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Bharatmala Project : भारत सरकार ने शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, शहरों के ऊपर बनाई जाएगी ‘सड़क’, 1.25 लाख करोड़ की आएगी लागत

World Biggest Project : आज कल लगभग सभी अपने पर्सनल व्हीकल का ही इस्तेमाल करते है। बढ़ती जनसंख्या के साथ ही साधन भ इतने बढ़ गए है कि लोगों को ट्रैफिक जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्‍ट (biggest project) शुरू किया है जिसका मकसद देश के शहरों में ट्रैफिक को कम करना है। आइए नीचे खबर में जान लें कैसे...

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Bharatmala Project : भारत सरकार ने शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट, शहरों के ऊपर बनाई जाएगी ‘सड़क’, 1.25 लाख करोड़ की आएगी लागत

HR Breaking News, New Delhi : अगर आप भी ट्रैफिक (traffic) जैसी परेशानी से सताए हुए है तो बस 5 साल और फिर शहरों से  ट्रैफिक गायब हो जाएगा। कार सहित अन्‍य मोटर वाहन की बढ़ती संख्‍या और सड़कों पर लगते घंटों के जाम से छुटकारा दिलाने के लिए मोदी सरकार (modi government) ने दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्‍ट शुरू किया है। खास बात ये है कि इस प्रोजेक्‍ट (bharatmala project) के तहत शहरों के ऊपर ‘सड़क’ बिछाई जाएगी और लोग हवा में सफर करेंगे। 


ऐसा एक या दो शहर में नहीं, बल्कि करीब 200 शहरों में प्रोजेक्‍ट तैयार होगा। इस पर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। 30 प्रोजेक्‍ट पर तो काम शुरू भी हो चुका है। इसकी कुल लंबाई करीब 1200 किलोमीटर रहने का अनुमान है।

देश में ट्रैफिक को देखते हुए सरकार ने भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project latest update) के तहत देशभर में 200 रोपवे प्रोजेक्‍ट (केबल कार) चलाने की योजना बनाई है। इससे न सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि सड़कों पर ट्रैफिक घटाने में भी मदद मिलेगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इस प्रोजेक्‍ट पर कुल सवा लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष प्राइवेट सेक्‍टर के निवेश से जुटाया जाएगा। 


अभी तक देश में 120 किलोमीटर लंबे 30 रोपवे प्रोजेक्‍ट शुरू किए जा चुके हैं। देश में पहली बार रोपवे का सफर 1968 में शुरू हुआ था, तब इसकी कुल लंबाई 65 किलोमीटर थी। सरकार का मानना है कि 2026 तक 8 प्रोजेक्‍ट शुरू भी हो जाएंगे, जबकि सभी प्रोजेक्‍ट को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्‍य है।


महज 15 मिनट में तय होगी घंटेभर की दूरी


बता दें कि भारतमाला परियोजना  (Bharatmala Project) के तहत ही देश का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्‍ट वाराणसी में पूरा किया जा रहा है। शहर में रोपवे चलाने का यह पहला अनुभव होगा। वाराणसी में सबसे ज्‍यादा जाम लगने वाली जगह गोड़ौलिया चौक है, जो रोपवे बनने से खाली हो जाएगा। अभी बनारस में जिस दूरी को तय करने में 1 घंटे का समय लग जाता है, उसे रोपवे से पूरा करने में सिर्फ 15 मिनट का समय लगेगा। 


रोपवे से वाराणसी (Ropeway to Varanasi) रेलवे स्‍टेशन से काशी विश्‍वनाथ मंदिर का सफर बिना ट्रैफिक जाम के ही पूरा किया जा सकेगा। इस रोपवे की दूरी 4 किलोमीटर की होगी। करीब 650 करोड़ रुपये में बन रहा यह प्रोजेक्‍ट मार्च, 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके रास्‍ते में 5 स्‍टेशन विद्यापीठ, रथ यात्रा और गिरजा के अलावा रेलवे स्‍टेशन और काशी विश्‍वनाथ मंदिर पड़ेगा। इसकी क्षमता रोजाना 1 लाख लोगों को लाने-ले जाने की होगी।


60 की जगह लगेंगे सिर्फ 3 मिनट


अब बात करते है दूसरा शहरी रोपवे प्रोजेक्‍ट की तो ये हरियाणा (ropeway in Haryana) के महेंद्रगढ़ स्थित कुलताजपुर गांव से दोषी हिलटॉप तक बनाया जा रहा है। अभी इस दूरी को तय करने में 1 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे से महज 3 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। यहां दिसंबर, 2025 तक काम पूरा हो जाएगा और 900 मीटर लंबे इस प्रोजेक्‍ट से रोजाना 5,000 पैसेंजर यात्रा कर सकेंगे।

यहां बनेगा 2 किलोमीटर लंबा रोपवे


जानकारी के लिए बा दें कि यूपी के प्रयागराज में संगम किनारे 2 किलोमीटर लंबा रोपवे (2 kilometer long ropeway on the banks of Sangam in Prayagraj) बनाया जा रहा, जो जनवरी, 2026 तक तैयार हो जाएगा। शंकर विमान मंडपम से त्रिवेणी पुष्‍प तक बनने वाले इस रोपवे से रोजाना 30 हजार लोग सफर कर सकेंगे। अभी इस दूरी को तय करने में 30 मिनट का समय लग जाता है, जो प्रोजेक्‍ट पूरा होने के बाद सिर्फ 7 मिनट में तय हो सकेगा।


इसी के साथ ही इन प्रोजेक्‍ट पर भी चल रहा काम


इसके अलावा बता दें कि रोपवे प्रोजेक्‍ट (ropeway project) में सबसे महत्‍वपूर्ण गौरीकुंड से केदारनाथ तक बन रहा 10 किलोमीटर लंबा केबल कार है, जो 8 घंटे की दूरी को महज 30 मिनट में पूरी कर देगा। यह प्रोजेक्‍ट 2029 तक पूरा होगा और रोजाना 36 हजार यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। 


इसके अलावा हेमकुंड साहिब के लिए 12 किलोमीटर लंबा रोपवे (12 kilometer long ropeway) बनाया जा रहा है। इससे गोविंद घाट से हेमकुंड की दूरी को सिर्फ 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। अभी इसमें 3 दिन का समय लग जाता है। इस केबल कार से रोजाना 22 हजार लोग यात्रा कर सकेंगे।