8th Pay Commission को लेकर आया बड़ा अपडेट, न्यूनतम वेतन से बढ़ी कर्मचारियों की चिंता
8th Pay Commission : केंद्र सरकार अब जल्द ही कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लागू करने वाली है। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी (Basic salary Hike) पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस अपडेट की वजह से कर्मचारियों की परेशानी बढ़ने वाली है। खबर में जानिये 8वें वेतन आयोग से जुड़ी पूरी जानकारी।
HR Breaking News - (Pay Commission)। देशभर के लाखों कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बता दें कि हाल ही में वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। अपडेट (Update on 8th Pay Commission) में जानकारी दी गई है कि इस वेतन आयोग को लागू होने में देरी हो सकती है। इसके साथ साथ कर्मचारियों की सैलरी में भी मामूली सी गिरावट दर्ज की जा सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में।
कर्मचारियों और यूनियनों के बीच बढ़ी चर्चाएं-
8वें वेतन आयोग को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और यूनियनों के बीच लगातार चर्चाएं बढ़ रही है। इस बार सबसे ज्यादा फोकस न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर पर ही किया जा रहा है। कर्मचारी संगठनों (8th Pay Commission Update) ने बताया है कि वेतन तय करने का तरीका पुराने ढांचे से बाहर निकलकर आज की जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है।
कर्मचारियों की जरूरतें होगी पूरी-
वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR for 8th Pay Commission) के तहत आयोग को वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं की समीक्षा की जाने वाली है। इसके साथ ही ऐसे बदलाव सुझाने हैं, जोकि व्यावहारिक हों और कर्मचारियों की जरूरतों को भी पूरा किया जाए। इसमें काम के बदलते स्वरूप, अलग-अलग विभागों की विशेष जरूरतों (8th Pay Commission News) और खर्चों के संतुलन पर ध्यान देने को कहा जा रहा है। TOR में ये भी बताया गया है कि सैलरी स्ट्रक्चर ऐसा होना चाहिए, इससे सरकारी सेवा में प्रतिभाशाली लोग आकर्षित होगें और काम में दक्षता, जवाबदेही और जिम्मेदारी बढ़ने वाली है।
TOR को लेकर सामने आई ये बात-
TOR में इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई है कि न्यूनतम वेतन तय करने का फॉर्मूला क्या होने वाला है। इसी कमी को लेकर कर्मचारी यूनियनें (8th Pay Commission) नए तरीके की मांग की जा रही हैं। उनका मानना है कि सिर्फ पुराने मानकों पर आधारित गणना अब आज के समय में पर्याप्त नहीं है और इसमें बदलाव होने काफी ज्यादा जरूरी रहने वाले हैं।
बैठक में लिये गए ये फैसले-
हाल ही में हुई बैठक में NC-JCM की स्टाफ साइड ने निर्णय लिया है कि वे 8वें वेतन आयोग के सामने न्यूनतम वेतन तय करने को लेकर एक विस्तृत प्रस्ताव रखने वाली है। स्टाफ साइड ने बताया है कि न्यूनतम वेतन (Basic salary Hike in 8th Pay Commission) को सिर्फ खाने-पीने और कपड़ों तक सीमित नहीं रखा जा रहा है बल्कि उनकी मांग है कि न्यूनतम वेतन तय करते समय इन बातों को भी शामिल किया जाए।
इन मांगो में वयस्क व्यक्ति की कैलोरी जरूरत, परिवार के सदस्यों की संख्या, (8th Pay Commission) खाना, कपड़े और अन्य गैर-खाद्य जरूरतें, सरकारी राशन दुकानों और सहकारी स्टोर्स की वास्तविक खुदरा कीमतें, त्योहारों और सामाजिक जिम्मेदारियों से जुड़े अतिरिक्त खर्च, डिजिटल और तकनीकी खर्च, जैसे मोबाइल फोन, इंटरनेट और रोजमर्रा की टेक जरूरतें, (8th Pay Commission Update) स्टाफ साइड का तर्क है कि आज के दौर में टेक्नोलॉजी कोई लग्जरी नहीं है बल्कि बुनियादी जरूरत बन चुकी है। इस वजह से इसे न्यूनतम वेतन के फॉर्मूले से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
7वें वेतन आयोग में ये प्रस्ताव आये सामने-
7वें केंद्रीय वेतन आयोग के TOR में भी लगभग ऐसे ही रुख को देखा गया था। हालांकि उसने न्यूनतम वेतन तय करने के लिए 1957 के 15वें इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस (ILC kya h) के मानकों को आधार तय किया था। इसमें एक कर्मचारी, उसके जीवनसाथी और 14 साल से कम उम्र के दो बच्चों वाले परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखा जा रहा था।
7वें वेतन आयोग में माना गया था कि ये तरीका सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए सही रहने वाला है। हालांकि, उस कैलकुलेशन में मोबाइल फोन, वाई-फाई और इंटरनेट जैसे आज के जरूरी खर्चों (Pay revision) को अलग से शामिल नहीं किया गया था। अब कर्मचारी संगठनों द्वारा माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग में इस कमी को दूर किया जा सकता है।
आगे बढ़ेगी वेतन आयोग की प्रक्रिया-
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा चुका है। इसके दायरे और प्राथमिकताओं पर चर्चा शुरू की जा चुकी है। भले ही सिफारिशें आने में अभी समय लगे, हालांकि न्यूनतम वेतन, पे मैट्रिक्स और फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) जैसे मुद्दों पर कर्मचारी संगठनों की सक्रियता साफ नजर आ रही है। सरकारी विभागों में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि आने वाले वेतन संशोधन के वित्तीय प्रभाव को लेकर अंदरूनी तैयारियां शुरू की जा चुकी है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार वेतन बढ़ोतरी (Fitment Factor Hike) को लेकर कर्मचारियों की उम्मीदें पहले से ज्यादा हैं।
8वें वेतन आयोग के तहत इतना फिटमेंट फैक्टर होगा लागू-
फिटमेंट फैक्टर को लेकर भी कर्मचारियों की नजर टिकी हुई है। 6वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.86 प्रतिशत तक का था। 7वें वेतन आयोग के तहत इसे बढ़ाकर 2.57 प्रतिशत (7th Pay Commission) तक किया गया था। इससे न्यूनतम बेसिक सैलरी को 18,000 रुपये तय किया गया है। फिलहाल अब कर्मचारी और यूनियनें 8वें वेतन आयोग से इससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद लगा रहे हैं।
उनका मानना है कि महंगाई, घरेलू खर्च, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य खर्च और टेक्नोलॉजी आधारित जीवनशैली की वजह से खर्च काफी ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि, यह भी माना जा रहा है कि सरकार (Fitment Factor in 8th Pay Commission) की वित्तीय स्थिति और कर्मचारियों की वास्तविक जरूरतों के बीच संतुलन बनाकर ही अंतिम फैसले को लिया जाने वाला है।
