father-in-law's property : सास ससुर की प्रोपर्टी में दामाद के अधिकार पर हाईकोर्ट का अहम फैसला

HR Breaking News : (madhya pradesh high court) प्रोपर्टी की बढ़ती कीमतों को देख इसको लेकर कई तरह के नियम और कानून बनाए गए है। जानकारी के अभाव के चलते ही आमतौर पर संपत्ति संबंधी विवाद (ancestral land) होते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों को संपत्ति संबंधी नियमों-कानूनों के बारे में सामान्य समझ हो। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है।
एक व्यक्ति द्वारा दायर SDM कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर अपने फैसले में कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के तहत अगर कोई बुजुर्ग अपने दामाद से मकान खाली कराना चाहता है, तो ऐसा किया जा सकता है। हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, भोपाल के दिलीप मरमठ अपने ससुर के घर (father-in-law's property) में रह रहे थे। उनके ससुर नारायण वर्मा ने एसडीएम कोर्ट में अपील दायर कर अपने मकान को खाली कराने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके खिलाफ दिलीप मरमठ ने भोपाल कलेक्टर के समक्ष अपील की, लेकिन वह भी खारिज हो गई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका (high court decision) दायर की। याचिका में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस घर के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये दिए थे और बैंक स्टेटमेंट भी प्रस्तुत किया।
हालांकि, अदालत ने पाया कि दिलीप मरमठ और उनकी पत्नी ज्योति को केवल ससुर के घर में रहने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने बुजुर्ग अवस्था में अपने ससुर की देखभाल करने का वादा किया था। लेकिन 2018 में एक दुर्घटना में ज्योति की मौत हो गई। इसके बाद दिलीप मरमठ ने दूसरी शादी कर ली और अपने वृद्ध ससुर का ध्यान रखना बंद कर दिया। इस आधार पर अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि दामाद इस मकान पर दावा नहीं कर सकता और उसे मकान खाली करना होगा।
दामाद को कैसे मिलती है ससुराल से संपत्ति ?
भारतीय कानून (Indian Law) के अनुसार, शादी के बाद दामाद को आमतौर पर ससुराल से संपत्ति का कोई कानूनी अधिकार नहीं मिलता। हालांकि, कई मामलों में ससुराल पक्ष दामाद को घर में रहने की अनुमति (Property dispute) देता है या आर्थिक सहायता प्रदान करता है। कुछ मामलों में, अगर ससुर अपनी बेटी और दामाद के नाम पर कोई संपत्ति खरीदता है, तो वे उसके मालिक बन सकते हैं।
हालांकि, अगर संपत्ति केवल रहने की अनुमति (porperty related news) के आधार पर दी गई हो, तो इसे वापस लिया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण कानून के तहत अगर कोई बुजुर्ग अपने दामाद को घर से निकालना चाहता है, तो वह कानूनी रूप से ऐसा कर सकता है।