home page

live in relationship law : क्या शादीशुदा महिला किसी दूसरे के साथ लिव इन में रह सकती है, जानिये क्या कहता है देश का कानून

live in relationship law :  लिव इन में रहने का चलन लगातार बढ़ रहा है। लिव इन रिलेशनशीप पर हर किसी की अलग राय हो सकती है, लेकिन सवाल ये है कि क्या कोई शादीशुदा महिला यो पुरुष किसी दूसरे के साथ लिव इन में रह सकते हैं। आईये आपको बातते हैं, आखिर इस पर क्या कहता है देश कानून...

 | 
live in relationship law : क्या शादीशुदा महिला किसी दूसरे के साथ लिव इन में रह सकती है

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)।  वैसे तो लिव इन रिलेशनशिप (Live-In Reation ship) को लेकर कोई लिखित कानून नहीं है, लेकिन हमारे देश का कानून मौलिक अधिकार के तहत किसी दो व्यस्क लोगों को एक साथ रहने का अधिकार देता है। 

 

ये भी जानें : अब Credit Card की पेमेंट लेट होने पर नो टेंशन, RBI ने बैंक ग्राहकों को दी बड़ी राहत


इसी करण लिव-इन रिलेशनशिप कानून (live in relationship law ) की नजर में गलत नहीं है, लेकिन क्या शादीशुदा लोगों को भी ये अधिकार मिलता है?

 

 

 

High Court ने सुनाया ये फैसला


आपको बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एक शादीशुदा महिला को अपने लिव इन पार्टनर के साथ रहने की इजाजत दे दी है। महिला अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ रह रही थी। 
दरअसल हाई कोर्ट ने लापता पत्नी के संबंध में पति की याचिका पर सुनवाई की। इस  सुनवाई के दौरान पत्नी अदालत में पेश हुई और उसका पक्ष सुनते हुए हाई कोर्ट (High Court) ने आदेश दिया है।

ये भी देखें : Delhi की इन 6 जगहों की नाईट लाइफ, न्यूयॉर्क से नहीं है कम, पूरी रात रहता है रंगीन माहौल

जानिए क्या रही वजह 


हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश हुई महिला ने बताया कि उसका पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता है और इसी वजह से वो उसके साथ नहीं रहना चाहती। इस पर वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार व न्यायमूर्ति पंकज कुमार की खंडपीठ ने महिला को अपना जीवन उसके अनुसार जीने की अनुमति दी है। 

ये भी पढ़ें : 21 से 25 सितंबर तक NCR के इस शहर में नहीं खुलेंगे दफ्तर, वर्क फ्रॉम होम होगा लागू

पति की याचिका खारिज

अदालत में महिला ने बताया कि वो अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर अपने लिव इन पार्टनर के साथ NCR रह रही है। उसकी मुलाकात इंटरनेट पर हुई थी। 


सोमवार को महिला ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि वो अपनी इच्छा से एनसीआर गई थी। वो अपने प्रेमी के साथ रह रही है। उसका पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता है और इसी वजह से वो अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। जिस पर कोर्ट ने महिला के हक में फैसला सुनाते हुए पति की याचिका खारिज कर दी।