India's Longest Train: ये है भारत की सबसे लंबी ट्रेन, जिसे 6 इंजन लगाकर पड़ता है खींचना, डिब्बे गिनते-गिनते थक जाएंगे आप
HR Breaking News, Digital Desk- दुनिया का चौथा लंबा रेलवे नेटवर्क यह तो आप जानते ही होंगे कि भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जिसमें रोजाना 13 हजार से ज्यादा ट्रेन (Indian Railways Interesting Facts) चलती हैं। इनके जरिए प्रतिदिन 4 करोड़ से ज्यादा यात्री एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचते हैं।
भारतीय रेलवे के खास तथ्य
भारतीय रेलवे अपने साथ तमाम ऐसे दिलचस्प तथ्य समेटे हुए है, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां पर आपको दुनिया (India’s Longest train) का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज मिल जाएगा तो समुद्र के ऊपर से गुजरती ही ट्रेन भी दिख जाएगी।
कहलाती है भारत की सबसे लंबी ट्रेन
आज हम आपको भारत की सबसे लंबी ट्रेन के बारे में बताते हैं, जिसमें इतने डिब्बे लगे हैं कि उन्हें- गिनते (Indian Railways facts) आपकी आंखें थक जाएंगी। इस ट्रेन का नाम सुपर वासुकी है। यह ट्रेन करीब 3.5 किमी लंबी है।
गुजरने में लग जाता है 1 घंटा
सुपर वासुकी ट्रेन में 15-20 नहीं बल्कि 295 डिब्बे लगे हैं। जिन्हें 6 इंजन मिलकर खींचते हैं। जब यह ट्रेन कहीं से गुजरती है तो पूरी ट्रेन को पार होने में करीब एक घंटा (Vasuki train ) लग जाता है। इस ट्रेन के डिब्बे गिनना हर किसी के बस की बात नहीं है।
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क्यों इस्तेमाल होती है वासुकी ट्रेन
सुपर वासुकी एक मालवाहक रेलगाड़ी है, जिससे देश की विभिन्न खदानो से निकले कोयले को बड़े- बड़े बिजली घरों तक पहुंचाया जाता है। यह ट्रेन छत्तीसगढ़ के कोरबा (Super Vasuki Train) से करीब 27 हजार टन कोयला लेकर नागपुर के राजनंदगांव तक जाती है।
6 इंजनाें को मिलाकर खींचीं जाती हैं ट्रेन
इस दूरी को तय करने में सुपर वासुकी ट्रेन को करीब 11।20 घंटे का वक्त लग जाता है। भारत की सबसे लंबी इस ट्रेन में 5 रेलगाड़ियों को (Indian railway) डिब्बो को एक साथ जोड़ा जाता है। इस वजह से ट्रेन का वजन ज्यादा हो जाता है, जिसे खींचने के लिए 6 इंजन लगाए जाते हैं।
फाटक क्रॉस करने के लिए लंबा इंतजार
जब यह ट्रेन कहीं से गुजरती है तो वहां फाटक पर खड़े लोगों को उसे क्रॉस करने के लिए लंबा इंतजार (world’s longest train) करना पड़ जाता है। एक- एक करते डिब्बों के गुजरने का जो सिलसिला शुरू होता है, वह जल्दी से खत्म होने का नाम ही नहीं लेता।
'वासुकी' नाम कैसे मिला?
इस ट्रेन को वासुकी नाम भगवान शिव के गले पर विराजमान वासुकी नाग के नाम पर दिया गया है। उन्हें सांपों का राजा कहा जाता है। देव-दानवों के बीच समुद्र मंथन के लिए रस्सी की जगह वासुकी का ही इस्तेमाल किया गया था। जब यह लंबी ट्रेन चलती है तो लहराते हुए वासुकी नाग की तरह ही लगती है।