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DA arrear : 18 महीने के डीए एरियर पर आया बड़ा अपडेट, 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

DA arrear Updates : वैसे तो सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता दे दिया जाता है, लेकिन आज से तकरीबन 5 साल पहले केंद्रीय कर्मचारियों के डीए/डीआर को कोविड- 19 के दौरान रोक दिया गया था। अब हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों  (Govt। News Updates)के रोके गए 18 महीने के डीए एरियर को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। अपडेट के मुताबिक अब केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है।

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DA arrear : 18 महीने के डीए एरियर पर आया बड़ा अपडेट, 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

HR Breaking News (DA arrear) जनवरी में डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी के बाद कर्मचारियों के बीच कोविड-19 महामारी के दौरान जो महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) के 18 महीने के बकाए भुगतान को रोक दिया गया था, उसको लेकर खूब चर्चांए हो रही है।

 

 

अब इसी 18 महीने के डीए एरियर को लेकर हाल ही में एक बड़ी खबर आई है, जिसके तहत करोड़ों कर्मचारियों को अब बड़ी खुशखबरी मिल सकती है।

 

 

बैठक में उठाया गया कौन सा मुद्दा


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब हाल ही में नेशनल काउंसिल (JCM) की स्टैंडिंग कमेटी की 63वीं बैठक में 18 महीने के डीए एरियर (DA arrears for 18 months)के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया गया।

ये बैठक दिल्ली के के।जी। मार्ग पर मौजूद सिविल सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (CSOI) में हुई, जिसमे कर्मचारियों और पेंशनर्स की ओर से 18 महीने के डीए/डीआर एरियर  (DA Arrear of Covid-19 )को लेकर मांग की गई। इस बैठक में सचिव की अध्यक्षता में कई जरूरी मुद्दो पर बातचीत की गई।

कर्मचारी पक्ष ने किया स्पष्ट


बैठक में कर्मचारी पक्ष की ओर से साफ कहा गया है कि मार्च 2020 से जून 2021 तक का डीए/डीआर (DA arrears update) जो रोका गया था, उसे अब कर्मचारियों को वापस लौटा दिया जाना चाहिए।

उनका कहना है कि लॉकडाउन और कठिन हालात के बाद भी देश के कर्मचारियों और पेंशनर्स ने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भलिभांति निभाया है और सेवा भाव से अपना काम किया है, इसलिए वे इस बकाए को पाने का हक रखते हैं।

क्या है सरकार का रूख 


इतनी बातचीत के बावजूद भी वित्त मंत्रालय की ओर से अपने पुराने रुख को दोहराया गया। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी दौरान देश की आर्थिक स्थिति पर बूरा प्रभाव पड़ा था।

हालांकि सरकार की ओर से  जो कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई थी, उनका वित्तीय दबाव 2020-21 के बाद भी जारी रहा तो इन चीजों को देखते हुए भी डीए और डीआर (18-month DA news) के बकाए भुगतान को जारी करने के आसार नहीं लग रहे हैं।


8वें वेतन आयोग को लेकर भी अपडेट


इसके  साथ ही इस बैठक में 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की गठन प्रक्रिया और उसकी शर्तों को लेकर भी बातचीज की गई। कर्मचारी पक्ष ने यह मांग रखी है कि सरकार की ओर से जल्द से जल्द आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्यों की नियुक्ति की जानी चाहिए और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference) को जारी करना चाहिए। इस बारे में सरकार का कहना है कि कुछ सदस्यों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी गई है और बाकी का प्रोसेस अब भी जारी है।

कर्मचारियों (central govt employees DA)को आशा है कि वेतन आयोग (8th Pay Commission update)की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकेंगी और अगर इसमें देरी होती है तो फिर कर्मचारियों को बकाया के साथ भुगतान किया जाने की संभावना है।

क्या है इंश्योरेंस स्कीम 


बैठक में जो सबसे अहम मुद्दा उठाया गया है वह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इंश्योरेंस योजना (Insurance Plans)है। डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर (Department of Expenditure) की ओर से जो जानकारी आई है।

इसके तहत इस स्कीम के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है और जल्द ही इसे कर्मचारी पक्ष के साथ शेयर किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

DA एरियर को लेकर क्या सुनाया फैसला
 

हालांकि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कई मुद्दो को लेकर सरकार ने मनाही की, वहीं कई मुद्दो पर कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन फिर भी इस बैठक में कर्मचारियों के 18 महीने के डीए/डीआर (DA DR payment status)एरियर को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी जताई गई है।

कर्मचारियों के संगठनों के मुताबिक सरकार को इस मामले में एक बार फिर मानवीय दृष्टिकोण को देखना चाहिए और फिर हथकंड अपनाना चाहिए और उस राशि को लौटाना चाहिए जो कर्मचारियों ने ईमानदारी से अपने काम के बदले में कमाई थी।

कर्मचारियों की उम्मीदें
 

हालांकि अभी फिलहाल तो सरकार की  ओर से इस बारे में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन कर्मचारियों (central govt employees News Updates) और पेंशनर्स की आशांए अब भी खत्म नहीं हुई हैं। उनका मानना है कि अगर सरकार चाहे तो इस मुद्दे पर समाधान निकाल सकती है। उनके अनुसार अगली किसी बड़ी घोषणा या बजट में इस बात पर गौर किया जाना चाहिए।