Chanakya Niti: महिला कर रही हों ये काम तो पुरुष तुरंत झुका लें नजरें
HR Breaking News (ब्यूरो) : कौटिल्य, विष्णु गुप्त और वात्सायन के नाम से पॉपुलर आचार्य चाणक्य का जीवन न केवल तमाम तरह के रहस्यों से भरा पड़ा है बल्कि उनकी नीतियों की देश ही नहीं, विदेशों में भी खूब चर्चा है. माना जाता है कि अगर एक इंसान जिंदगी में सुखी और खुश रहना चाहता है तो उसे आचार्य चाणक्य की नीतियों को अपनी निजी जिंदगी में जरूर अपनाना चाहिए.
देश के मशहूर अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धि के बल पर पूरी दुनिया में अपने ज्ञान का डंका बजाया है. मानव जीवन से जुड़ी कई अहम बातों का इन्होंने अपने लेखों में जिक्र किया है, जिनके अनुसरण मात्र से पुरुष ही नहीं, महिला का जीवन भी सुखी व्यतीत हो सकता है.
Chanakya Niti : असंतुष्ट महिला करती है ये इशारे
राजनीति और कूटनीति के महान ज्ञाता चाणक्य ने महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए ऐसी बातें कहीं हैं, जो उनके निजी जीवन में उत्थान और प्रगति का शानदार कारण बन सकती हैं.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में पुरुषों के लिए कुछ खास बातों का उल्लेख किया है, जिनके मुताबिक गलती से भी पुरुषों को वो काम नहीं करने चाहिए.
इन्हें पढ़ने और जानने के बावजूद अगर कोई लड़का या पुरुष ऐसे काम करता है तो उसकी जिंदगी में उसका पतन शुरू हो जाता है. जी हां, पुरुषों को आचार्य चाणक्य के मुताबिक ये काम कतई नहीं करने चाहिए वरना उसके अंजाम ठीक नहीं होते हैं.
Chanakya Niti : असंतुष्ट महिला करती है ये इशारे
भोजन करती महिलाओं को न देखें
वैसे तो आजकल चाल-चलन बदलने के साथ ही महिलाएं भी पुरुषों के बराबर ही बैठकर खाना खाने लगी हैं लेकिन आचार्य चाणक्य के ग्रंथ नीतिशास्त्र में इसके बारे में जो जिक्र किया गया है, वह आपको जरूर जानना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी पुरुष को भोजन करती महिला की तरफ कतई नहीं देखना चाहिए. यह शिष्टाचार के खिलाफ होता है और भोजन करती महिला भी असहज हो जाती है और ठीक से खा भी नहीं पाती है.
कपड़े संभालती महिलाएं
अक्सर आपने देखा होगा कि अगर कोई महिला या लड़की अपने कपड़े ठीक कर रही होती है तो उसकी तरफ पुरुषों की नजरें जरूर जाती हैं. चाणक्य के नीति शास्त्र में इसे अपराध की तरह माना गया है.
Chanakya Niti : असंतुष्ट महिला करती है ये इशारे
चाणक्य कहते हैं कि अपने कपड़े ठीक कर रही महिलाओं की तरफ पुरुषों को गलती से भी नहीं देखना चाहिए. साथ ही छींकती और जम्हाई लेती महिलाओं को भी पुरुषों को देखना नहीं चाहिए. यह पुरुषों की मर्यादा के खिलाफ होता है.
श्रृंगार करती महिलाओं को न देखें
कई बार महिलाएं जब श्रृंगार करती हैं तो पुरुष एकटक उन्हें देखने लगते हैं. पुरुषों को यह नहीं करना चाहिए. खासकर काजल लगाती महिलाओं को पुरुषों को नहीं देखना चाहिए. इतना ही नहीं, खुद की या फिर बच्चे की तेल मालिश करती महिलाओं को पुरुषों का देखना उचित नहीं माना गया है.
माना जाता है कि आचार्य चाणक्य की नीतियों में कही गई इन बातों का अनुसरण करने से पुरुषों को समाज में मान-सम्मान मिलता है.