूरी डील का 30 प्रतिशत पैसा महिला को देते थे जबकि 30 प्रतिशत रैकेट चलाने वाले लोग रखते थे. वहीं, बाकी पैसा अन्य खर्चों में जाते थे।