home page

High Court Decision : इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा ग्रेच्युटी का पैसा, हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

Gratuity Rules for government Employee: जब कोई प्राइवेट नौकरी करने वाला एक कंपनी में कुछ निश्चित साल बीता लेता हैं, तो कंपनी उनको रिवॉर्ड के रूप में एक अच्‍छी-खासी रकम देती है जो ग्रेच्युटी (Gratuity rules) कहलाती है। लेकिन क्या आप जानते है कोई सरकारी कर्मचारी ग्रेच्युटी (Gratuity rights)  पाने का हक़ रखता है या नहीं?  ऐसा ही एक मामला हाई कोर्ट में सामने आया जिसपर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया। आइए खबर में विस्तार से जानते गवर्नमेंट एम्प्लॉई के लिए ग्रेच्युटी का नियम क्या है? 
 | 

HR Breaking News (ब्यूरो)। इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) ने फैसला सुनाया है कि सरकारी कर्मचारी को ग्रेच्युटी उसकी सेवा के वर्षों के आधार पर देय होगी न कि इस पर कि वह किस उम्र में रिटायर होता है। जस्टिस जेजे मुनीर ने कहा कि साठ साल की उम्र में रिटायरमेंट (retirement benefits)  कोई ऐसा अधिकार नहीं है, जिससे कर्मचारी को ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त हो जो उसके पास नहीं है। कर्मचारी को ग्रेच्युटी का अधिकार (gratuity rights) उसके द्वारा सेवा किए गए वर्षों के हिसाब अनुसार मिलता है।

 

ATM से पैसे निकलाने वालों के लिए अलर्ट, जान लें RBI के नियम

 

क्या था मामला ?

 

याची एक सहायता प्राप्त इंटरमीडिएट संस्थान में शिक्षिका थीं। उन्होंने 57 वर्ष की आयु में वीआरएस (VRS) का विकल्प चुना। 14 दिसंबर 2011 के शासनादेश के मुताबिक वे लोग ही गैच्युटी के हकदार हो (Gratuity laws in India) सकते हैं जिन्होंने कम से कम 10 साल नौकरी की हो व 60 साल में रिटायरमेंट का विकल्प चुना हो।

 

एक सरकारी और 2 प्राइवेट बैंकों को RBI ने बताया सबसे सुरक्षित, कहा- न डूबेंगे और न डूबने देंगे

 

गेच्युटी नौकरी की अवधि से तय होती

 

इसी पर कोर्ट ने कहा कि गेच्युटी नौकरी की (Gratuity rules in India) अवधि से तय होती है। इस आधार पर कोर्ट ने याची को ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया था। जिस पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की ओर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

High Court Decision : शादीशुदा महिला किसी दूसरे के साथ लिव इन में रह सकती है या नहीं, जानिये हाईकोर्ट का अहम फैसला

 

गेच्युटी पाने का अधिकार

 

कोर्ट ने कहा कि जहां लोगों को 60 की जगह 62 वर्ष में रिटायर होने का विकल्प दिया जाता है, तो इसका मतलब (high court decision on gratuity) ये नहीं कि ये उससे ग्रेच्युटी पाने का अधिकार छीन लेता है। ग्रेच्युटी सिर्फ उन लोगों के लिए ही नहीं है जो 60 की उम्र में रिटायर हो रहे हों।