ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने कोरोना महामारी के लिए PM Modi को ठहराया जिम्मेदार, जबाब में मिला नोटिस
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भारत में कोरोना महामारी ने अपना विराट रूप ले लिया है। जिसे लेकर देश के अलावा विदेश तक मोदी सरकार की कड़ी आलोचन हो रही है। ‘द ऑस्ट्रलियन’ नाम के एक दैनिक अख़बार में भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की गई है। इस आर्टिकल में चुनावी रैलियों, कुंभ मेले के आयोजन और ऑक्सीजन की कमी के बारे में लिखा गया है।
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हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस रिपोर्ट को आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बताया है।
सरकारी आंकड़े के हिसाब से, भारत में हर दिन लगभग पौने चार लाख कोरोना संक्रमण के नए मामले आ रहे हैं, दो हज़ार से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा दे रहे हैं।
इसके अलावा ऐसे बहुत सारे मामले हैं जो रिपोर्ट ही नहीं हो रहे, बीमार मरीज़ ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं और लाशों की भी सही गिनती नहीं की जा रही।
‘द ऑस्ट्रलियन’ में ‘मोदी लीडस् इंडिया इनटू वायरल अपोकलीप्स’ वाले आर्टिकल में भारत के हालातों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की गई है।
इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए भीड़ वाली इलेक्शन रैलियों का आयोजन करना, महा-कुम्भ की इजाज़त देना, एक्सपर्ट लोगों की सलाह को नज़रअंदाज़ करना जैसे कारणों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।
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ट्विटर पर इस आर्टिकल को शेयर करते हुए अख़बार ने लिखा है, “अहंकार, अति-राष्ट्रवाद और नौकरशाही की अक्षमता ने मिलकर भारत में एक बड़ा संकट पैदा कर दिया है, यहां की जनता के चहेते प्रधानमंत्री मजे मार रहे हैं जबकि लोग साँस नहीं ले पा रहे. ये कहानी है कि कैसे सब इतना बिगड़ गया। #coronavirus”
भारतीय दूतावास ने सोमवार को ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के एडिटर इन चीफ क्रिस्टोफर डोर को पत्र लिखकर उनपर भारत सरकार द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए कदम को आर्टिकल में नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया है।
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इसपर प्रतिक्रिया देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने कहा कि निरंकुशता और अहंकार ने मोदी सरकार के मुखिया की इतनी खिल्ली उड़ाई है। भारतीय उच्चायोग सोचता है कि यह मोदी की अक्षमता के बारे में सच्चाई दिखाने के लिए स्वतंत्र प्रेस वाले देश के मीडिया को धमका सकता है। ऑस्ट्रेलिया भारत नहीं है।