DA Hike : सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर तगड़ा झटका, महंगाई भत्ते में नहीं होगी बढ़ौतरी
DA Hike : केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में महंगाई भत्ता एक अहम हिस्सा होता है। महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी को लेकर कर्मचारियों के लिए एक बार फिर झटका देने वाली खबर आई है। कर्मचारियों के लिए (DA Hike) महंगाई भत्ते की बढ़ौतरी पर नए आंकड़े आए हैं, जिन्होंने निश्चित तौर पर झटका देने का काम किया है।

HR Breaking News (DA Hike) केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जनवरी 2025 के महंगाई भत्ते पर जिस तरह से झटका लगा था, उससे भी तगड़ा झटका जुलाई के संशोधन में लगने वाला है। संशोधन के साथ हर बार होने वाली बढ़ौतरी इस बार नहीं होती दिख रही है। आइए जानते हैं इसके अपडेट के बारे में -
दो प्रतिशत बढ़ाया गया था महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार की ओर से इससे पहले कुछ दिन पहले ही महंगाई भत्ते (DA)में मात्र 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी की गई थी। जबक कर्मचारियों को तीन से चार प्रतिशत की बढ़ौतरी की उम्मीद थी। इससे देश के 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की तगड़ा झटका लगा था।
55 प्रतिशत हुआ महंगाई भत्ता
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत हो गया है। 78 महीने में महंगाई भत्ते में यह सबसे कम बढ़ौतरी थी। इससे पहले हर बाद तीन से चार प्रतिशह ही महंगाई भत्ता (DA Hike) बढ़ा था। हालांकि कोरोना के दौरान भी कर्मचारियों को झटका लगा था।
क्यों नहीं होगी डीए में बढ़ौतरी
महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी न होने के पीछे क्या-क्या कारण बन सकते हैं। इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर तगड़ा असर पड़ेगा। इसके पीछे ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़ों को माना जा रहा है। जहां से सैलरी बढ़ौतरी पर झटका लग रहा है। यानी महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी नहीं होगी।
क्या होता है महंगाई भत्ता
केंद्रीय कर्मचारयों को जीवन-यापन के लिए भत्ता दिया जाता है। केंद्र और राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA Hike) का लाभ देती हैं। महंगाई भत्ते को हर साल दो बार संशोधित किया जाता है। पहला संशोधन जनवरी में और दूसरा संशोधन जुलाई में होगा।
महंगाई भत्ता ऐसे होता है तय
लेबर ब्यूरो की ओर से हर महीने ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े जारी किए जाते हैं। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ता (DA Hike) तय किया जाता है। किसी भी छह महीने के लिए डीए बढ़ोतरी का फैसला पिछले छह महीनों के एआईसीपीआई का डेटा का विश्लेषण करके किया जाता है।
क्यों नहीं बढ़ेगा महंगाई भत्ता
जुलाई 2025 के महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी नहीं होगी, इसका कारण भी सामने आया है। 2025 के पहले दो महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) डेटा में गिरावट देखी गई है। इन्हीं आंकड़ों पर महंगाई भत्ता तय होता है। दो महीनों में गिरावट से लग रहा है कि महंगाई भत्ते में क्या पता बढ़ौतरी ही न हो।
वहीं, अभी चार महीने के आंकड़े आने रते हैं। यदि गिरावट का रुझान अगले 4 महीनों तक रहेगा तो यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्रीय कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों को 2% से कम या जीरो प्रतिशत ही बढ़ोतरी होगी। यानी बढ़ौतरी ही नहीं होगी।
क्या आए हैं आंकड़े
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को झटका लग रहा है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत आंकड़ों को देखें तो फरवरी 2025 में AICPI-IW 0.4 अंक गिरा है। यह 142.8 पर आ गया है। वहीं, जबकि जनवरी 2025 में यह 143.2 पर था। इतना ही नहीं, साल-दर-साल मुद्रास्फीति भी घटी है।
यह 2.59% कम हुई है। यह फरवरी 2024 में यह 4.90% थी।
वहीं अब ओवरऑल मुद्रास्फीति को देखते हुए लग रहा है कि एआईसीपीआई में मार्च और अप्रैल में और गिरावट आ सकती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में गिरकर पांच साल के निचले स्तर 3.34% पर आ गई। फरवरी में यह 3.61% थी।
इस फॉर्मुले से कैलकुलेट होता है डीए
डीए मे संशोधन पहले आधार वर्ष 2001 के साथ एआईसीपीआई के आधार पर की जाती थी। वहीं, 2020 से डीए की गणना बेस ईयर 2016 के साथ एक की जाने लगी। इसके अनुसार डीए = (पिछले 12 महीनों के लिए एआईसीपीआई का औसत (बेस 2016=100) x 2.88–261.4)गुणा 100/(261.4))