Delhi Metro का विस्तार, बनेंगे 27 नए स्टेशन, DMRC ने दी जानकारी
दिल्ली मेट्रो में सफर करना लोगों को बहुत पसंद है। दिल्ली मेट्रो लगातार लोगों के लिए सुविधाओं को बढ़ा रहा है। दिल्ली मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो में 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। डीएमआरसी ने इसकी जानकारी दी है।
HR Breaking News (Delhi Metro) लोगों के सुगम सफर के लिए दिल्ली मेट्रो काफी सुगम साधन है। दिल्ली मेट्रो में सफर करना लोगों की पहली पसंद है। न ट्रैफिक जाम की समस्या और न ही ज्यादा महंगे पेट्रोल डीजल व टोल की फिक्र। दिल्ली मेट्रो के सफर को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अब मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है।
भूमिगत गलियारे का हो रहा निर्माण
दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) के नए कॉरिडॉर को बनाया जा रहा है। चौथे चरण के तहत 40.109 किलोमीटर का भूमिगत गलियारा बनाया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो के नए अध्याय में पांच अलग-अलग गलियारों में लगभग 86 किलोमीटर नई लाइन बिछाई जाएगी।
भूमिगत गलियारा चुनौती से कम नहीं
दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro Underground corridor) का भूमिगत गलियारा किसी चुनौतरी से कम नहीं है। इंजीनियरिंग विभाग को इसके लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। भूमिगत गलियारे विभिन्न भू-स्तरों से होकर गुजरते हैं। भूमिगत गलियारे में सदर बाजार, नबी करीम, महरौली बदरपुर रोड, अजमल खान पार्क, नई दिल्ली आदि शामिल हैं। इसमें भीड़भाड़ वाले आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्र भी शामिल हैं।
मेट्रो के 27 स्टेशनों का किया जाएगा निर्माण
दिल्ली मेट्रो में पांच अलग-अलग गलियारों का निर्माण किया जाएगा। इसमें लगभग 86 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई जाएंगी। भूमिगत गलियारा (Under ground corridor) कुल लाइनों का आधा हिस्सा होगा। मेट्रो अधिकारी के अनुसार कुल 27 भूमिगत स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। डीएमआरसी पहले ही जनकपुरी पश्चिम से कृष्णापार्क तक करीब दो किलोमीटर के भूमिगत खंड के निर्माण का कार्य पूरा कर चुका है।
यहां बनाया जाएगा नया गलियारा
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Delhi Metro News) की ओर से साल की शुरुआत में मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दे दी गई थी। लोगों की सुविधा के लिए दिल्ली मेट्रो के नए कॉरिडोर को बनाने की तैयारी चल रही है। योजना के अनुसार मेट्रो कर्तव्य पथ से होकर गुजरेगी। कर्तव्य पथ से होते हुए यह नॉर्थ और साउथ ब्लॉक तक पहुंचेगी। दिल्ली मेट्रो के इसी हिस्से में पावर कॉरिडोर सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास योजना को राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रस्तावित किया गया है।
