home page

Delhi की 700 कॉलोनियों पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

Delhi - दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वो ये बताए कि असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य और सेंट्रल रिज रिजर्व फॉरेस्ट में कोई अतिक्रमण हुआ है या नहीं? साथ ही आपको बता दे कि कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये भी आदेश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करे कि वन की जमीन किसी भी अतिक्रमण से मुक्त हो।
 | 
Delhi की 700 कॉलोनियों पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

HR Breaking News, Digital Desk- दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछा है कि वो यह बताए कि असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य और सेंट्रल रिज रिजर्व फॉरेस्ट में कोई अतिक्रमण हुआ है या नहीं? इसकी जानकारी दी जाए। उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को यह भी आदेश दिया है कि वो यह सुनिश्चित करे कि वन की जमीन किसी भी अतिक्रमण से मुक्त हो। इसके अलावा अदालत ने यह भी पूछा है कि क्या वन की जमीन पर बन रहे किसी अवैध कॉलोनी पर किसी कोर्ट ने स्टे ऑर्डर लगाया है, इसकी भी जानकारी दी जाए।

अदालत में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मनमोहन औऱ जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा ने कहा, 'यह नहीं हो सकता कि बिना किसी स्टे ऑर्डर के जंगल में 700 अवैध कॉलोनियां संचालित हो रही हों। जमीन को अतिक्रमण मुक्त होनी चाहिए।' अदालत की बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो छोटा और स्पस्ट रूप से एफेडेविट फाइल करे कि असोला भट्टी वाइल्डलाइफ सेंचुरी औऱ सेंट्रल रिज में कोई अतिक्रमण नहीं है।

हाई कोर्ट दिल्ली में हवा की खराब गुवणत्ता को लेकर एक याचिका पर सुनाई कर रही थी। इस मामले में अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया था और कोर्ट की मदद के लिए एक न्याय मित्र की भी नियुक्ति की गई थी। 

न्याय मित्र और वरिष्ठ वकील कैलाश वासुदेव ने इस मामले में अदालत को बताया है कि राजधानी दिल्ली में करीब 1,770 अवैध कॉलोनियां हैं। इन सभी को वैध करने की बात कही गई है। इनमें से करीब 700 जंगल के इलाके में हैं। इससे पहले हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि वो यह बताएं कि कैसे साउदर्न रिज फॉरेस्ट इलाके में नए निर्माण को मंजूरी दी गई जहां एक मल्टी-स्टोर हाउसिंग प्रोजेक्ट आ चुका है। 

न्याय मित्र ने अदालत को बताया कि साउदर्न रिज में आने वाले छतरपुर में अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि राष्ट्रीय राजधानी में काफी तेजी से औऱ अन्यायपूर्ण तरीके से जंगल के इलाके खत्म हो रहे हैं। न्याय मित्र ने इससे पहले खत्म हो रहे जंगलों की कुछ तस्वीरें भी अदालत को दिखाई थीं। यह तस्वीरें विशेष तौर से असोला सेंचुरी, एयरपोर्ट औऱ राष्ट्रपति भवन की थीं। जंगल के इलाकों को बढ़ाने के लिए न्याय मित्र ने सलाह दी थी कि सरकार को रिज इलाके में अतिक्रमण वाले इलाके की ठीक से पहचान करनी चाहिए।

News Hub