Indian Railways : फाइव स्टार होटल से कम नहीं है ये पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन, 45 साल की लीज पर दिया
Indian Railways : आज हम आपको अपनी इस खबर में देश के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे है। जो किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है। बता दें कि ये प्राइवेट रेलवे स्टेशन मध्यप्रदेश में है। इसे 45 सालों के लिए लीज पर दिया गया है। आइए नीचे खबर में थोड़ा और विस्तार से जान लेते है इस स्टेशन के बारे में।
HR Breaking News, Digital Desk- Indian Railways: रेलवे इन दिनों से तेजी से तरक्की कर रहा है. जिसके तरह स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इसी कड़ी में देश में पहला निजी रेलवे स्टेशन भी बन चुका है.
इस हाई टेक स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मौजूद हैं. देखने में ये किसी फाइव स्टार होटल की तरह लगता है. आइए जानते हैं कैसा है देश का पहला निजी (Private) रेलवे स्टेशन.
भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन-
देश का पहला निजी रेलवे स्टेशन हबीबगंज है, जोकि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में है. IRDC (Indian Railways Development Corporation) के अनुसार, इस रेलवे स्टेशन को प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेवेलप किया गया है.
इस कंपनी पर है जिम्मेदारी-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रेलवे ने इस स्टेशन को विकसित करने की जिम्मेदारी बंसल ग्रुप को दी थी. स्टेशन को बनाने के साथ-साथ आठ सालों तक इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी भी बंसल ग्रुप के पास ही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह स्टेशन 45 सालों के लिए लीज पर है.
रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाएं-
इस स्टेशन पर कई प्रकार की सुविधाएं, जैसे शॉपिंग स्टोर, रेस्तरां, केटरिंग शॉप और पार्किंग आदि भी शामिल हैं. यहां महिला यात्रियों के लिए अलग से अन्य सुविधाएं भी की गई हैं. इस स्टेशन पर एनर्जी के लिए सोलर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे प्राप्त ऊर्जा को स्टेशन के कामों में इस्तेमाल में लिया जायेगा.
आपात स्थिति में 4 मिनट में यात्री निकल सकेंगे स्टेशन से बाहर-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्टेशन को इस प्रकार बनाया गया है कि किसी भी तरह की इमेरजेंसी में यात्रियों को स्टेशन से 4 मिनट में ही बाहर किया जा सकेगा. इससे किसी भी तरह की आपात स्थिति में लोगों की जान बचाई जा सकेगी. साल 2021 में इस स्टेशन का नाम हबीबगंज से बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया था.