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ancestral property : नाना की प्रॉपर्टी पर नाती-नातिन का होता है इतना हक़

ancestral property news : हम अक्सर पिता की सम्पत्ति पर बेटों के अधिकार की बात करते हैं, भाई बहिन के अधिकार की या दादा और पोते के अधिकार की बात करते हैं पर हम नाना की प्रॉपर्टी पर नाती या नातिन के अधिकार के बारे में नहीं जानते, आइये जानते हैं क्या कहता है कोर्ट इसके बारे में 

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नाना की प्रॉपर्टी पर नाती-नातिन का होता है इतना हक़

HR Breaking News, New Delhi : पैतृक संपत्ति में ऊपर की तीन पीढ़ियों की संपत्ति शामिल होती है। यानी, पिता को उनके पिता यानी दादा और दादा को मिले उनके पिता यानी पड़दादा से मिली संपत्ति हमारी पैतृक संपत्ति है। पैतृक संपत्ति में पिता द्वारा अपनी कमाई से अर्जित संपत्ति शामिल नहीं होती है। इसलिए उस पर पिता का पूरा हक रहता कि वो अपनी अर्जित संपत्ति का बंटवारा किस प्रकार करें। पिता चाहे तो अपनी अर्जित संपत्ति में बेटी या बेटे को हिस्सा नहीं दे सकता है, कम-ज्यादा दे सकता है या फिर बराबर दे सकता है। अगर पिता की मृत्यु बिना वसीयतनामा लिखे हो जाए तो फिर बेटी का पिता की अर्जित संपत्ति में भी बराबर की हिस्सेदारी हो जाती है।

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केंद्र सरकार ने भी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जरिए पैतृक संपत्ति में बेटियों की बराबर की हिस्सेदारी का जोरदार समर्थन किया। केंद्र ने कहा कि पैतृक संपत्ति में बेटियों का जन्मसिद्ध अधिकार है। जस्टिस मिश्रा ने इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि बेटियों के जन्मसिद्ध अधिकार का मतलब है कि उसके अधिकार पर यह शर्त थोपना कि पिता का जिंदा होना जरूरी है, बिल्कुल अनुचित होगा। बेंच ने कहा, 'बेटियों को जन्मजात अधिकार है न कि विरासत के आधार पर तो फिर इसका कोई औचित्य नहीं रह जाता है कि हिस्सेदारी में दावेदार बेटी का पिता जिंदा है या नहीं।'

सुप्रीम कोर्ट ने अभी अपनी तरफ से इस पर कुछ नहीं कहा। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने 1996 में दिए गए फैसले के वक्त ही कही थी। तीन सदस्यीय पीठ के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने इसे दोहराया। उन्होंने कहा, 'बेटा तब तक बेटा होता है जब तक उसे पत्नी नहीं मिलती है। बेटी जीवनपर्यंत बेटी रहती है।' तीन सदस्यीय पीठ में जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस एमआर शाह भी शामिल थे।

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क्या बेटी की मृत्यु हो जाए तो उसके बच्चे नाना की संपत्ति में हिस्सा मांग सकते हैं?
इस बात पर गौर करना चाहिए कि कोर्ट ने पैतृक संपत्ति में बेटियों को बेटों के बराबर अधिकार दिया है। अब इस सवाल का जवाब पाने कि लिए एक और सवाल कीजिए कि क्या पुत्र की मृत्यु होने पर उसके बच्चों का दादा की पैतृक संपत्ति पर अधिकार खत्म हो जाता है? इसका जवाब है नहीं। अब जब पैतृक संपत्ति में अधिकार के मामले में बेटे और बेटी में कोई फर्क ही नहीं रह गया है तो फिर बेटे की मृत्यु के बाद उसके बच्चों का अधिकार कायम रहे जबकि बेटी की मृत्यु के बाद उसके बच्चों का अधिकार खत्म हो जाए, ऐसा कैसे हो सकता है? मतलब साफ है कि बेटी जिंदा रहे या नहीं, उसका पिता की पैतृक संपत्ति पर अधिकार कायम रहता है। उसके बच्चे चाहें कि अपने नाना से उनकी पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी ली जाए तो वो ले सकते हैं।

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