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हरियाणा के इस गांव ने सरकार के विरूद्ध इस कड़े फैसले को किया लागू, प्रशासन का कोई अधिकारी आया तो लठ से फोड़ देंगे

HR BREAKING NEWS. कोरोना महामारी के बीच देश के कई राज्यों में सरकारों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। कई जगह से लोगों के द्वारा सरकारी पाबंदी की अवहेलना के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसी बीच हरियाणा के एक गांव में पंचायत ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन का किसी भी सूरत में पालन
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हरियाणा के इस गांव ने सरकार के विरूद्ध इस कड़े फैसले को किया लागू, प्रशासन का कोई अधिकारी आया तो लठ से फोड़ देंगे

HR BREAKING NEWS. कोरोना महामारी के बीच देश के कई राज्यों में सरकारों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। कई जगह से लोगों के द्वारा सरकारी पाबंदी की अवहेलना के मामले भी सामने आ रहे हैं। इसी बीच हरियाणा के एक गांव में पंचायत ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन का किसी भी सूरत में पालन नहीं किया जाएगा और अगर पुलिस-प्रशासन का कोई अफसर गांव में घुसा तो यहां तैनात लठैत उसे फोड़ डालेंगे। आइए जानते हैं कौन सा है यह गांव और क्यों किया गया है ऐसा खतरनाक ऐलान..

सरकार का खुलकर विरोध करने वाला यह गांव हिसार जिले का मसूदपुर है। मंगलवार को गांव में दो दिन पहले हिसार में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में एक महापंचायत हुई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। पंचायत के फैसले के मुताबिक गांव में कोई भी व्यक्ति लॉकडाउन का पालन नहीं करेगा। कोई दुकानदार दुकान बंद नहीं करेगा। पुलिस या अन्य कोई भी प्रशासनिक अधिकारियों को गांव में नहीं आने दिया जाएगा। अगर कोई जबरदस्ती से आएगा तो वो मारपीट का खुद जिम्मेदार होगा। इस काम के लिए 25 व्यक्तियों का एक ग्रुप बस स्टैंड पर तैनात रहेगा और पूरा गांव लठ लिए अलर्ट पर रहेगा।

इस चेतावनी के साथ ही गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनाए गए कोविड केयर सेंटर को भी बंद कर दिया गया है। इस सेंटर के बारे में स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर का कहना है कि गांव के लोगों की सेहत की चिंता के चलते यहां एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया था। गांव में कोरोना संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, वहीं मौजूदा समय में भी 5 एक्टिव केस हैं।

दूसरी ओर ग्रामीण इस बात का झूठ बता रहे हैं। उनका दावा है कि गांव में कोरोना का एक भी केस नहीं है। जबरन यहां यह सेंटर स्थापित कर रखा था। गांव में पास के गांवों से लाए जाने वाले मरीजों की वजह से बुरा असर पड़ेगा। इसके अलावा भी वैसे तो ग्रामीण सरकारी व्यवस्था के विरोध के कई तरह के कारण बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सबसे अहम वजह सिर्फ और सिर्फ किसान आंदोलन को समर्थन करना है।

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