DMRC : दिल्ली मेट्रो बनाने जा रही नया रिकॉर्ड, यह बनेगी देश की पहली परियोजना
Delhi Metro : दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने हाल ही में एक बड़ा अपडेट जारी कर दिया है। बता दें कि दिल्ली मेट्रो अब एक नया रिकार्ड बनाने की तैयारी में है। दिल्ली मेट्रो का यह प्रोजेक्ट देश की पहली परियोजना होने वाली है। आईए जानते हैं इस बारे में।
HR Breaking News (new metro line)। DMRC लगातार अपने मेट्रो नेटवर्क में बदलाव करती रहती है और नई-नई मेट्रो लाइन का निर्माण करती है। हाल ही में डीएमआरसी ने एक बड़ा अपडेट जारी किया है। अपडेट को जारी करते हुए बताया गया है कि दिल्ली मेट्रो अब एक नया रिकार्ड बनाने की तैयारी में है। डीएमआरसी (DMRC) की यह परियोजना देश की पहली परियोजना रहने वाली है। आईए जानते हैं इस बारे में।
जानिये क्या है परियोजना-
अक्सर दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को लगातार बदलावों के लिए भी जाना जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं पहले से ही पर्यावरण फ्रेंडली मेट्रो अब प्रदूषण विरोधी कदमों को और आगे ले जाने की तैयारी में है। पहले से ही सोलर एनर्जी का उपयोग कर रही दिल्ली मेट्रो अब ट्रेन संचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा रही है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) ने हर साल 500 मिलियन यूनिट (MU) नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित कर रही है।
बिजली मांग के हिस्से में बड़ा कदम-
डीएमआरसी (DMRC) की ओर से जानकारी देते हुए बताया है कि वह अपने यात्रियों को हमेशा स्वच्छ, हरित और निर्बाध सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने वाली है। अपनी मौजूदा बिजली मांग के एक बड़े हिस्से को पूरा करने के लिए डीएमआरसी पहले से ही रीवा सोलर पार्क से वार्षिक तौर पर लगभग 350 मिलियन यूनिट बिजली ली जा रही है।
इसके अलावा DMRC के स्टेशनों, डिपो और कर्मचारी कॉलोनियों की छतों पर स्थापित रूफटॉप सोलर प्लांट से वार्षिक तौर पर 40 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न की जा रही है। डीएमआरसी में परिचालन समय के दौरान इस नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कुल बिजली उपयोग का लगभग 33 प्रतिशत और दिन के समय मेट्रो परिचालन के दौरान लगभग 65 प्रतिशत तक का रहा है।
नवीकरणीय ऊर्जा करने की जरूरत-
दिल्ली और एनसीआर में DMRC को हर साल 500 मिलियन यूनिट नवीकरणीय ऊर्जा करने की जरूरत रहने वाली है। इसकी आपूर्ति करने के लिए भारत में कहीं भी ग्रिड से जुड़ा कैप्टिव जनरेटिंग प्लांट और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) स्थापित करने के लिए एक सौर ऊर्जा डेवलपर का चुनाव हो रहा है। इसके लिए बोलियां मंगाई की जा रही है। जानकारी के लिए बता दें यह भारत के स्वच्छ और अधिक लचीली आगामी ऊर्जा के लिए सहायता करने की दिशा में एक बड़ा कदम रहने वाला है।
डीएमआरसी ने दी जानकारी-
डीएमआरसी (DMRC) ने जानकारी देते हुए बताया है कि नवीकरणीय बिजली के लिए बोली आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य अपने ऊर्जा पोर्टफोलियो में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को फिलहाल 33 फीसदी से बढ़ाकर अपनी कुल ऊर्जा जरूरत के 60 फीसदी से अधिक करना है। इस पहल के साथ, डीएमआरसी भारत की पहली मेट्रो रेल परियोजना (metro rail project) बन जाएगी जोकि टिकाऊ और कम कार्बन वाले परिचालन की ओर ट्रांजिशन के लिए 60 फीसदी से ज्यादा की नवीकरणीय ऊर्जा का यूज करने वाली है।
इतने समय में पूरी होगी परियोजना-
परियोजना की निर्धारित पूर्णता अवधि कार्य सौंपे जाने की तिथि से 15 महीने होगी और बिजली खरीद समझौते की अवधि 25 वर्ष तक की होने वाली है। बोली प्रक्रिया अनुमोदित सरकारी मानदंडों के मुताबिक ही लागू की जाने वाली है। यह डीएमआरसी द्वारा भारत सरकार की प्रस्तावित पांच-स्तरीय रणनीति पंचामृत में योगदान देने का एक प्रयास है, इसमें सीओपी-26 (Conference of the Parties) में घोषित पांच क्लाइमेट एक्शन गोल्स शामिल रहने वाली है।
