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Fitment Factor Salary Hike : लग गई मुहर, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34 हजार के पार

Fitment Factor Salary Hike : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी. दरअसल हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34 हजार के पार होगी... जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे-

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Fitment Factor Salary Hike : लग गई मुहर, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34 हजार के पार

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission Salary Hike) केंद्र की मोदी सरकार ने जनवरी 2024 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। जिसके चलते केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से इसकी रूपरेखा और संभावित सैलरी बढ़ोतरी को लेकर चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर फिटमेंट फैक्टर कितना होगा और असल में सैलरी कितनी बढ़ेगी? आइए एक नजर डालते है नीचे इस खबर में-

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?

फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक (Multiplier) है जिसका उपयोग नए वेतन आयोग में नए मूल वेतन की गणना के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का वर्तमान मूल वेतन ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 है, तो उनका नया मूल वेतन ₹51,480 हो सकता है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह वृद्धि उतनी महत्वपूर्ण नहीं हो सकती जितनी पहली नज़र में लगती है, क्योंकि इसमें महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते भी शामिल होते हैं जिनकी गणना नए मूल वेतन के आधार पर की जाएगी.

पिछले वेतन आयोगों से समझिए-

छठवें वेतन आयोग (6th pay commission) में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे औसतन 54 प्रतिशत की सैलरी बढ़ोतरी हुई थी. इसके मुकाबले, सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) में फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.57 हुआ, लेकिन असल बढ़ोतरी सिर्फ 14.2 प्रतिशत ही रही. इसका मुख्य कारण यह था कि ज़्यादातर फिटमेंट केवल महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को समायोजित करने में इस्तेमाल हो गया.

इस बार क्या हो सकता है?

अलग-अलग कर्मचारी संगठनों की मांग है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा जाए ताकि वेतन और पेंशन में "वास्तविक बढ़ोतरी" महसूस हो. हालांकि, फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग कहते हैं कि इतनी बड़ी बढ़ोतरी व्यावहारिक रूप से संभव नहीं लगती. अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) लगभग 1.92 के आसपास तय हो सकता है. अगर ऐसा होता है, तो न्यूनतम बेसिक पे (basic pay) 34,560 तक जा सकता है. पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा फिर से महंगाई समायोजन में ही चला जाएगा.

सातवें वेतन आयोग में असल बढ़ोतरी कैसे हुई?

सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के दौरान, मौजूदा वेतन के साथ 125 फीसदी महंगाई भत्ता जोड़ा गया था. उस स्थिति में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर में से सिर्फ 0.32 हिस्सा ही "नई बढ़ोतरी" मानी जा सकती थी. मतलब, कुल बढ़ोतरी का सिर्फ 14.2 प्रतिशत ही असल फायदा था, बाकी सब सिर्फ पहले से मिलने वाली रकम का नया स्वरूप था.

वर्तमान स्थिति क्या है?

 8वें वेतन आयोग के लिए सरकार ने हाल ही में दो सर्कुलर जारी कर 40 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन पदों पर अलग-अलग विभागों से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है. जल्द ही आयोग का Terms of Reference (ToR) जारी होगा, जिसके बाद चेयरमैन और अन्य सदस्य नियुक्त होंगे. 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होनी हैं क्योंकि 7वें आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है.

सरकार पर कितना वित्तीय बोझ आएगा?

सातवें वेतन आयोग से सरकार पर ₹1.02 लाख करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आया था. आठवें आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर ज़्यादा रहा, तो यह बोझ और बढ़ सकता है. इसलिए सरकार इस बार फूंक-फूंककर कदम रख रही है ताकि वित्तीय संतुलन बना रहे.