home page

High Court : दामाद ने खोली ससुर की पोल, 20 हजार सैलरी वाले ने जुटा ली थी करोड़ों की संपत्ति

High Court : गुजरात में रहने वाले दामाद ने साल 2013 में अपने ससुर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके ससुर का वेतन 20 हजार रुपये प्रति माह है। इसके बाद भी उसने अपने एक बेटे को रायपुर (छत्तीसगढ़) से एमबीबीएस कराया... 
 | 
High Court : दामाद ने खोली ससुर की पोल, 20 हजार सैलरी वाले ने जुटा ली थी करोड़ों की संपत्ति

HR Breaking News, Digital Desk- MP News: ग्वालियर सिविल अस्पताल हेम सिंह की परेड में लैब टैक्सी टेक्नीशियन के पद पर रहते हुए रामकुमार शिवहरे को अनुपात से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में विशेष न्यायालय ने दोषी माना है. अदालत ने आरोपी को न केवल 4 साल की सजा सुनाई, बल्कि एक करोड़ रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

इस मामले की खास बात यह है कि रामकुमार के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत उनके गुजरात निवासी दामाद अमोल शिवहरे ने की थी. दोनों के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था. ससुर ने दामाद के खिलाफ देहज प्रताड़ना समेत तमाम केस दर्ज कराए थे. 

संभागीय लोकायुक्त अधिकारी राखी सिंह ने बताया, गुजरात में रहने वाले दामाद ने साल 2013 में अपने ससुर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके ससुर का वेतन ₹20 हजार प्रति माह है. इसके बाद भी उसने अपने एक बेटे को रायपुर (छत्तीसगढ़) से एमबीबीएस कराया. जबकि छोटे बेटे ने भी भोपाल से एमबीबीएस किया है. बेटी ने भी भोपाल के आयुर्वेदिक कॉलेज से पढ़ाई पूरी की है.  

रामकुमार शिवहरे पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी में 20 लाख रुपये खर्च किए. इसके अलावा, बेटी को इंदौर में एक स्किन ब्यूटी सेंटर भी खुलवाया. वहीं, सरकारी कर्मी ने  खुद भी ग्वालियर के ग्राम कुलैथ 25-30 बीघा जमीन खरीदी है. सरकारी कर्मचारी रहने के दौरान रामकुमार शिवहरे घर में कमाने वाला केवल एक ही व्यक्ति था. 

लोकायुक्त ने आरोपों की जांच में पाया कि लैब टेक्निशियन की ज्ञात आय के श्रोतों से कहीं अधिक सम्पत्ति अवैध साधनों से एकत्रित की गई है.  21 अक्टूबर 2013 को लोकायुक्त ने कार्रवाई की. 9 सितंबर 2016 को इस मामले में चालान पेश किया. 

इस कार्रवाई में लोकायुक्त ने निचली अदालत में दस्तावेज पेश करते हुए आरोपी रामकुमार शिवहरे पर 375 फीसदी से भी अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था. लेकिन अदालत ने 283 प्रतिशत ही अनुपात से अधिक संपत्ति अर्जित मानी है. बता दें कि दोषी लैब टेक्नीशियन जून 1981 नौकरी में आया था. उसकी आय करीब 40 लाख रुपए के आसपास होनी चाहिए थी. जबकि उसने अब तक खर्च एक करोड़ 82 लाख रुपए तक कर दिए थे.