Metro Seat Reservation : क्या है मेट्रो में सीट रिजर्वेशन का फंडा, सफर करने से पहले जान लें ये नियम
HR Breaking News (Seat Reservation in Metro) मेट्रो लोगों को आरामदायक सफर दिलाने के लिए जानी जाती है। मेट्रो में सफर करने वाले लोग समय से अपने गंतव्य पर पहुंच जाते हैं। लोगों को ट्रैफिक से बचाने, वातावरण को प्रदूषण से बचाने में भी मेट्रो का अहम योगदान होता है, लेकिन मेट्रो के रिजर्वेशन (Metro Rules) के बारे में बहुत ज्यादा लोगों को पता नहीं है। इसलिए अगर आप मेट्रो में सफर करने जा रहे हैं तो पहले आपको मेट्रो के रिजर्वेशन सिस्टम का पता होना चाहिए।
कोई सीट से ना उठा दे इसलिए जान लें नियम
आप मेट्रो (Metro News Update) में सफर करने जा रहे हैं और आपको कोई सीट से उठा दे तो इससे पहले आपको मेट्रो के रिजर्वेशन के नियमों के बारे में जान लेना चाहिए। मेट्रो में अलग-अलग प्रकार की सीट रिजर्व होती है। आप किसी और की सीट पर जाकर ना बैठ जाएं। इसलिए आपको नियमों का जानना जरूरी है।
अलग-अलग श्रेणियां में बंटी हुई है सीट
मेट्रो में अलग-अलग श्रेणियां में सीटों को बांटा जाता है। इन श्रेणी के अनुसार ही लोगों को मेट्रो में सफर (Metro Travel Rules) करने के लिए जगह मिलती है। कोई भी व्यक्ति आपको आकर अपनी सीट से उठा सकता है। आईए जानते हैं कि किन श्रेणियां में मेट्रो में रिजर्वेशन मिलता है।
सबसे पहले वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीट रिजर्व
मेट्रो में सीनियर सिटीजंस (Senior citizens on the metro) के लिए सीट रिजर्व होती है। इसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोग सफर करते हुए रिजर्व सीटों (Senior citizens Seats in metro) का प्रयोग कर सकते हैं। वह सामान्य सीटों पर भी बैठ सकते हैं, लेकिन अगर कोई सामान्य सीट खाली नहीं है तो और वरिष्ठ नागरिक के लिए रिजर्व सीट (Senior citizens reserve Seats in metro) पर कोई बैठा है तो वरिष्ठ नागरिक के लिए वह सीट खाली करनी पड़ेगी। ऐसे में आप मेट्रो में सफर करने जा रहे हैं तो पहले बोर्ड देख लें कि वह सीट किसके लिए है, ताकि आपको बीच सफर खड़ा ना होना पड़े।
महिलाओं को भी मिलता है सीट का आरक्षण
मेट्रो में महिलाओं को भी सीटों के लिए आरक्षण (Ladies Seats in metro) मिलता है। जहां भी मेट्रो चलती है, वहां पर गर्भवती महिलाओं व अन्य सामान्य महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाता है। मेट्रो में अक्सर देखने को मिलता है कि महिलाओं के लिए एक स्पेशल डब्बा भी होता है। अगर कोई सामान्य व्यक्ति उनकी सीट पर बैठता है तो महिलाओं को उनको सीट से उठाने का अधिकार है। साथ में महिला डब्बे में कोई पुरुष यात्री सफर नहीं कर सकता है।
दिव्यांगों को भी मिलती है स्पेशल सीट
मेट्रो में दिव्यांगजनों को भी सुरक्षित सफर मुहावाया कराया जाता है। आरामदायक सफर के लिए, उनके लिए भी सीट आरक्षित (Handicap Seats in metro) होती है। सीट, दिव्यांग व्यक्ति के लिए खाली करनी होगी, ताकि उसको किसी दिक्कत परेशानी का सामना न करना पड़े।
जनरल सीट भी सभी के लिए होती है उपलब्ध
मेट्रो में ज्यादातर सीट जनरल होती है, जहां कोई भी बैठ सकता है। उन सीटों पर सामान्य यात्रियों के साथ-साथ विशेष श्रेणी के व्यक्ति भी बैठ सकते हैं। जैसे कि वरिष्ठ नागरिक, महिला या फिर दिव्यांग। यहां पर जरूरी नहीं है कि आप इस सीट को खाली करें, हालांकि मानवता की नाते अक्सर लोग सीट छोड़ देते हैं।
बता दें कि मेट्रो में यह नियम इसलिए बनाए गए हैं कि सभी व्यक्ति मेट्रो में आरामदायक सफर कर सके। सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए विशेष आरक्षण दिया गया है। अगर कोई व्यक्ति इन पर बैठ जाता है और विशेष श्रेणी के व्यक्ति को वह सीट नहीं देता है तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
