UP में 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनेगा नया एक्सप्रेसवे, इस दिन से शुरू होगा निर्माण कार्य
UP - उत्तर प्रदेश सरकार यातायात मजबूत करने के लिए नया एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है. यह एक्सप्रेसवे बाद में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (Lucknow-Kanpur Expressway) से जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गाजियाबाद के बीच सीधा संपर्क बनेगा. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 30 हजार करोड़ रुपये है... यह कदम प्रदेश की कनेक्टिविटी और परिवहन व्यवस्था को और बेहतर बनाएगा-
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश सरकार यातायात मजबूत करने के लिए गाजियाबाद से कानपुर तक नया एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है. यह एक्सप्रेसवे बाद में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (Lucknow-Kanpur Expressway) से जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गाजियाबाद के बीच सीधा संपर्क बनेगा.
इस महत्वाकांक्षी परियोजना (ambitious project) की अनुमानित लागत लगभग 30 हजार करोड़ रुपये है, और निर्माण कार्य फरवरी 2026 से शुरू करने की योजना है. यह कदम प्रदेश की कनेक्टिविटी और परिवहन व्यवस्था को और बेहतर बनाएगा.
यात्रा समय हो जाएगा आधा-
यह परियोजना, जिसे यूपीडा (Uttar Pradesh Expressway Industrial Development Authority) संभालेगा, दिल्ली-एनसीआर से लखनऊ के बीच यात्रा को आसान बनाएगी. यह नया एक्सप्रेसवे वर्तमान में लगने वाले अधिक समय, ट्रैफिक जाम और खराब सड़कों की समस्याओं को दूर करेगा. उत्तर प्रदेश लोक निर्माण राज्य मंत्री बृजेश सिंह (Uttar Pradesh Minister of State for Public Works Brijesh Singh) के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा.
गाजियाबाद से शुरू होकर कानपुर तक जाने वाला यह हाईवे यात्रा समय को आधा कर देगा. इससे न केवल आम लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. माल ढुलाई तेज होगी, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी.
300-400 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे -
परियोजना की कुल लंबाई अभी अंतिम रूप से तय नहीं हुई है, लेकिन यह 300-400 किलोमीटर लंबा छह-लेन का एक्सप्रेसवे होने का अनुमान है, जिसमें भविष्य में विस्तार की गुंजाइश होगी. यह गाजियाबाद से कानपुर तक बनेगा, जहाँ यह मौजूदा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे से मिल जाएगा. इसका उद्देश्य दिल्ली से लखनऊ तक के सफर को सीधा और सुगम बनाना है, जिससे यात्रियों को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के अतिरिक्त एक और रास्ता मिल जाएगा. यह नया मार्ग दिल्ली और लखनऊ के बीच कनेक्टिविटी में सुधार लाएगा.
फरवरी में शुरू हो सकता है निर्माण-
फरवरी 2026 से यूपीडा (UPIDA) निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी में है. पहले चरण में भूमि अधिग्रहण और डिजाइन का काम पूरा होगा. पर्यावरण मंजूरी और कानूनी प्रक्रियाएं भी तेजी से पूरी की जा रही हैं. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कुल 30 हजार करोड़ रुपये का बजट वहन करेंगी. यह जानकारी यूपीडा के अधिकारियों ने दी है.
इसमें से बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर खर्च होगा, जैसे पुल, फ्लाईओवर और सर्विस रोड. इस एक्सप्रेसवे से कई जिलों को फायदा होगा. गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, इटावा और कानपुर जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. निर्माण के दौरान हजारों मजदूरों को काम मिलेगा. बाद में पर्यटन और व्यापार बढ़ने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. किसानों की जमीन अधिग्रहण (land acquisition of farmers) के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा, ताकि कोई असुविधा न हो.
पूर्वांचल और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने में करेगा मदद-
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने बताया कि नया एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वांचल और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ेगा, जो एक हाई-स्पीड कॉरिडोर (High-speed corridor) बनेगा. यह कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेसवे (yamuna expresway) और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) की तर्ज पर विकसित होगा, जिसमें गति सीमा 120 किमी/घंटा तक रखी जा सकती है. सुरक्षा के लिए इसमें सीसीटीवी, टोल प्लाजा (toll plaza), और आपातकालीन सेवाओं (इमरजेंसी सर्विसेज) की पूरी व्यवस्था होगी.
यह परियोजना उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure of Uttar Pradesh) को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. फरवरी 2026 से शुरू होने वाला निर्माण कार्य समय पर पूरा करने का लक्ष्य है. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी और राज्य की प्रगति को नई गति मिलेगी. यूपीडा की टीम दिन-रात मेहनत कर रही है ताकि यह सपना जल्द साकार हो.
