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Delhi Metro : दिल्ली के इन इलाकों में बनेंगे 3 नए मेट्रो कॉरिडोर, 11,150 करोड़ रुपये खर्च होंगे

New metro corridors : दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए मेट्रो कॉरपोरेशन की तरफ से रोजाना नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। अब फिर दिल्ली के इन इलाकों में तीन नए मेट्रो कॉरिडोर बनेंगे। जिन पर 11150 करोड रुपए खर्च होंगे। आइए खबर में जानते हैं दिल्ली में बनने वाले इन तीन नए मेट्रो कॉरिडोर के बारे में विस्तार से।
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Delhi Metro : दिल्ली के इन इलाकों में बनेंगे 3 नए मेट्रो कॉरिडोर, 11,150 करोड़ रुपये खर्च होंगे

HR Breaking News : (Delhi Metro corridors) देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक की भीड़ से बचने के लिए ज्यादातर लोग मेट्रो में सफर करना काफी पसंद करते हैं। दिल्ली में अब तीन और नए मेट्रो कॉरिडोर बनाए जाएंगे जो शहर की कनेक्टिविटी में सुधार करेंगे तथा मेट्रो की भीड़ को कम करने में भी फायदेमंद साबित होंगे। सरकार की तरफ से इन तीनों नए मेट्रो कॉरिडोर पर काम करने की प्राथमिकता दी गई है। ये कॉरिडोर हैं - आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ, एरोसिटी से टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज। 


3 नए मेट्रो कॉरिडोर (New metro corridors) बनाने में लगभग 11,150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर से थोड़ी ज्यादा होगी। हाल ही में, नेशनल प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने इन योजनाओं का मूल्यांकन किया। NPG, पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग करता है। अब ये योजनाएं कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखी जाएंगी।

सबसे लंबा कॉरिडोर - आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ 


दिल्ली मेट्रो के इन तीनों कॉरिडोर में सबसे लंबा आर के आश्रम (Tallest R K Ashram) से इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर होगा। यह पूरा रूट अंडरग्राउंड होगा। इस पर नौ स्टेशन होंगे। 


ये स्टेशन इंद्रप्रस्थ, भारत मंडपम, बड़ौदा हाउस, इंडिया गेट (सी-हेक्सागन के पास), कर्तव्य पथ पर बने नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) बिल्डिंग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, युगे युगीन भारत म्यूजियम (रकाबगंज गुरुद्वारा के पास), शिवाजी स्टेडियम और आर के आश्रम मार्ग पर होंगे।

 
एक सूत्र ने बताया, 'यह ग्रीन लाइन (इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लिंक) को ब्लू लाइन और जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से जोड़ेगा। इससे राजीव चौक पर भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी।'


इंडिया गेट पहुंचना होगा आसान


अधिकारियों का कहना है कि इंडिया गेट पर बनने वाला स्टेशन (station to be built at india gate) टूरिस्ट के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प होगा। इससे प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भरता कम होगी। अभी इंडिया गेट के पास सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (Central Secretariat Station) है। वहां से लोगों को या तो पैदल जाना पड़ता है या ऑटो-रिक्शा लेना पड़ता है। यह कॉरिडोर कर्तव्य पथ पर बन रहे 10 बड़े सरकारी दफ्तरों तक तेजी से पहुंचने में भी मदद करेगा। 


इस लाइन पर  CCS बिल्डिंग और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट पर दो स्टेशन बनने से सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस पहुंचने में आसानी होगी। पहले सीसीएस बिल्डिंग को बेसमेंट से जोड़ने के लिए एक ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम (APMS) बनाने का प्रस्ताव था। 


लेकिन, इसे छोड़ दिया गया क्योंकि उस ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इस्तेमाल (use of transport system) सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही कर पाते। एपीएमएस एक तरह की छोटी स्वचालित ट्रेन होती है, जो लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है।

टर्मिनल-1 तक होगीअंडरग्राउंड मेट्रो लाइन


अधिकारियों ने बताया कि एरोसिटी से टर्मिनल-1 तक मेट्रो लाइन (2.3 किलोमीटर) पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगी। इस पर सिर्फ एक स्टेशन होगा - टर्मिनल-1. इससे तुगलकाबाद, खानपुर, साकेत, महरौली और वसंत कुंज जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सीधे एयरपोर्ट कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। खासकर फरीदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए तुगलकाबाद इंटरचेंज के जरिए यात्रा करना सुविधाजनक होगा।

तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज लिंक एलिवेटेड कॉरिडोर


इस लिंक कॉरिडोर(4 किलोमीटर) पर तीन स्टेशन होंगे। यह एलिवेटेड कॉरिडोर होगा। एलिवेटेड कॉरिडोर का मतलब है कि मेट्रो लाइन (metro line) जमीन के ऊपर पिलर पर बनेगी। यह अली विलेज, अली विहार और मदनपुर खादर से होकर गुजरेगा। यह नया लिंक कालिंदी कुंज में मौजूदा मैजेंटा लाइन से जुड़ेगा। इससे वायलेट और मैजेंटा कॉरिडोर (Violet and Magenta Corridor) आपस में जुड़ जाएंगे। 


इन तीनों मेट्रो लाइनों (three metro lines) के बनने से राजधानी में ट्रांसपोर्ट और भी आसान हो जाएगा। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में कम समय लगेगा। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जाए, ताकि लोग अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करें और प्रदूषण कम हो। मेट्रो इसका एक अहम हिस्सा है।