home page

Bedakhali Rule for Ancestral Property : क्या माता पिता औलाद को पैतृक संपत्ति से कर सकते हैं बेदखल, जानिये कानूनी प्रावधान

Bedakhali Rule for Ancestral Property : क्‍या आप जानते हैं कि माता-पिता किस तरह की संपत्ति से बच्‍चों को बेदखल कर सकते हैं और किस तरह की संपत्ति से उन्‍हें बेदखल करना मुश्किल होगा, आइए आज आपको बताते है कि क्या माता पिता औलाद को पैतृक संपत्ति से कर सकते हैं बेदखल....

 | 
Bedakhali Rule for Ancestral Property : क्या माता पिता औलाद को पैतृक संपत्ति से कर सकते हैं बेदखल, जानिये कानूनी प्रावधान

HR Breaking News, Digital Desk - किसी को संपत्ति से बेदखल करने का मतलब है कि उसका संपत्ति पर कानूनी अधिकार खत्‍म हो जाना. आपने भी इस बारे में सुना तो कई बार होगा लेकिन क्‍या जानते हैं कि माता-पिता किस तरह की संपत्ति से बच्‍चों को बेदखल कर सकते हैं. माता-पिता को खुद की कमाई या बनाई प्रॉपर्टी से बच्‍चों को बेदखल करने का पूरा अधिकार मिलता है, लेकिन बात जब पुश्‍तैनी संपत्ति (ancestral property) की आती है तो मामला थोड़ा पेचीदा हो जाता है. कानून में वैसे तो माता-पिता को दी गई संपत्ति भी वापस लेने का अधिकार है, लेकिन यह भी उनके द्वारा अर्जित प्रॉपर्टी तक ही सीमित है.

इतना ही नहीं, अगर माता-पिता को लगता है कि उनकी संतान उनके साथ सही बर्ताव नहीं कर रही है तो वह उसे दी गई संपत्ति को वापस भी ले सकते हैं. इसके लिए मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट में प्रावधान किया गया है. इसी एक्ट के तहत संतान को बेदखल भी किया जाता है.

कहां से कर सकते हैं बेदखल?


अब एक बड़ा सवाल लोगों के मन में अक्सर आता है कि अगर माता-पिता ने बेदखल कर दिया तो क्या पूर्वजों की जमीन-जायदाद से भी हक छिन जाएगा? इसका सीधा जवाब तो ‘नहीं’ है लेकिन इसमें अपवाद भी है. माता-पिता केवल अपनी अर्जित संपत्ति में से ही संतान को बेदखल कर सकते हैं. अगर उनके पास कोई पैतृक संपत्ति है तो उस पर उनके बेटे या बेटी का अधिकार बेदखल होने के बाद भी रहेगा. हालांकि, एक बात यहां याद रखनी होगी कि अगर उस पैतृक संपत्ति में कहीं बंटवारा हुआ है तो वह फिर पुश्तैनी नहीं रह जाती. वह प्रॉपर्टी पिछली 4 पीढ़ियों से अविभाजित ही रहनी चाहिए.

अपवाद


ऐसा नहीं है कि उत्पीड़न करने वाली संतान हमेशा पैतृक संपत्ति में अधिकार का दावा कर सकती है. 2017 में अस्तित्व में आए मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत उत्पीड़त माता-पिता पुश्तैनी जायदाद से भी संतान को बेदखल करने के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं. अगर कोर्ट उनकी शिकायत को सही पाता है तो वह बेदखली का आदेश दे सकता है. ऐसा 2020 में मुंबई में एक मामला सामने आ चुका है.