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कर्मचारियों की पेंशन को लेकर EPFO ने की बड़ी कार्रवाई

अगर आप भी कर्मचारी है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल कर्मचारियों की पेंशन को लेकर ईपीएफओ ने बड़ी कारवाई की है।  ऐसे में आइए नीचे खबर में जानते है कर्मचारियों की पेंशन से जुड़ी ईपीएफओ की लेटस्ट अपडेट..

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कर्मचारियों की पेंशन को लेकर EPFO ने की बड़ी कार्रवाई

HR Breaking News, Digital Desk- कर्मचारियों की पेंशन राशि जमा नहीं करने में निजी संस्थानों के साथ ही शासकीय विभाग भी पीछे नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ) द्वारा अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक प्रदेश के 400 से अधिक संस्थानों को कर्मचारियों की पेंशन राशि जमा नहीं करने पर कार्रवाई की जा रही है।

विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की पेंशन राशि जमा नहीं करने में निजी संस्थानों के साथ ही शासकीय विभाग जैसे निगम, बीएसएनएल, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज, छत्तीसगढ़ वन विकास निगम लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड और छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल भी शामिल है।

इन संस्थानों से ईपीएफओ को 84 करोड़ वसूलना है, इसमें से ईपीएफओ ने अभी तक 35 करोड़ की वसूली कर ली है। ईपीएफओ द्वारा की जा रही यह कार्रवाई क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त 1 अभिषेक कुमार व अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मप्र छग) पंकज के निर्देशानुसार की जा रही है।

यह है नियम-

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त 2 जयशंकर राय ने बताया कि नियम के अनुसार कोई भी संस्था जहां 20 या 20 से ज्यादा कर्मचारी है,पीएफ एक्ट के अंतर्गत आते है। इन्हें हर माह 15 तारीख तक कर्मचारियों की अंशदान राशि जमा करानी होती है। अंशदान राशि जमा नहीं कराने वाले संस्थानों को पहले नोटिस दिया जाता है। उसके बाद धारा 7(क) के तहत जांच होती है और जांच में सही पाए जाने पर नियोक्ता के खिलाफ आर्डर पास होता है।

आदेश के बाद भी राशि जमा न कराने पर जा सकते है कोर्ट-

बताया जा रहा है कि कि अगर ईपीएफओ द्वारा आदेश देने के बाद भी संस्था द्वारा राशि जमा नहीं की गई तो धारा 14(क) के तहत कोर्ट भी जाया जा सकता है। नियोक्ता को छह माह की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना भी लग सकता है।


संपत्ति जब्त के साथ डिफाल्टरों को हो सकती है सजा-

ईपीएफओ के अधिकारियों ने बताया कि अगर नियोक्ता संस्थाओं द्वारा अपनी राशि 31 मार्च तक भी जमा नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ अप्रैल में रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट जारी होने पर वसूली अधिकारी के पास पूरा मामला चला जाता है और उसके द्वारा संपत्ति जब्त करने के साथ ही डिफाल्टरों को गिरफ्तार किया जा सकता है। उसके पास सिविल कोर्ट के बराबर शक्तियां होती है।

इस प्रकार हुई कार्रवाई-

धारा 7(क) के तहत 54 संस्थानों पर जांच की गई। साथ ही 123 मामलों का निवारण हुआ है। धारा 14(ब) के तहत 345 संस्थानों की जांच चल रही है। इनमें से 313 मामले समाप्त हो गए है। ईपीएफओ को दोनों धाराओं के तहत पेंशन राशि जमा न करने वाले संस्थानों से 84 करोड़ वसूलना है,इसमें से 35 करोड़ की रिकवरी हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी डिमांड के तहत 10.3 करोड़ की वसूली हुई है। ये आंकड़े अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक के है।

निगम ने लौटाई राशि-

कर्मचारियों का अंशदान नहीं देने के कारण ईपीएफओ द्वारा रायपुर निगम के खाते सीज कर दिए गए थे। गुरुवार को निगम ने कर्मचारियों की अंशदान की राशि लौटा दी। गौरतलब है कि निगम द्वारा ईपीएफओ से राशि जमा करने के लिए समय मांगा गया था,लेकिन ईपीएफओ ने मोहलत नहीं दी और राशि जल्द से जल्द जमा करने कहा। इस पर गुरुवार शाम को राशि लौटाई गई।