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Bihar के इस जिले में 1670 एकड़ में डेलवेप होगा सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

Bihar industrial area : सरकार बिहार में एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने जा रही है। बिहार के जिले में सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र 1670 एकड़ में डेलवेप किया जाएगा। कुछ ही महीनों में इस औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो जायेगा। 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। बिहार में एक नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने जा रहा है. यह औद्योगिक क्षेत्र गया जिले के गुरारू में स्थापित किया जा रहा है. यहां करीब एक साल से भूमि आवंटित की जा रही है. यहां की लगभग सारी भूमि आवंटित की जा चुकी है. यहां राइस मिल, टेक्सटाइल मिल, आइवी पैक यूनिट पर काम जारी है. यह जानकारी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने दी है.


सैकड़ों लोगों को मिलेगा रोजगार

अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ ही महीनों में इस औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो जायेगा. उन्होंने ने गुरुवार को गया जिले के डोभी के पास एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर साइट का दौरा किया. उन्होंने बताया कि 1670 एकड़ में फैला यह बिहार का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा. जानकारी के मुताबिक भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में है. उन्होंने जानकारी दी हे कि जीटी रोड और ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से निकटता की वजह से यह योजना यह गेम चेंजर साबित होगी.


जिले में अमृतसर-कोलकाता इंटीग्रेटेड कॉरिडोर की प्रगति संतोषजनक

गया पहुंचे अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने बताया कि डोभी प्रखंड में 1670 एकड़ में फैले अमृतसर-कोलकाता इंटीग्रेटेड कॉरिडोर के लिए जिनकी जमीन ली गई है, वैसे रैयती जमीन को मुआवजा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. साथ ही अपर मुख्य सचिव ने काफी संतोष प्रकट करते हुए उक्त प्रस्तावित कॉरिडोर को नक्शे के माध्यम से जानकारी ली कि किसी ओर से रास्ता निकल रहा है, किसी ओर से योजना का काम प्रारंभ होना है, किस ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलपमेंट किया जायेगा, नया फोरलेन सड़क किस तरफ से निकलेगा. उसे भी मैप के माध्यम से देखा.

भू अर्जन पदाधिकारी के माध्यम से मुआवजा वितरित किया जायेगा

इस दौरे के दौरान अपर मुख्य सचिव के साथ वहां मौजूद डीएम ने बताया कि जिनका दखल कब्जा लेना है, वह ले लिया गया है. जिन्हें मुआवजा देना था, वह भी कैंप लगाकर वितरित किया गया है. शेष बचे लोगों को जिला भू अर्जन पदाधिकारी के माध्यम से मुआवजा वितरित किया जायेगा. निरीक्षण के क्रम में कुछ स्थानीय लोगों ने डीएम को अवगत कराया कि मुआवजा वितरित एवं कागजों का सत्यापन करने में गड़बड़ी की शिकायत की. इस पर डीएम ने संबंधित लोकसेवकों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही.


मगध प्रमंडल के अधिकारियों के साथ अपर मुख्य सचिव ने की बैठक

इसके बाद अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक की अध्यक्षता में समाहरणालय में मगध प्रमंडल के पांचों जिलों के डीएम, डीडीसी व उद्योग पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई. इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों की मदद करें. गया में पावरलूम का सेक्टर काफी अच्छा है. यहां इंडस्ट्री को और बढ़ावा दिया जा सकता है. इसमें लोगों को बढ़ चढ़कर सहयोग देना होगा. लुधियाना व पुणे के बाद गया जिला चौथा नंबर पर पावरलूम में गिना जाता है. इस प्रकार औरंगाबाद में सबसे अधिक राइस मिल है. वहां और अच्छे इफेक्टिव रूप से लोगों को मदद करने की आवश्यकता है. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगों को जो इंस्टॉलमेंट के अनुसार राशि दी जाती है, उसकी टाइम टू टाइम पैसे का क्या प्रयोग किया है ? उसका फिजिकल वेरीफिकेशन हर हाल में करवाये।

लोन लेकर उद्योग नहीं लगाने वाले को चिह्नित का दर्ज कराएं प्राथमिकी

संदीप पौंड्रिक ने निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह बुधवार व गुरुवार को औचक निरीक्षण प्रस्तावित रहता है. उसमें भी उद्योग विभाग की योजनाओं को भी जांच करवाते रहे. उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का लोन उपलब्ध हो जाता है, पर मशीन संस्थापन नहीं करते हैं या मशीन खरीदने के बाद मशीन का प्रयोग नहीं करते हैं तो वैसे लोगों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करें और उनसे संबंधित राशि की रिकवरी होगी. उन्होंने उद्योग विभाग में जुड़े सभी लोगों को कहा कि बिहार सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर उद्योग के क्षेत्र में लाभ दिया जा रहा है. उसका भरपूर सदुपयोग करें. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले दिनों में लोन के माध्यम से जो भी मशीनें लोगों को खरीदने के लिए दी जाती है, उसे जियो टैग के साथ-साथ यूनिक नंबर/ सीरियल नंबर भी दिया जायेगा. जिससे उद्योग के क्षेत्र में और पारदर्शिता के साथ-साथ गड़बड़ी करने वालों को आसानी से चिह्नित कर लिया जायेगा।


मगध प्रमंडल में पीएमएफएमइ योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग का अच्छा माहौल

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मगध प्रमंडल के क्षेत्र में पीएमएफएमई योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग का बहुत अच्छा माहौल है. इस वर्ष 10 हजार लाभुकों को फूड प्रोसेसिंग के लिए लोन देने का लक्ष्य प्रस्तावित है, जिसके विरुद्ध तीन हजार लाभुकों को लोन सैंक्शन किया गया है. उन्होंने सभी बैंक के पदाधिकारी को कहा कि प्रत्येक बैंक हर माह कम से कम दो से तीन लोन सैंक्शन करें, ताकि कम समय में टारगेट को पूर्ण किया जा सके और अधिक से अधिक लोगों को मदद पहुंचा सके. अपर मुख्य सचिव ने वहां उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि बैंकों में प्राप्त आवेदनों के आलोक में लोन प्रोवाइड करने में तेजी लाये.मगध प्रमंडल में कुल 987 प्राप्त आवेदनों में से 353 लोगो को लोन उपलब्ध करवा दिया गया है. अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि 25 सितंबर को विभाग स्तर पर कैंप का आयोजन किया गया है।

हर मीटिंग में बैंक अधिकारियों के बदलने पर गया डीएम ने उठाया सवाल

इस मौके पर डीएम ने डॉ त्यागराजन ने बताया कि गया जिले में बैंकों को लगातार काम करने के लिए निर्देश दिया जाता है. लेकिन, यूको बैंक एवं सेंट्रल बैंक में काफी कम प्रगति देखी जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि जिला स्तर पर आयोजित बैठक में बैंकों के रिप्रेजेंटेटिव हर बार अलग-अलग आते हैं, जिसके कारण समीक्षा में थोड़ी कठिनाई होती है. इस अपर मुख्य सचिव ने सभी बैंकों के वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी जिले में सभी बैंकों का डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर नामित रहता है, जो जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में भाग लेते हैं. इसे पूरी अच्छी तरीके से पालन कराये.