UP के लिए बड़ा प्रोजेक्ट, 6 जिले NCR की तरह होंगे डेवलप, 27,826 वर्ग किलोमीटर का होगा विकास
UP News : उत्तर प्रदेश में लगातार प्रगति कार्य हो रहा है। अब यहां पर सरकार एक और प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली है। इस प्रोजेक्ट के तैयार होने पर 6 जिलों को एनसीआर (Delhi NCR News) के रूप में विकसित किया जाने वाला है। इसके लिए सरकार ने 27,826 वर्ग किलोमीटर भूमि का अधिग्रहण करने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।
HR Breaking News (UP Latest News)। उत्तर प्रदेश प्रगति की राह पर अग्रसर है। प्रदेश की विकास गति को रफ्तार देने के लिए योगी सरकार कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अब सरकार यूपी के 6 जिलों को एनसीआर की तर्ज पर डेवलप करने वाली है। इन जिलों को डेवलप (UP Devlopment) करने के पीछे सरकार का मकसद लोगों को बेहतर सुविधाएं देना है और प्रदेश की तस्वीर को बदलना है। आईए जानते हैं किन-किन जिलों को विकसित किया जाएगा।
इस तर्ज पर डेवलप होगा शहर
यूपी की राजधानी लखनऊ को दिल्ली-NCR और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन की तर्ज पर एक आधुनिक, स्मार्ट और ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जाने वाला है। इस दिशा में योगी सरकार (yogi government) ने एक बहुत बड़ा महत्वाकांक्षी कदम उठाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ-स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) के गठन की योजना को मूर्त रूप देने के लिए अधिसूचना को जारी कर दिया गया है।
इस परियोजना में लखनऊ के साथ-साथ पांच अन्य जिलों- हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य न केवल लखनऊ (Lucknow news) का विकास करना है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में संतुलित और टिकाऊ विकास को सुनिश्चित करना है। इसकी वजह से क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे की तस्वीर बदलने की संभावना लगाई जा रही है।
SCR परियोजना के तहत विकास कार्यों पर जोर
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य लखनऊ को एक वैश्विक स्मार्ट सिटी (smart city in UP) के रूप में स्थापित करना है और इसके आसपास के क्षेत्रों में सुनियोजित शहरीकरण को बढ़ावा देना है। इसकी वजह से न सिर्फ लखनऊ पर जनसंख्या का दबाव कम रहेगा, बल्कि आसपास के जिलों में भी आर्थिक गतिविधियां और रोजगार के मौके बढ़ने वाले हैं। लखनऊ-SCR परियोजना (Lucknow-SCR Project) के तहत कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। जिसकी वजह से क्षेत्र की कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करना हो करेंगे।
मेट्रो की भी मिलेगी सुविधा
लखनऊ मेट्रो का विस्तार आसपास के जिलों तक करने की प्लानिंग की जा रही है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने लखनऊ से आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए आठ नए मार्गों का प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके अलावा दिल्ली-मेरठ RRTS (Delhi-Meerut RRTS) की तर्ज पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को लागू करने की भी प्लानिंग की जा रही है। इसकी वजह से क्षेत्र के भीतर तेज और सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा।
लंबा आउटर रिंग रोड होगा डेवप
ये सड़क लखनऊ को छह जिलों से जोड़ने वाली है। अयोध्या, वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों से आने वाले वाहनों के लिए बाईपास का काम करने वाली है। यह सड़क किसान पथ की तर्ज पर डिजाइन की जाने वाली है। वहीं लखनऊ से 15-20 किलोमीटर की दूरी पर आउटर रिंग रोड (outer ring road) बनाया जाएगा। यह सड़क आगरा एक्सप्रेस-वे और सुल्तानपुर रोड जैसे प्रमुख हाईवे को जोड़ने वाली है। इसकी वजह से बाहरी वाहनों को लखनऊ में प्रवेश किए बिना गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा होगी।
