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high court decision : पत्नी के नाम खरीदी प्रोपर्टी का कौन होगा मालिक, हाईकोर्ट ने किया साफ

high court decision on property : प्रोपर्टी को लेकर विवाद आज के समय में आम हो गया है। कहीं दो भाइयों में विवाद मिलता है तो कहीं पति पत्नी तो कहीं भाई बहन में विवाद हो जाता है। वहीं पत्नी के नाम पति प्रोपर्टी (property) खरीदता है तो वह किसकी प्रोपर्टी मानी जाएगी। इसको लेकर हाईकोर्ट (high court decision) ने साफ कर दिया है। आइए जानते हैं हाई कोर्ट का पूरा फैसला। 

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high court decision : पत्नी के नाम खरीदी प्रोपर्टी का कौन होगा मालिक, हाईकोर्ट ने फैसले में किया साफ

Hr Breaking News (high court decision) : प्रोपर्टी का एक मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुंचा। इस प्रोपर्टी के विवाद में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला (court decision) सुनाया है। दरअसल, हाईकोर्ट  में जो मामला पहुंचा था उसके अनुसार ये बात आ रही थी कि घर की गृहणी अथवा पत्नी के नाम पर कोई प्रोपर्टी खरीदता है तो उस प्रोपर्टी पर किसका अधिकार रहेगा। 


इसमें यह सवाल आता है कि पति की ओर से पत्नी के लिए खरीदी गई संपत्ति (high court decision on property) की मालकिन केवल पत्नी होगी या उसपर पूरे परिवार का अधिकार रहेगा।

 

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हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला


इस मामले में हाईकोर्ट (high court decision) ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें हाई कोर्ट ने कहा कि किसी इंसान की ओर से अपनी गृहिणी पत्नी के नाम पर खरीदी हुई प्रोपर्टी को पारिवारिक प्रोपर्टी (family property) माना जाएगा। गृहिणी पत्नी (Wife property rights) के पास आय का कोई स्वतंत्र साधन नहीं है, जिस वजह से हाईकोर्ट ने ये फैसला दिया है।  

 

पत्नी के नाम संपत्ति खरीदना आम बात


हाईकोर्ट (high court decision) के न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने मामले में सुनवाई की है। उन्होंने कहा कि हिंदू परिवारों पत्नियों के लिए पतियों की ओर से प्रोपर्टी (Property) खरीदना आम बात है। इसलिए यह पूरे परिवार की संपत्ति मानी जाती है, जब तक पत्नी के पास ये सबूत नहीं है कि उसने अपनी आय से ये संपत्ति खरीदी है। 

परिवार की होगी संपत्ति


हाईकोर्ट (high court decision) ने मृत पिता की संपत्ति में सह मालिकाना हक के बेटे के दावे की याचिका पर सुनवाई की है। कोर्ट ने कहा कि अदालत भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 (Section 114 of Indian Evidence Act)  के अनुसार ये मान सकती है कि हिंदू पति की ओर से अपनी गृहिणी पत्नी के नाम पर खरीदी गई प्रोपर्टी परिवार की प्रोपर्टी (Property) होगी। आम तौर पर पति परिवार के हित में घर संभाल रही पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीद लेता है। जबकि पत्नी के पास आय का कोई स्वतंत्र साधन नहीं है। 

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कोर्ट ने बोला कि जब तक ये साबित न हो कि संबंधित प्रापर्टी (Property) पत्नी ने अपनी इनकम से खरीदी है, तबतक प्रोपर्टी को पति की इनकम से खरीदा समझा जाएगा। याचिका (High court case) लगाने वाले सौरभ गुप्ता ने अपने पिता की खरीदी हुई संपत्ति में एक चौथाई भाग के सह स्वामीत्व की मांग की थी। याची ने दलील दी कि उक्त प्रोपर्टी उनके पिता ने खरीदी है तो वह सह स्वामित्व के हकदार होंगे।  

 

प्रोपर्टी ट्रांसफर के खिलाफ रोक लगाने की मांग  


मामले में याची सौरभ गुप्ता की मां प्रतिवादी है। सौरभ गुप्ता ने प्रोपर्टी के ट्रांसफर को किसी तीसरे पक्ष को करने के विरूद्ध रोक की मांग को लेकर हाईकोर्ट (High court) में  याचिका दाखिल की थी। जबकि याची की मां, यानी प्रतिवादी ने लिखित में कहा था कि उनके पति ने उपहार में उनको वह संपत्ति दी है।   उनके पास आय का कोई साधन नहीं था। इसपर अंतरिम रोक की मांग को निचली अदालत (Court) ने रद्द कर दिया था। अब सौरभ ने हाईकोर्ट (High court) में याचिका दाखिल की थी।  

 

याची की अपील को हाईकोर्ट (High court) ने स्वीकार किया। हाईकोर्ट ने इसपर फैसला सुनाया और कहा कि एक हिंदू परिवार में पति की ओर से अपनी गृहिणी पत्नी (House wife property rights) के नाम पर खरीदी गई प्रोपर्टी पति की खुद की इनकम से खरीदी प्रोपर्टी होती है।  इसमें तर्क था कि क्योंकि आय का कोई स्वतंत्र स्रोत पत्नी के पास नहीं होता है। ऐसे में प्रथम दृष्टया यह प्रोपर्टी परिवार की प्रोपर्टी बन जाती है।