किसान आंदोलन समझौते के क्रेडिट के लिए झींडा और चढूनी में टकराव, चढूनी बोले हीरो बनना चाहता है झींडा

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। हरियाणा के करनाल में चल रहे किसान आंदोलन का समझौता हो गया है। ACS की अगुवाई वाली प्रशासनिक टीम से हुए समझौते के क्रेडिट को लेकर भाकियू हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम चढूनी और HSGPC पूर्व प्रधान जगदीश झींडा के बिच टकराव की खबरे आ रही है। दरअसल सबसे पहले, सोमवार को झींडा ने डेरा कार सेवा से ऐलान किया कि पर्दे के पीदे रहकर उन्होंने सभी पक्षों से बातचीत कर समझौता करवाया। झींडा के इस बयान पर चढूनी ने टिपण्णी करते हुए कहा कि, ये गंदे लोग है में इनका क्या करूं। जवाब में झींडा ने भी भाकियू नेता पर आरोप लगाएं है।
चढूनी ने झिंडा को कहा, मै क्या करू इन गंदे लोगों का
भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ”आए हाय, इन गंदे लोगों का क्या करूं। इस मामले में झींडा खुद क्रेडिट लेना चाहते है और हीरो बनना चाहते है। उन्होंने कहा कि, जो झींडा न तो वार्ता में शामिल हुआ और न ही ऐलान में वो समझौते का क्रेडिट लेना चाहते है।
झिंडा बोले बेईमान आदमी चढूनी चुनाव लड़ना चाहता है
HSGPC के पूर्व प्रधान रहे झींडा ने चढूनी के जवाब में कहा कि चढूनी से कहना चाहता हूं कि, चढूनी से पूछकर ही सरकार से बातचीत की थी। साथ ही जो मैंने बयान दिया है, उसकी एक भी बात 1% झूठी नहीं है, चढूनी इलेक्शन लड़ना चाहता है। वो बेईमान है और लोग कह रहे हैं कुछ लेकर समझौता कर लिया।
करनाल में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि वे किसानों के आंदोलन को खत्म करवाना चाहते थे। आगे उन्होंने कहा कि, 7 और 8 सितंबर की बातचीत में जब बात नहीं बनी तो शाम को समझौता करवाने का मन बनाया ताकि किसानों का नुकसान न हो। मैं घर से गुरुनानक देव के सामने बोला कि जब तक समझौता नहीं होगा वापस नहीं आउंगा।