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Land Rights : पैतृक संपत्ति बेचने का क्या है कानून, जानिये किसकी सहमति लेना जरूरी

Property Rights : संपत्ति पर अधिकारों को लेकर तो कानूनी प्रावधान बने ही हैं, संपत्ति की खरीद फरोख्त को लेकर भी कई तरह के नियम हैं। खासकर पैतृक संपत्ति (ancestral property selling rules) बेचने के कानूनी प्रावधानों के बारे में लोग अनजान हैं। इस तरह की प्रोपर्टी को सहमति के बिना नहीं बेचा जा सकता। आइये जानते हैं पैतृक संपत्ति बेचने के लिए किसकी सहमति होना जरूरी है।
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Land Rights : पैतृक संपत्ति बेचने का क्या है कानून, जानिये किसकी सहमति लेना जरूरी

HR Breaking News - (ancestral property rights)। संपत्ति को लेकर कई तरह के विवाद अक्सर समाज में होते रहते हैं। पैतृक संपत्ति के मामलों में यह ज्यादातर देखने को मिलता है। लोगों को संपत्ति (property knowledge) पर बने कानून और संपत्ति अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी न होना इन विवादों का कारण है।

कई बार पैतृक संपत्ति पर अधिकारों को लेकर विवाद (Property disputes) होते हैं तो कई बार इसे बेचने को लेकर मामलों में पेंच फंस जाते हैं। पैतृक संपत्ति को सहमति के बिना नहीं बेचा जा सकता है। इसमें सहमति लेना जरूरी है, यह सहमति किसकी होती है, जानिये इस बारे में कानूनी प्रावधान।


पैतृक संपत्ति और स्वअर्जित संपत्ति में अंतर-


संपत्ति आमतौर पर दो ही तरह की होती है, एक तो स्वअर्जित और दूसरी पैतृक। स्वअर्जित संपत्ति (self acquired property) खुद की कमाई से अर्जित संपत्ति को कहा जाता है, वहीं पैतृक संपत्ति पूर्वजों से मिली संपत्ति को कहते हैं। पैतृक संपत्ति और स्वअर्जित संपत्ति में जिस तरह अधिकारों का कानूनी प्रावधान (property provisions in law) अलग अलग है,

इसी तरह इन्हें खरीदने व बेचने के भी कानूनी प्रावधान अलग हैं। स्वअर्जित संपत्ति को जिसने अपनी कमाई से खरीदा है, उसको ही इसे किसी को भी बेचने का पूरा हक है। वहीं पैतृक संपत्ति (how to sell ancestral property) बेचने में सहमति की जरूरत पड़ती है। 

पैतृक संपत्ति बेचने के लिए कानूनी प्रावधान-


पैतृक संपत्ति पूर्वजों से मिलती है, इसलिए इस पर परिवार की चार पीढ़ियों का हक व दावा होता है। यही कारण है कि इस संपत्ति (property news) को परिवार के किसी एक या कुछ व्यक्तियों की सहमति या रजामंदी के आधार पर नहीं बेचा जा सकता। पैतृक संपत्ति बेचने (property selling rules) के लिए परिवार के सभी हकदारों की सहमति जरूरी होती है। बेटा बेटियों सहित सभी सदस्य सहमत हों तभी पैतृक संपत्ति बेची जा सकती है। 
 


इस तरह से फंस सकता है कानूनी पेंच-


अगर पैतृक संपत्ति (ancestral property rights) बेचते समय सभी की सहमति नहीं ली गई या कोई एक भी सदस्य इसे बेचने पर नाराज है तो वह इसमें पेंच अड़ा सकता है और अपने हक को लेकर दावा कर सकता है। वह इसे न बेचने के लिए कानूनी नोटिस (legal notice) भी भिजवा सकता है और पैतृक संपत्ति की बिक्री पर स्टे (property stay rules) लग सकता है।