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Landlord Rights : मकान मालिक को छोटी सी भूल पड़ सकती है भारी, किराएदार का हो जाएगा घर

Landlord Rights Update : आज के समय में प्रॉपर्टी के लगातार बढ़ रहे रेटों ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। ऐसे में अगर अक्सर लोग मकान को बनाने के बाद उसे किराये पर दे देते हैं। ऐसे में एक छोटी सी भूल भी उनको काफी भारी पड़ सकती है। अगर मकान मालिक (property rights of landlord) अगर छोटी सी भी गलती को कर देता है तो इसकी वजह से किरायेदार को मकान का मालिना हक मिल जाता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
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Landlord Rights : मकान मालिक को छोटी सी भूल पड़ सकती है भारी, किराएदार का हो जाएगा घर

HR Breaking News- (Rules For Landlord) लगातार बढ़ रहे प्रॉपर्टी के रेटों की वजह से जब भी लोग काम के सिलसिले में बहार जाते हैं तो वहां पर उनके लिए खुद का घर ले पाना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से अधिकतर बार लोग किराये के मकान में ही रहना पसंद करते हैं। जब भी कोई व्यक्ति मकान को किराये पर लेता है तो किरायेदार और मकान मालिक (property Rights of owner) के बीच में एक एग्रीमेंट साइन कराया जाता है। इस दौरान अगर मकान मालिक एक छोटी सी भूल भी कर देता है तो इसकी वजह से उनकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ सकती है। 


मकान मालिक भूलकर भी न करें ये गलती-

 

 


आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी लोग रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement kya h) बनवाते हैं तो उस वक्त मकान मालिक कुछ बातों का ध्यान नहीं दे पाते हैं। मकान मालिक को सबसे पहले किरायेदार की पुलिस वेरिफिकेशन को करना चाहिए। टेनंट के पुलिस वेरिफिकेशन पूरी हो जाने के बाद रेंट एग्रीमेंट  (Rent Agreement ke rule) में अपने नियमों को लिखना चाहिए। आमतौर पर रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए ही बनवाया जाता है। 
अगर कोई व्यक्ति किसी जगह पर काफी लंबे समय से रह रहा है तो कुछ नियमों के तहत वो प्रॉपर्टी पर वो कबजा (foreclosure on property) करने का दावा भी कर सकते हैं। इस दावे को एडवर्स पोजेशन भी कहा जाता है। इसके बाद इस मामले में कोर्ट भी कुछ नहीं कर पाता है। सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देते हुए बताया है कि अगर कोई किराएदार 12 साल तक किसी जगह पर रह जाता है तो वो उसपर अपना मालिकाना हक जता सकते हैं।


एडवर्स पोजेशन के नियम-


जानकारी के लिए आपको बता दें, एडवर्स पोजेशन (Adverse possession rules in india) का नियम भारत में अंग्रेजों के जमाने से ही चला आ रहा है। कुछ हालातों में ये नियम फिलहाल मान्य नहीं होता है। जैसे कि सरकारी जमीनों पर ये नियम मान्य नहीं है। यानी अगर कोई व्यक्ति सरकारी फ्लैट में रह रहा है तो वो इस पर कब्जा (property par Kabja) नहीं कर सकता है।


ऐसे पा सकते हैं प्रॉपर्टी पर हक- 


अगर आप माकन मालिक हैं और ये चाहते हैं कि आपको अपनी प्रॉपटी (property rules) से हाथ न धोना पड़े तो इसके लिए आपको सबसे पहले तो आपको किसी को भी किराए पर देते समय उससे एग्रीमेंट जरूर से ही बनवा लेना चाहिए। इसको आप 11 महीने (rent agriment time) के लिए ही बनवाएं अगर आगे बढ़ाना यही तो 11 महीने बाद उसे दोबारा बढ़ाया जा सकता है।


इसकी वजह से प्रॉपर्टी में ब्रेक आ जायेगा। वहीं अगर आप चाहें तो एक साल बाद अपना किराएदार भी बदल सकते हैं। वहीं आपको अपनी प्रॉपर्टी (12 year property rule) पर समय-समय पर विजिट करते रहना चाहिए और इस बात का ध्यान देना चाहिए कि आपकी प्रॉपर्टी में कोई गैर कानूनी काम न हो।