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पंचायती चुनाव के भावी सरपंचों को अभी करना होगा इंतजार, नई नीतियां अपनाकर चुनाव करवाना चाहती है सरकार

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। हरियाणा में होने वाले पंचायती चुनावों के लिए अभी भावी सरपंचों को काफी लम्बा इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन तारीख बढ़ाकर 11 अक्टूबर कर दिया गया। अब 11 अक्टूबर को यह सुनवाई होगी।पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने
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पंचायती चुनाव के भावी सरपंचों को अभी करना होगा इंतजार, नई नीतियां अपनाकर चुनाव करवाना चाहती है सरकार

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। हरियाणा में होने वाले पंचायती चुनावों के लिए अभी भावी सरपंचों को काफी लम्बा इंतजार करना पड़ेगा। मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव से संबंधित याचिका पर सुनवाई होनी थी लेकिन तारीख बढ़ाकर 11 अक्टूबर कर दिया गया। अब 11 अक्टूबर को यह सुनवाई होगी।पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पुराने नियमों पर चुनाव करवाने की छूट दी थी। हालांकि, सरकार अब 50 फीसदी महिलाओं को सरपंच बनाने की नई नीति पर चुनाव करवाना चाहती है।

हरियाणा के पंचायती चुनावों में एक साल की देरी हो चुकी है। जनवरी में ही सरपंचों का कार्यकाल ख़त्म हो चुका है और उनका काम प्रशासक संभाल रहे है। अभी तक पंचायती चुनावों की घोषणा भी नहीं हुई है और विभागों में कार्य तेजी से होने लगे हैं। सोनीपत के विभाग कर्मचारियों, अधिकारियों की सूची मांगी गई है। इससे पहले भी ये डाटा मांगा गया था, जिससे चुनाव के लिए ड्यूटी सम्बंधित जानकारी अपडेट की जा सके।

अधिनियम में संशोधन के तहत,पंचायत चुनाव में सीटों का 8 प्रतिशत बीसी-ए श्रेणी के लिए आरक्षित किया जाना है और न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिएं, जो एक दूसरे से बिलकुल अलग है। इसके पीछे वजह है कि, हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार, केवल 6 जिले हैं, जहां 2 सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं। 18 जिलों में केवल 1 सीट आरक्षित होनी है।हालांकि, सरकार ने 15 अप्रैल 2021 को जारी अधिसूचना के माध्यम से सभी जिलों में बीसी-ए श्रेणी के लिए 2 सीटें आरक्षित की हैं, जो की कानूनन गलत है।

जिला परिषद की जनसंख्या 2021 में बीसी-ए आबादी को दिखाए बिना इस अधिनियम में संशोधन किया गया है। लेकिन बीसी-ए आबादी के लिए एक अलग कॉलम होना चाहिए, ताकि आरक्षण के साथ-साथ रोटेशन भी सही से देखा जा सके।