SDM से पहले ज्योति मौर्य कर चुकी है ये काम, साथी ने किया खुलासा
क्या आपको पता है एसडीएम बनने से पहले क्या क्या काम कर चुकी है। एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या का चयन प्राथमिक स्कूल के टीचर के तौर पर हुआ था और उन्हें पहली तैनाती इटावा जिले में ही मिली थी।
HR BREAKING NEWS : उत्तर प्रदेश की महिला पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या और उनके पति अलोक मौर्या के बीच चल रहा विवाद इन दिनों सोशल मीडिया में सुर्खियां बना हुआ है. अब ज्योति मौर्या का इटावा कनेक्शन भी सामने आया है.
एसडीएम बनने से पहले ज्योति मौर्या का चयन प्राथमिक स्कूल के टीचर के तौर पर हुआ था और उन्हें पहली तैनाती इटावा जिले में ही मिली थी. 2015 में उनका चयन सहायक अध्यापिका के तौर पर हुआ था. 8 महीने के शिक्षण कार्य के बाद उनका चयन पीसीएस में हो गया था.
अब जब ज्योति मौर्या और उनके पति के बीच का विवाद सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनके साथ काम कर चुके पूर्व शिक्षक साथी उन दिनों को याद कर रहे हैं. ज्योति के साथ ही टीचर रहे जितेंद्र सिंह बताते हैं कि शिक्षक के तौर पर उन्हें पहली तैनाती इटावा के जसवंतनगर में मिली थी. जितेंद्र बताते हैं कि उनके पति अलोक उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए आते थे. उन्होंने बताया कि ज्योति के पति अलोक बहुत ही लाजवाब शख्स हैं.
जितेंद्र सिंह ने बताया कि अलोक और ज्योति के बीच चल रहा विवाद बेहद ही तकलीफदेह है. उन्होंने बताया कि आलोक ने इटावा के ही अभयवीर स्मृति कालेज से बीटीसी प्रशिक्षण साल 2015 में किया था. उन्हें उम्मीद है कि दोनों के बीच चल रहा विवाद जल्द ही ख़त्म होगा और वे फिर से एक अच्छी जिंदगी गुजर-बसर करेंगे. उन्होंने बताया कि 8 महीने बाद ही ज्योति का चयन पीसीएस में हो गया और वे नौकरी छोड़कर प्रशासनिक अधिकारी बन गईं.