employees gratuity : ग्रेच्युटी के लिए इतने साल की नौकरी जरूरी, जानिये कैसे होती है ग्रेच्युटी की गणना
Gratuity Rules - अगर आप भी सरकारी कर्मचारी है तो आपने ग्रेच्युटी का नाम तो सुना ही होगा। आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं की ग्रेच्युटी के लिए कितने साल की नौकरी करनी जरूरी होती है और किस तरह होती है ग्रेच्युटी की गणना। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं ग्रेच्युटी से जुड़ा एक नया अपडेट।

HR Breaking News : (govenment employees) सरकारी विभाग कर्मचारियों को वेतन और पीएफ के अलावा ग्रेच्युटी (Gratuity) भी देते हैं। अगर आप किसी कंपनी में कई सालों तक काम करते हैं तो भी आपकों ग्रेच्यु्टी मिलती है। ग्रेच्यु्टी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड होता है। ग्रेच्युटी पाने को एम्पलॉई को कुछ शर्तें पूरी करनी (Gratuity Rules)होती है। ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी के वेतन से कटता है, लेकिन बड़ा भाग कंपनी देती है। नौकरी बदलने, सेवानिवृत होने या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देने पर भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का फायदा (benefit of gratuity)मिल सकता है बशर्ते वो शर्तों को पूरा करता हो।
बहुत से लोगों का यह मानना है कि ग्रेच्युटी (Gratuity) कंपनियां तभी देती हैं, जब एक व्याक्ति एक ही जगह 5 साल या उससे ज्यापदा समय तक काम करता है। लेकिन, हकीकत में ऐसा नहीं है। कानून के मुताबिक, एक ही कंपनी में पांच साल लगातार काम करना ग्रेच्युटी पाने के लिए जरूरी नहीं है। अगर कर्मचारी ने एक ही संस्थामन में 4 साल 240 दिन लगातार काम कर लिया है तो वह ग्रेच्युटी के हकदार हो जाएंगे। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युएटी एक्ट, 1972 के तहत इसका फायदा उस कंपनी के हर कर्मचारी को मिलता है जहां 10 से ज्याजदा लोग काम करते हैं।
मौत होने पर नहीं रहती समय की लिमिट (Payment of Gratuity Act)
अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उसकी ग्रेच्युटी की गणना के लिए अवधि की लिमिट नहीं रहती है। इसका मतलब है कि ऐसे कर्मचारी ने अपनी सेवाकाल में कितना ही दिन गुजारा हो वह ग्रेच्युटी पाने का पूरा हकदार (employees gratuity)माना जाएगा। कोयला या अन्य माइंस में अथवा अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट में काम करने वालों के लिए 4 साल 190 दिन पूरे करने पर ही 5 साल का कार्यकाल मान लिया जाता है। कानून के मुताबिक, भूमि से नीचे काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों को 4 साल 190 दिन पर ही ग्रेच्युटी का हकदार माना जाएगा।
कैसे होती है ग्रेच्युटी की गणना? (calculation of gratuity)
ग्रेच्युटी की गणना करने का फार्मूला (formula to calculate gratuity) है। कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)। मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया। उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 50000 रुपये है। यहां महीने में 26 दिन ही गिने जाते हैं क्योंंकि यह माना जाता है कि जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है।
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (50000) x (15/26) x (20)= 576,923 रुपये।