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Land Purchasing Rules : करोड़ों रुपये देने के बाद भी यहां नहीं खरीद सकते एक इंच जमीन, जानिये कानूनी नियम

Land Buying Rules : देश में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर कई तरह के नियम और कानून बनाए गए हैं। कुछ लोग अपने राज्यों से अलग कई और राज्यों (land purchase Prohibited in states) में जमीन खरीद ले सकते हैं, तो कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिनमें आप करोड़ों रुपये भी दे दें, तो भी आपको एक इंच जमीन भी प्राप्त नहीं होगी। आइए जानते हैं कौन से हैं ये राज्य और क्या है इनमें जमीन खरीदने को लेकर कानून।

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Land Purchasing Rules : करोड़ों रुपये देने के बाद भी यहां नहीं खरीद सकते एक इंच जमीन, जानिये कानूनी नियम

HR Breaking News (ब्यूरो)। आजकल लोग जमीन और प्रोपर्टी में जमकर निवेश करते हैं। इसके लिए स्थानीय क्षेत्रों के अलावा दूर दराज के जिलों व राज्यों में भी लोग प्रोपर्टी खरीदना चाहते हैं, लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां आप एक इंच जमीन भी नहीं खरीद सकते। इसके लिए कई नियम (land purchase rules in different states) व कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। देश के कई राज्य इस श्रेणी में आते हैं, जहां दूसरे राज्यों के लोगों को जमीन नहीं दी जाती। 

 

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क्या है भू-कानून में प्रावधान-


उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के नियमों में संशोधन किया है। इससे बाहरी राज्यों के लोगों के लिए उत्तराखंड में जमीन खरीदने (land purchase rules in uttrakhand) में कठिनाई बढ़ जाएगी। पहले भी, 2003 में मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के शासनकाल में बाहरी राज्यों के लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में 500 वर्गमीटर (land purchasae limit in hilly areas) तक जमीन खरीदने की अनुमति दी गई थी। 
इसके बाद इस नियम को बदलते हुए बहारी लोगों के लिए जमीन खरीदने का दायरा 250 वर्गमीटर कर दिया था। अब, सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया को और कड़ा करना है, ताकि बाहरी लोगों की अतिक्रमण को रोका जा सके और राज्य की भूमि पर स्थानीय लोगों का अधिकार बढ़ सकें।

 

लेनी होगी सरकार की अनुमति-


उत्तराखंड में दूसरे राज्यों के नागरिकों को अब जिलाधिकारी (डीएम) की अनुमति लेकर ही जमीन खरीदने की अनुमति मिलेगी। इस अनुमति के तहत, खरीदार की बैकग्राउंड की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि का इस्तेमाल सही उद्देश्य के लिए हो और अनियंत्रित भूमि खरीद (land Buying rules in uttrakhand) से बचा जा सके। इस प्रक्रिया का उद्देश्य राज्य की भूमि की सुरक्षा और सही उपयोग को सुनिश्चित करना है, जिससे अनावश्यक खरीदारी और गलत तरीके से भूमि का उपयोग रोका जा सके।

आवासीय जमीन के लिए नियम-


राज्य के स्थायी निवासियों के लिए राज्य में जमीन खरीदने की कोई सीमा नहीं होगी, जिससे उन्हें अपनी जरूरतों के अनुसार भूमि खरीदने का पूरा अधिकार रहेगा। इसके अलावा बाहरी राज्यों के लोगों के लिए आवासिय जमीन के लिए 250 वर्गमीटर (land purchasing limit in uttrakhand) तक की सीमा होगी, जो नगर निगम क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में लागू होगी। इस संशोधन से राज्य की भूमि की रक्षा और स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने की उम्मीद है।


हिमाचल में जमीन खरीदने का नियम -


हिमाचल प्रदेश में भी बाहरी राज्य के लोगों को भूमि और संपत्ति खरीदने (how to buy Land in himachal) की अनुमति देती है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार से आधिकारिक अनुमति प्राप्त करना जरूरी है। यह नियम खासतौर पर कृषि योग्य भूमि या पट्टे पर दी गई जमीन के लिए लागू होता है। ऐसे व्यक्ति को भूमि खरीदने के लिए आवेदन करना पड़ता है, जिसमें उसे यह स्पष्ट करना होता है कि वह भूमि किस उद्देश्य से खरीद रहा है, जैसे खेती या अन्य किसी काम के लिए।


राज्य सरकार इस आवेदन की पूरी जानकारी की जांच करती है और उसके आधार पर निर्णय लेती है। जम्मू-कश्मीर (Land purchasing rules in J&K) में भी पहले ऐसा ही प्रावधान(Land purchasing rules in Himachal) था, लेकिन 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A के हटने के बाद वहां की स्थितियां बदल गईं और अब वहां यह प्रावधान लागू नहीं है।

सिक्किम में जमीन खरीदना है मुश्किल-


सिक्किम में केवल सिक्किम के निवासी ही भूमि और संपत्ति की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं, और इसके लिए संविधान के अनुच्छेद-371 एफ (land purchasing rules in sikkim) के तहत विशेष अधिकार प्राप्त हैं। इस अनुच्छेद के तहत बाहरी लोगों को सिक्किम में कृषि भूमि या संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है। सिक्किम के जनजातीय क्षेत्रों में तो यह पाबंदी और भी सख्त है, क्योंकि यहां केवल आदिवासी लोग ही कृषि भूमि और संपत्ति खरीद सकते हैं। हालांकि, बाहरी लोग औद्योगिक उद्देश्य (land purchase rules) के लिए कृषि भूमि खरीद सकते हैं, जैसे कि औद्योगिक भवन निर्माण के लिए, लेकिन कृषि भूमि का निजी उपयोग नहीं कर सकते।

नहीं खरीद सकते अरुणाचल में जमीन -

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अरुणाचल प्रदेश में बाहरी नागरिकों के लिए भूमि खरीदने पर प्रतिबंध है, लेकिन सरकारी की मंजूरी मिलने पर कृषि भूमि का लेन-देन संभव हो सकता है। 1963 में राज्य बनने (land purchase rules in arunachal pradesh) के बाद यहां विशेष अधिकार दिए गए थे, जिनके तहत बाहारी लोगों को जमीन लेने की अनुमति नहीं है। इसी तरह, मिजोरम, मेघालय और मणिपुर में भी संपत्ति से संबंधित कई विभिन्न कड़े नियम लागू हैं, जो स्थानीय हितों की सुरक्षा करते हैं। हालांकि कुछ बाहरी लोगों को जमीन लेने के लिए वहां का स्थाई निवासी बनने के बाद जमीन (property buying rules) दिये जाने का भी प्रावधान है।