हाईवे और रिंग रोड का होगा विस्तार
राजमार्गों और रिंग रोड को चौड़ा करने के साथ-साथ स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भी विकसित किया जाने वाला है। इसमें टैक्सी-ऑटो स्टैंड, मल्टीलेवल पार्किंग और स्ट्रीट वेंडर जोन को शामिल किया जाएगा। बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS Latest Update) और इलेक्ट्रिक वाहनों को भी प्रोत्साहन दिया जाने वाला है।
बस स्टॉप और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं को मिलेगी मजबूती
क्षेत्र में बस स्टॉप और लॉजिस्टिक सुविधाओं को मजबूती मिलने वाली है। लखनऊ हवाई अड्डे (Lucknow Airport) के विस्तार और मालवाहक परिवहन के लिए लॉजिस्टिक हब की स्थापना भी इस योजना का ही हिस्सा रहने वाली है।
आवास के मिलेंगे किफायती विकल्प
आम लोगों के लिए सस्ते और गुणवत्तापूर्ण घर उपलब्ध कराने के लिए नई आवासीय स्कीम को शुरू किया जाएगा। स्लम क्षेत्रों का पुनर्विकास और अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई भी इस योजना के तहत की जाने वाली है। रायबरेली में एम्स जैसे संस्थानों को मास्टर प्लान में शामिल करते हुए नए टाउनशिप (new township in UP) का विकास किया जाएगा। लखनऊ में पहले से ही पीएमएवाई के तहत 5,000 नए घरों की प्लानिंग शुरू की जा चुकी है।
होंगे मेडिकल और एजुकेशन संस्थान
शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए नए मेडिकल और शैक्षणिक संस्थानों को भी स्थापित किया जाएगा। रायबरेली में एम्स को मास्टर प्लान का हिस्सा बनाया जा रहा है। वहीं अन्य जिलों में भी इसी तरह के संस्थान (UP News) स्थापित करने की प्लानिंग की जा रही है। इन संस्थानों के विकास से स्थानीय लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं मिलने वाली है। इसकी वजह से क्षेत्र में रहने की सुविधाओं में भी इजाफा मिलेगा।
छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए डेवलेप किए जाएंगे औद्योगिक जोन
छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए यहां पर विशेषतौर पर आर्थिक क्षेत्र और औद्योगिक जोन की स्थापना की जा रही है। लॉजिस्टिक्स हब और आईटी पार्क भी इस योजना (UP SCR News) का एक अहम हिस्सा रहने वाला है। जोकि रोजगार के मौके को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा, इसकी वजह से क्षेत्र में स्मार्ट सिटी की अवधारणा को साकार किया जा सके।
पर्यावरण और ग्रीन एनर्जी की मिलेगी सुविधा
ग्रीन एनर्जी और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया जाने वाला है। ऐसे में उपवन और हेरिटेज वन योजना के तहत हरियाली बढ़ाने और भूजल स्तर में सुधार लाने की प्लानिंग को शुरू कर दिया गया है। विरासत वृक्षों (UP SCR Project) के संरक्षण और वाटिकाओं की स्थापना के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा दिया जाने वाला है। हेरिटेज ट्री अडॉप्शन स्कीम के तहत 948 विरासत वृक्षों का पोषण किया जाने वाला है। इसमें उन्नाव में 34 और हरदोई में 37 वृक्ष को शामिल किया गया है।
जमीन की कीमतों पर पड़ा असर
लखनऊ-SCR के गठन से क्षेत्र में जमीन की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसकी वजह से दिल्ली-NCR में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में जमीन की कीमतों (Land Price in UP) में उछाल देखा गया है। ठीक उसी तरह लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और सीतापुर में भी जमीन की कीमतों में बढ़ौतरी देखी जाने वाली है। खासतौर पर आउटर रिंग रोड और मेट्रो कनेक्टिविटी के आसपास के क्षेत्रों में यह वृद्धि अधिक होने वाली है। लखनऊ में सर्कल रेट्स (Circle Rates in Lucknow) पहले ही 2014-15 में 10-15 प्रतिशत तक संशोधित किये गए थे और इस परियोजना के लागू हो जाने के बाद और वृद्धि की संभावना लगाई जा रही है।
