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IRCTC : देश का इकलौता रेलवे स्टेशन, जिसका नहीं है कोई नाम, यात्री भी हो जाते हैं परेशान

Unnamed Station of India : भारत में एक ऐसा बेनाम रेलवे स्टेशन है जिसका ना तो कोई नाम है न ही कोई पता। इस गुमनाम स्टेशन पर यात्री व रेलगाड़ियां आ कर रूकती ज़रूर है लेकिन उनमे से किसी भी यात्री या लोको पायलट को उस स्टेशन का नाम नहीं पता होता।  दिलचस्प बात तो ये है की वहां कोई स्टेशन मास्टर भी नहीं है जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस रेलवे स्टेशन की जानकारी के लिए इस खबर को विस्तार से पढ़ें।
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HR Breaking News, New Delhi : हर एक चीज़ की असली पहचान उस के नाम से की जाती है फिर चाहे वो कोई चीज़ हो या फिर जीता जागता इंसान। अघिकतर लोग नयी जगह पर जाने से पहले उस जगह का नाम और पता ज़रूर ढूंढ़ते हैं। भारत में हर छोटी बड़ी जगह की पहचान उस के नाम और किसी खासियत से की जाती है। अगर आप ट्रैन से भी ट्रेवल करते हैं तो दूर की डेस्टिनेशन की जानकारी भी आपको पहले से ही पता होती है ता की आपकी यात्रा में कोई दिक्कत परेशानी न (Unnamed Station of India newsहो। 

भारत में आप जिस भी स्टेशन से ट्रैन पकड़ेंगे तो आप को उस स्टेशन का नाम तो ज़रूर पता होगा। लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि भारत में एक ऐसा स्टेशन है, जिसका कोई नाम नहीं (railway station without name)  है तो? शायद आपको लगेगा कि हम मजाक कर रहे हैं लेकिन आपको बता दें कि भारत के वेस्ट बंगाल में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसका कोई नाम नहीं है. भारत जहां वर्ल्ड में रेलवे नेटवर्क (railway network) के मामले में चौथे नंबर पर है, वहां एक ऐसा स्टेशन है जिसका कोई नाम नहीं है.

ये गुमनाम स्टेशन इस राज्य में मौजूद है 


ये बेनाम रेलवे स्टेशन (Nameless Railway Station) भारत के वेस्ट बंगाल में है. ये स्टेशन यहाँ के बर्दवान में स्थित है जिसका कोई नाम है. शहर से 35 किलोमीटर दूर रैना नाम के गांव में इस रेलवे स्टेशन को बनाया गया था. 2008 में इसका निर्माण किया गया था तब से लेकर अब तक इसका कोई नाम नहीं है. 2008 से पहले रैनानगर नाम से इस स्टेशन को जाना जाता था.

नाम ना पड़ने की वजह 


ये स्टेशन रैनानगर रेलवे स्टेशन (Rainanagar Railway Station) से जाना जाता था लेकिन कुछ समय बाद ही यह स्टेशन बेनाम हो गया. इसकी वजह थी दो गांवों के बीच चलने वाला मतभेद. रैना और रैनानगर के बीच काफी समय से मतभेद चल रहा है. ये स्टेशन रैना गांव की जमीन पर था. लेकिन इसका नाम रैनानगर रखा गया. इसी को लेकर दोनों में लड़ाई होने लगी. बाद में रेलवे स्टेशन पर मौजूद सकते नेम बोर्ड को हटा दिया गया. तब से लेकर अब तक इस स्टेशन का कोई नाम नहीं है. हालांकि, अभी भी इस स्टेशन का टिकट रैनानगर एक नाम से काटा जाता है.