बदायूं जिले में जनाजे में उमड़ी 20 हजार लोगों की भीड़, कोविड प्रोटोकॉल की जमकर उडाई धज्जियां, इन पर हुआ केस
HR BREAKING NEWS. उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जिला काजी हुजूर साहिब-ए-सज्जादा खानकाह-ए-कादरिया शेख अब्दुल हमीद मुहम्मद सालिमुल कादरी बदायूंनी का रविवार तड़के इंतकाल हो गया। दिन निकलने के साथ थी शहर के मोहल्ला सोथा स्थित उनके आवास मदरसा आलिया कादरिया में उनके अकीदतमंदों और मुरीदों का हुजूम जुटने लगा। उनके मुरिदिनों में हर धर्म के लोग शामिल हैं। पूर्वाह्न दरगाह कादरिया में तदफीन हुआ। जनाजे में भारी भीड़ उमड़ी। शनिवार को उनके प्रवक्ता का निधन हो गया था।
बताया जाता है कि जिला काजी का स्वास्थ अरसे से खराब चल रहा था। रविवार तड़के 03:41 बजे उन्होंने शरीर छोड़ दिया। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर उनके इंतकाल से जुड़ी खबरें वायरल हुई तो हर तबका गमगीन हो गया। लोग मदरसे पर उनके दीदार को पहुंचने लगे। देश से ही नहीं विदेश से भी शोक संवेदना व्यक्त की जाने लगी।
इंतकाल के बाद उनके जनाजे में 15-20 हजार लोग उमड़ पड़े। कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। कई लोग बिना मास्क के भी थे। हर कोई जनाजे को कंधा देना चाह रहा था। इस दौरान पुलिस भी बेबस नजर आई। सोमवार रात इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
जीते जी खुद नियमों के पालन की देते थे सीख
कादरी साहब का मुसलमानों के साथ-साथ हिंदू भी सम्मान करते थे। उन्होंने कई मसलों पर सरकार का साथ दिया। चाहे वह नागरिकता संशोधन कानून का मसला रहा हो या कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन की बात। लोगों को नियम-कानून का पालन करने के लिए हमेशा कहते रहे।
उनके निधन की सूचना मिलते ही लोगों का जमावड़ा लगने लगा। कोरोना से बेखौफ लोगों ने सारे नियम ताक पर रख दिए। पुलिस भी बेबस नजर आई। लोग जनाजे को कंधा देने के लिए बेताब दिखे।
फजीहत हुई तो एक्शन में आई पुलिस
वीडियो वायरल होने पर बदायूं पुलिस की फजीहत होने लगी। इससे बचने के लिए महामारी अधिनियम की धाराओं-188, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला सदर कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया। SSP बदायूं संकल्प शर्मा ने SP सिटी प्रवीण सिंह चौहान को जांच सौंपी है।
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क्यों उमड़ी भीड़?
पुलिस ने देहात से आने वालों को नहीं रोका। इसलिए भीड़ पहुंच गई और न ही किसी पुलिस के अधिकारी ने उनके परिवार या किसी और को समझाने की कोशिश की। पुलिस-प्रशासन कोविड नियमों का पालन कराने में असमर्थ दिखाई दिया। सरकार ने अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है।
