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होम गार्ड घोटाला मामला: कोर्ट ने सरकार सहित अन्य अधिकारीयों से मांगा जवाब

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। होमगार्ड भर्ती घोटाला मामले में कोर्ट ने सरकार व अन्य अधिकारीयों से जवाब मांगा है। इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन नीरू कंबाेज की अदालत ने दायर याचिका पर आगामी सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। साथ ही मामले में जवाब पेश करने के लिए राज्य सरकार
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होम गार्ड घोटाला मामला: कोर्ट ने सरकार सहित अन्य अधिकारीयों से मांगा जवाब

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। होमगार्ड भर्ती घोटाला मामले में कोर्ट ने सरकार व अन्य अधिकारीयों से जवाब मांगा है। इस मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन नीरू कंबाेज की अदालत ने दायर याचिका पर आगामी सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। साथ ही मामले में जवाब पेश करने के लिए राज्य सरकार और होम गार्ड विभाग के डीजी, डिस्ट्रिक्ट कमांडर, सेंटर कमांडर को नोटिस जारी किया गया है।

2 पूर्व हाेमगार्ड है जिनमे से एक अग्रोहा का रहने वाला सुनील और लांधड़ी के विनोद कुमार। उनकी तरफ से वकील योगेश सिहाग ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके 2 मुख्य बिंदु हैं, पहला जिसमे दोनों होमगार्ड को रि-जॉइन करवाना और दूसरा 38 पदों पर होने वाली भर्ती पर स्टे लगाना है। इस मामले में फर्जीवाड़े के आरोप लगने पर तत्कालीन कंपनी कमांडर सुखबीर सिंह पानू पर विभागी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि विभाग में फर्जीवाड़ा चल रहा है और यह करोड़ों रुपयों का खेल है।

तत्कालीन जिला कमांडर विनोद कुमार भी विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े की बात को स्वीकार कर चुके हैं। पूर्व होम गार्ड कर्मी सोनू की तरफ से लगाए गए फर्जीवाड़े, अनैतिक व अवैध गतिविधियों के आरोपों पर सफाई देते हुए तत्कालीन कंपनी कमांडर सुखबीर पानू कहते है कि विभाग में फर्जीवाड़ा वर्ष 2019 में हुआ था। इसमें 78 होम गार्ड को भर्ती किया था।

फर्जीवाड़े मामले में हवलदार प्रशिक्षक और प्लाटून कमांडर को रूल 7 के तहत नोटिस भेजा गया था। इसके बावजूद जिला कमांडर ने दोनों को स्वयंसेवक इनरोल करने की कमेटी का सदस्य बना लिया। आरोपों का जवाब मांगने की बजाय सीधा कंपनी कमांडर का चार्ज छीन लिया गया। 38 स्वयं सेवक ऐसे है जिनका नाम भर्ती सूची में था, और वे कभी विभाग में नहीं रहे। इनका रिकॉर्ड भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। पूर्व कर्मियों को विभागीय गलती से जिन्हें सेवामुक्त किया गया था, उन्हें इसमें इनरोल नहीं किया जा रहा है। इनकी जगह दूसरे लोगों को भर्ती करना उनके साथ खिलवाड़ करना है।