SCR के लिए नियुक्ती की गई ये कंपनिया
इस परियोजना के लिए मोबिलिटी प्लान और सर्वे का काम चेन्नई की एक कंसल्टेंट फर्म को सौंप दिया गया है। इस फर्म ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA New Peoject) को 380 पेज की एक विस्तृत रिपोर्ट को सौंपा है। इसमें हाई-स्पीड कनेक्टिविटी, एलिवेटेड कॉरिडोर, और टिकाऊ बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, कंपनी का नाम स्पष्ट रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह पुष्टि कर दी गई है कि यह एक जानी मानी फर्म है, जोकि इस तरह के बड़े पैमाने की परियोजनाओं में विशेषता रखने वाला है। इसके अतिरिक्त, जीआईएस (GIS) आधारित क्षेत्रीय महायोजना तैयार करने के लिए दो अन्य कंपनियों का चयन भी किया जा रहा है।
परियोजना को पूरा करने मे आएगी इतनी लागत
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि SCR परियोजना (SCR project) को विकसित करने के लिए कितना पैसा लगेगा इसको अभी तक सावर्जनिक नहीं किया गया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट में बताया गया है कि इस परियोजना के पहले चरण में 71 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, आवास विभाग ने लगभग 10 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। योगी सरकार (yogi government) द्वारा एक बड़ी परियोजना पर काम किया जा रहा है इस परियोजना में मेट्रो विस्तार, आउटर रिंग रोड, औद्योगिक जोन और आवासीय योजनाएं शामिल हैं। सरकार के इस मास्टर प्लान को पूरा करने के लिए कई हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक्सपर्ट का कहना है कि इस परियोजना (SCR Cities) को 2047 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ निजी निवेशकों से भी सहायता ली गई है।
SCR बोर्ड के अधिकारी
उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (UPSCRDA) के गठन के लिए एक उच्चस्तरीय बोर्ड बनाया गया है। इसमें कई अधिकारियों में शामिल किया गया है।
- इसका अध्यक्ष - मुख्यमंत्री
- उपाध्यक्ष: मुख्य सचिव
- पदेन सदस्य: आवास और शहरी नियोजन, वित्त, विधि, राजस्व, नियोजन, नगरीय विकास, औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास, नमामि गंगे, लोक निर्माण, पर्यटन, वन, ग्रामीण विकास, (SCR New Project) पंचायती राज, कृषि, सिंचाई और परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव।
- लखनऊ और अयोध्या के मंडलायुक्त।
- लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी के जिलाधिकारी।
- लखनऊ, उन्नाव-शुक्लागंज और रायबरेली विकास प्राधिकरण (Raebareli Development Authority) के उपाध्यक्ष।
- उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर और ग्राम नियोजक।
- भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय द्वारा नामित अधिकारी।
कार्यकारी समिति का हुआ गठन
इसके अलावा एक कार्यकारी समिति का भी गठन किया गया है। इसमें 21 सदस्यों को शामिल किया गया है। समिति की अध्यक्षता प्रमुख सचिव (आवास) करेंगे और इसमें नगर विकास, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, (UP Devlopment) अवस्थापना, परिवहन और पंचायती राज विभागों के सचिव/विशेष सचिव, यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक और नगर नियोजन एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है। सरकार द्वारा एक बड़ी परियोजना पर काम किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से प्रदेश (Uttar Pardesh News) की तस्वीर बदल जाएगी और उत्तर प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार होगा। योगी सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों से प्रदेश दिन दोगुनी रात चौगुनी कर रहा है।
