UP के बाद अब इस राज्य में होगा भूमि अधिग्रहण, 7 जिलों में होगा औद्योगिक गलियारे का विकास
New Industrial corridors :यूपी में पिछले काफी दिनों से प्रगति कार्य तेजी से बढ़ता चला जा रहा है। अब यूपी के अलावा एक और राज्य में नए औद्योगिक गलियारे का निर्माण होने वाला है। इस राज्य में भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) होने वाला है। वहीं यहां के 7 जिलों में में औद्योगिक गलियारे का विकास होने वाला है। आइए जानते हैं इस नए गलियारे के बारे में पूरी जानकारी।
HR Breaking News (Industrial corridors)। उत्तर प्रदेश वालों के बाद अब इस राज्य के लिए एक बड़ा अपडेट सामने है। सरकार प्रदेश में एक नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है। यह औद्योगिक गलियारा ई टैक्स विधानसभा यहां लोगों को लग्जरी आवासीय सुविधा (Luxury residential facility) मिलेगी।
इसके साथ ही रोजगार की रास्ते खुलेंगे रिपोर्ट में पता चला है कि इस शहर के विकसित होने से यहां पर कई बड़ी कंपनी है। अपना उद्योग स्थापित करेंगे जिससे हजारों लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
सरकार (Latest Goverment Update) के इस कदम से प्रदेशवासियों को दूर लाभ मिलेगा इसके साथ ही प्रदेश की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार होगा। चलिए जानते हैं औद्योगिक गलियारे में किन-किन सुविधाओं को विकसित किया जाए।
ये जिले बनेंगे आर्थिक केंद्र
बिहार सरकार ने राज्य के सात जिलों- नालंदा, मुजफ्फरपुर, (Muzaffarpur in Bihar) भागलपुर, सुपौल, कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज में औद्योगिक गलियारे विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य इन जिलों को बिहार (Bihar news) का आर्थिक केंद्र बनाना है जिससे रोजगार और निवेश को बढ़ावा मिलने वाला है। भूमि अधिग्रहण पर करोड़ों रुपये का खर्च आने वाला है।
इन सात जिलों में होगा भूमि अधिग्रहण
राज्य के सात जिलों में औद्योगिक गलियारा विकसित करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। ये जिले नालंदा, (Nalanda Update) मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सुपौल, कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज में औद्योगिक गलियारे विकसित किए जाने वाले हैं।
बिहार का आर्थिक केंद्र बनेंगे ये जिले
उद्योग विभाग बिहार के अधिक से अधिक जिलों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की कोशिश की जा रही है ताकि इन जिलों में रोजगार और निवेश (Bihar Property investment) का माहौल भी बन रहा है। फिलहाल इस चरण में नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सुपौल, कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज को बिहार का आर्थिक केंद्र बनाने का लक्ष्य है।
इतनी भूमि का होगा अधिग्रहण
नालंदा में 524.95 एकड़ भूमि पर उद्योग का बुनियादी ढांचा तैयार होने वाला है। नालंदा के हरनौत और चंडी क्षेत्र में 524.95 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाने वाला है।
इस पर 2 करोड़ 64 लाख 65 हजार रुपये से अधिक खर्च किएज जाने वाले हैं। यहां विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्र से स्थानीय लोगों को रोजगार और निवेशकों को बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा।
700 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण
मुजफ्फरपुर के पारू, भोजपट्टी, हरपुर और विष्णुपुर सरैया में 700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें 2 अरब 97 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश (investment in bihar property) होगा।
भागलपुर के गौराडीह अंचल के मोहनपुर मौजा में 96.89 एकड़ जमीन ली जाएगी, जिस पर उद्योग विभाग एक नया औद्योगिक गलियारा विकसित करने वाला है।
सरकार पर आएगा इतना भार
इसकी वजह से यहां के उद्योगों को मजबूती मिलेगी। सुपौल के सरायगढ़-भपटियाही और पिपरा प्रखंडों में 498.06 एकड़ जमीन के अधिग्रहण पर 1 अरब 51 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे।
कटिहार के मनसाही अंचल में 252.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण (Acquisition of land) कर आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाने वाला है। औरंगाबाद के कुटुंबा अंचल में 441 एकड़ जमीन और गोपालगंज के विजयीपुर और खीरीडीह अंचल में 32.66 एकड़ जमीन ली जाएगी। गोपालगंज में भूमि अधिग्रहण योजना पर 11.39 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
