Love Marriage : लव मैरिज के फायदे और नुकसान, फैसला लेने से पहले जान लें ये बात
Love Marriage Benefits And Side Effects - शादी का रिश्ता सात जन्मों का बंधन होता है। चाहे वह लव मैरिज हो या अरेंज, दोनों में प्यार और विश्वास का होना बेहद जरूरी है। बिना प्यार और विश्वास के रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाता है। शादी को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि लव मैरिज और अरेंज मैरिज में से कौन सी में ज्यादा फायदा या नुकसान होता है। कुछ लोग यह धारणा बना लेते हैं कि लव मैरिज में व्यक्ति एक दूसरे के बारे में पहले से सब कुछ जानता है। ऐसे में आगे का जीवन बेहद बोरिंग हो जाता है। वहीं कुछ लोग यह भी धारणा बनाते हैं कि अरेंज मैरिज में एक दूसरे को नहीं जानते ऐसे में अगर भविष्य में उनके विचार नहीं मिले। अगर आप भी ऐसी ही उलझन में है तो चलिए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं-
HR Breaking News (ब्यूरो)। शादी दो लोगों के जीवन का बंधन होता है। शादी के बाद एक लड़का और लड़की किसी रिश्ते में आते हैं और परिवार बनाते हैं। उनके साथ दोनों के परिवार भी बंध जाते हैं। ऐसे में हर किसी को एक आदर्श साथी की तलाश रहती है और सोच समझकर विवाह का फैसला लिया जाता है। पुराने जमाने में परिवार वाले अपने बेटे या बेटी के लिए एक आदर्श जीवन साथी का चयन करते थे। आज भी परिवार के बड़े बुजुर्ग ही रिश्ते तय करते हैं।
इसे अरेंज मैरेज कहते हैं। लेकिन वक्त के साथ लव मैरिज की चलन बढ़ा है। लव मैरिज यानी प्रेम विवाह, नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसी शादी जिसमें लड़का और लड़की पहले से एक दूसरे से प्रेम करते हैं और एक दूसरे को अपना जीवन साथी खुद चुनते हैं। प्रेम विवाह में वर और वधु एक दूसरे को पहले से ही जानते हैं। परिवार की सहमति या बिना सहमति के वह एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में बंधते हैं। प्रेम विवाह के कई फायदे हैं और नुकसान भी हैं। अगर आप किसी के साथ प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो जान लें प्रेम विवाह के फायदे और नुकसान।
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प्रेम विवाह के फायदे
मनचाहा साथी मिलना- प्रेम विवाह में लोग अपने पसंद के साथी से शादी करते हैं। अरेंज मैरिज में घर वाले जीवनसाथी की तलाश करते हैं लेकिन प्रेम विवाह में लड़का या लड़की अपनी पसंद के जीवनसाथी का चयन करते हैं और आपसी सहमति से शादी करते हैं
साथी को जानते और समझते हैं- प्रेम विवाह में आप खुद अपने साथी को चुनते हैं, इसलिए आपको साथी की बेहतर पहचान होती है। आपको पहले से अपने जीवन साथी के बारे में पता होता है। उनकी पसंद ना पसंद, जीवन शैली, व्यवहार के बारे में आप जानते हैं और उन्हें समझते हैं। हालांकि अरेंज मैरिज में आप अपने साथी को समझने का वक्त लेते हैं।
भरपूर प्रेम- शादी के बंधन में प्रेम का होना जरूरी होता है। अरेंज मैरिज में आप अपने जीवनसाथी को जानते नहीं है, इसलिए शुरुआती दिनों में पार्टनर से प्यार नहीं करते। लेकिन प्रेम विवाह कपल के बीच प्यार होने के कारण ही होता है। प्रेम विवाह में शादी से पहले और शादी के बाद भरपूर प्यार देखने को मिलता है। अरेंज मैरिज में जहां धीरे धीरे प्यार होता है, तो वहीं प्रेम विवाह में प्यार और अधिक बढ़ता जाता है।
लड़ाई झगड़े में कमी- प्रेम विवाह में पहले से कपल एक दूसरे को जानते पहचानते हैं, इसलिए ऐसे मामले कम ही होते हैं, जिसके कारण उनमें लड़ाई झगड़े हों। जब आप अपने साथी को नहीं जानते, तो कुछ ऐसा कर जाते हैं जो पार्टनर को पसंद नहीं होता। इस कारण शादीशुदा जोड़े में झगड़े होते हैं। लेकिन प्रेम विवाह में यह संभावना कम रहती है और झगड़े कम होते हैं।
प्रेम विवाह के नुकसान
परिवार से दूरी- प्रेम विवाह अगर परिवार वालों की मर्जी के बिना होता है तो प्रेमी जोड़े को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में लोग अपने परिवार से अलग हो जाते हैं। उन्हें अपने माता पिता का साथ नहीं मिलता और परिवार उनकी शादी के खिलाफ हो जाता है। खासकर अगर शादी किसी दूसरे जाति या धर्म के साथी से हो रही है तो परिवार से दूरियां बढ़ जाती हैं।
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प्यार कम होने का डर- प्रेम के कारण ही दो लोग एक दूसरे से प्रेम विवाह करते हैं लेकिन उनके मन में प्यार कम होने का डर बना रहता है। अरेंज मैरिज में धीरे धीरे प्यार होता है और बढ़ता है लेकिन लव मैरिज में कपल के बीत एक दूसरे के प्रति आकर्षण और लगाव कम होने की संभावना बढ़ जाती है। शादी के बाद साथी की उम्मीदे पूरी न कर पाने का डर भी बना रहता है।
समाज का व्यवहार- भले ही प्रेम विवाह इस दौर में आम बात है लेकिन अगर धर्म या अन्य विपरीत परिस्थितियों के बीच विवाह होता है तो लोग इस तरह की शादी को समाज के लिए खतरा मानने लगते हैं। प्रेम विवाह करने वाले कपल को समाज की उदासीनता का भी सामना करना पड़ सकता है। समाज उन्हें अपराधी मानने लगता है और उनके रिश्ते व संस्कारों पर उंगली उठा सकता है।
परिवारों के बीच मनमुटाव- अरेंज मैरिज में परिवार लड़के या लड़की के लिए रिश्ता ढूंढते हैं। ऐसे में जीवनसाथी के साथ ही उनके परिवार, रिश्तेदार और हर जरूरी पहलू पर ध्यान दिया जाता है। लेकिन लव मैरिज में लोग खुद के लिए जीवनसाथी की तलाश करते हैं। अधिकतर प्रेम विवाह में सिर्फ कपल का ध्यान एक दूसरे पर रहता है, उनके परिवारों की सोच, रहन सहन या संस्कृतियों पर नहीं। ऐसे में शादी के बाद दोनों के परिवारों के बीच मनमुटाव होने की संभावना बढ़ जाती है।
