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Allahabad High Court : पति को बहुत महंगा पड़ा तलाक, तीन करोड़ रुपये कैश और नोएडा में देना होगा फ्लैट

Allahabad High Court  : हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने तलाक के मामले में एक महत्तवपूर्ण  फैसला सुनाया है। दरअसल काफी वक्त से विवाद के चलते अलग रह रहे पति-पत्नी की शादी भंग कर तलाक मंजूर कर लिया है। कोर्ट में आए इस फैसले को विस्तार से जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे। 

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HR Breaking News, Digital Desk-  इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) ने तलाक के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने काफी वक्त से विवाद के चलते अलग रह रहे पति-पत्नी की शादी भंग कर तलाक मंजूर कर लिया है. इसी के साथ कोर्ट ने कहा है कि पति नोएडा में स्थित फ्लैट के साथ ही तीन करोड़ रुपये पत्नी को देगा. इस रकम का भुगतान छह हफ्तों में किया जाएगा.

दरअसल, विपिन कुमार जायसवाल और मनीषा अग्रवाल की शादी 6 दिसंबर 1994 को फर्रुखाबाद में हुई थी. तीस साल पहले हुई दोनों की शादी के बाद दो बच्चे हुए. साल 1999 में कंपनी के मालिक पति ने पत्नी के नाम नोएडा में फ्लैट खरीदा था. पिता की मौत के बाद पत्नी बच्चों सहित अपनी मां के साथ रहने लगी.

इसके बाद साल 2007 में विवादों की वजह से पत्नी ने पति को नोएडा के फ्लैट से निकाल दिया, जिसके बाद कई केस दर्ज हुए. घरेलू हिंसा के साथ ही तलाक का केस भी दायर किया गया.

फैमिली कोर्ट ने पत्नी के अलग रहने के आधार पर तलाक देने से इनकार कर दिया. इसी आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अब कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच विपिन कुमार जायसवाल अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए एकमुश्त तीन करोड़ रुपये और नोएडा में फ्लैट देने को राजी हो गए हैं.

इसी को लेकर कोर्ट ने मामले का पटाक्षेप कर दिया और तलाक मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि रकम का भुगतान छह हफ्तों में करना होगा.

इसी के साथ कोर्ट ने फैमिली कोर्ट गौतमबुद्धनगर के तलाक देने से इंकार के आदेश को भी रद कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने विपिन कुमार जायसवाल की पहली अपील को मंजूर करते हुए दिया है.