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Chanakya Niti : स्त्री की सबसे बड़ी ताकत होती है ये चीज

Chanakya Niti : हर व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए वह निरंतर प्रयास भी करता है। हालांकि, सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए जीवन में चाणक्य नीति का पालन करने की सलाह दी जाती है। आचार्य चाणक्य ने महिलाओं की उन्नति के लिए कई विचार साझा किए है। इन विचारों को अगर सही समय पर सही तरीके से अमल में लाया जाए तो सफलता जरूर मिलती है।
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HR Breaking News (ब्यूरो) : आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि व्यक्ति जीवन में अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहें और योजनाबद्ध तरीके से उन्हें सम्पन्न करें, तो वह कामयाबी को हासिल कर सकता है। साथ ही उसे कभी धन की कमी भी नहीं होती।

शास्त्रों में तो स्त्री को शक्ति का स्वरूप माना गया है, लेकिन चाणक्य ने बताया है कि स्त्रियों की सबसे बड़ी शक्ति क्या होती है। एक श्लोक के जरिए चाणक्य ने महिलाओं के अलावा ब्राह्मण, राजा (लीडर)की सबसे बड़ी ताकत का जिक्र किया है। 
 

बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।


स्त्री की ताकत (power of woman)


चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं के लिए उनकी सबसे बड़ी ताकत होती है मधुर वाणी। इसके अलावा चाणक्य ने महिलाओं के सौंदर्य को भी उनकी शक्ति बताया है लेकिन मधुर वाणी के आगे शारीरिक सुंदरता को कम आंका जाता है, जो उचित है।


मधुर वाणी के दम पर स्त्रियां हर किसी को अपना मुरीद बना लेती हैं। मधुर बोलने वाली स्त्री का हर जगह सम्मान होता है, स्त्री का ये गुण कुल का मान बढ़ाता है और इस शक्ति की बदोलत घर की कई पीढ़िया को अच्छे संस्कार मिलते हैं।


ब्राह्मण की शक्ति (power of brahmin)


चाणक्य के अनुसार ब्राह्मण का ज्ञान ही उसकी सबसे बड़ी ताकत और पूंजी है। इसी के दम पर वह समाज में पद और प्रतिष्ठा पाता है। आचार्य चाणक्य कहते ज्ञान न सिर्फ ब्राह्मण बल्कि हर व्यक्ति की शक्ति होता है। विपरित हालातों में ज्ञान ही वह शक्ति है जो संकटों से उबारने में मदद करती है।
 

राजा की ताकत (power of king)


राजा का लंबे समय तक सत्ता में रहना उसके स्वंय के बाहुबल पर निर्भर करता है। राजा के पास तमाम मंत्री-संत्री होते हैं बावजूद इसके अगर राजा दुर्बल है तो वह ज्यादा दिन तक राजगद्दी पर नहीं टिक सकता।


राजा स्वंय शक्तिशाली होगा तो अपने शासन को भी ठीक तरीके से चला पाएगा। लीडर के तौर पर समझें तो जब तक लीडर मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत नहीं होगा तो न ही मैनेमेंट ठीक होगा और न ही संस्थान तरक्की कर पाएगा।