8th Pay Commission देरी से लागू होने पर कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा आर्थिक नुकसान, लागू होने में लगेगा इतना समय
8th Pay Commission : नया वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। दस साल में एक समय ऐसा आता है, जब कर्मचारियों के भविष्य के दस वर्षों के वेतनमान को एक बार में तय किया जाता है। इसके बाद महंगाई भत्ते (DA Hike) के सहारे ही कर्मचारियों के वेतन में हर छह महीने में इजाफा होता है। यह इजाफा भी तय किए गए नए पे मेट्रिक्स पर ही निर्भर करता है। इसलिए एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों की नजर नए वेतन आयोग पर है।
HR Breaking News (8th Pay Commission Update) केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग जनवरी 2026 से प्रभावी माना जाएगा, परंतु, कर्मचारियों के मन में एक ही सवाल है कि 8वां वेतन आयोग कब लागू होगा और कर्मचारियों को क्या-क्या लाभ दिए जाएंगे। इन सभी सवालों के विस्तृत जवाब मिल गए हैं। चलिए जानते हैं-
कर्मचारियों की सैलरी में होगा 10% का नुकसान
आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू होने में अभी काफी समय लगने वाला है, जिसके चलते देश के एक करोड़ 19 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स को हर साल 10% वेतन के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। कर्मचारी और पेंशनर्स (Employees and Pensioners) के मन में यह सवाल उठ रहे हैं। इस सवाल से कर्मचारी और पेंशनर्स परेशान हो रहे हैं कि कर्मचारियों को करीब 2 साल तक नए वेतन आयोग का इंतजार करना पड़ेगा। इससे कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस वजह से हो सकता है नुकसान
देश के कर्मचारियों को नए वेतन आयोग (New Pay Commission) में अच्छी सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद है, परंतु कर्मचारियों की उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रही है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की तरफ से कहा गया है कि महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज नहीं किया जाएगा। इसको कर्मचारी संगठनों ने निराशाजनक बताया है।
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार इससे 10% रुपए हर महीने बचाएगी। कर्मचारियों को 4 साल तक इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरकार की ओर से मूल वेतन में महंगाई भत्ते को मर्ज (DA Merger) नहीं किया जाना निराशाजनक है। इस पर नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल की ओर से भी अपनी प्रतिक्रिया में यही बात कही गई है।
कर्मचारियों के मन में आ रहे हैं सवाल
कर्मचारी नए वेतन आयोग (New Pay Commission) को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं। इसमें कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा संदर्भ की शर्तों को लेकर भी कर्मचारी लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर कर्मचारियों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि डिजिटलाइजेशन के युग में सरकार को रिपोर्ट तैयार करने में 18 महीने का समय कैसे लग सकता है? कर्मचारियों की मांग है कि जल्द से जल्द नए वेतन आयोग की रिपोर्ट को तैयार करके इसको लागू किया जाए, ताकि कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान ना हो। पहली जनवरी से 2026 में नए वेतन आयोग (8th pay commission) को लागू किया जाना चाहिए। नए वेतन आयोग के लागू होने पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि इसके लागू करने का निर्णय सरकार द्वारा वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद लिया जाएगा।
पेंशनर्स को दिया जाएगा आठवें वेतन आयोग का लाभ
कर्मचारियों की ओर से संदर्भ की शर्तों (Term of Reference) में 8वें वेतन आयोग का पेंशनर्स को लाभ देने के बारे में जिक्र न होने का सवाल उठाया जा रहा था। इस पर संसद में क्लियर कर दिया गया है। संसद में जवाब दिया गया है कि कर्मचारियों को तो आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का लाभ दिया ही जाएगा, साथ में पेंशनर्स को भी नए वेतन आयोग में लाभान्वित किया जाएगा।
अलग-अलग प्रकार के पेंशनर होंगे लाभान्वि
आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) प्राप्त कर रहे कर्मचारियों और नई पेंशन प्राप्त कर रहे कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। साथ में यूपीएस के कर्मचारियों को भी इसमें लाभ दिया जाएगा। इन सभी की पेंशन में काफी अंतर है जो कोई नई बात नहीं है। कर्मचारियों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि सब कुछ डिजिटल है, तो फिर भी 18 महीने का समय क्यों लग रहा है। इस पर कर्मचारियों को अंदेशा है कि सरकार नए वेतन आयोग को चुनाव से जोड़ना चाहती है और जानबूझकर इसमें देरी कर रही है, हालांकि इस पर कुछ भी अभी स्पष्ट नहीं है।
कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस का भी होगा नुकसान
नए वेतन आयोग में कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) का भी नुकसान हो सकता है। जब नया वेतन आयोग आएगा तो फिटमेंट फैक्टर का टेबल बदल जाएगा। इससे कर्मचारियों को 24 महीने के हाउस रेंट अलाउंस का नुकसान हो सकता है। कर्मचारियों को बाद में एरियर (Arrear) दिया जाएगा, लेकिन यह एरियर महंगाई भत्ते (DA Arrear) और बेसिक सैलरी (Basic Salary) को मिला कर दिया जाता है। इसमें हाउस रेंट अलाउंस और ट्रैवल एलाउंस नहीं दिया जाता, यानी कि कर्मचारियों को 24 महीने का बढ़े हुए हाउस रेंट अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस का नुकसान होगा।
कितना हो जाएगा न्यूनतम वेतन
नए वेतन आयोग में कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर निर्भर करता है। इसके अलावा महंगाई भत्ता भी अहम रोल निभाएगा। फिलहाल इसको मर्ज करने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अगर डीए मर्ज नहीं किया जाता है तो आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 तक रह सकता है। डॉक्टर मंजीत पटेल के अनुसार ऐसे में कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी (Minimum Basic Salary) 18000 रुपए से बढ़कर 47000 तक पहुंच सकती है।
फिलहाल महंगाई भत्ता मिलता रहेगा
कर्मचारियों को फिलहाल सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत महंगाई भत्ते का भुगतान जारी रहेगा। कर्मचारियों को नए वेतन आयोग का लाभ कब से दिया जाएगा, इसको लेकर सरकार ने अभी कुछ तय नहीं किया है। हालांकि कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इसे 1 जनवरी 2026 से ही प्रभावी मानेगी, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। पंकज चौधरी ने कहा कि इससे कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है। बता दें कि वित्त राज्य मंत्री की ओर से कहा गया है कि आयोग के लागू होने की तिथि सरकार तय करेगी।
