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New City : दिल्ली से दोगुना बड़ा होगा UP का ये नया शहर, 2050 तक पूरा होगा काम

यूपी वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। यूपी सरकार प्रदेश वासियों के लिए एक नया शहर बसाने जा रही है। जिसमें अब तक 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण में शामिल कर लिया गया है। बताया तो ये जा रहा है कि फरीदाबाद से यह 16 गुना बड़ा होगा। नीचे खबर में डिटेल से जानते हैं।  

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New City : दिल्ली से दोगुना बड़ा होगा UP का ये नया शहर, 2050 तक पूरा होगा काम

HR Breaking News (नई दिल्ली)। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर-खुर्जा प्राधिकरण के 55 गांवों को यमुना प्राधिकरण में शामिल कर लिया है। अब इस प्राधिकरण के तहत 1242 गांव हैं। यमुना प्राधिकरण एक नया औद्योगिक शहर बना रहा है जिसका नाम यमुना सिटी होगा। इसका क्षेत्रफल 3000 वर्ग किलोमीटर होगा, जबकि राष्ट्रीय राजधानी का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर है। इस हिसाब से यह आकार में दिल्ली से दोगुना बड़ा होगा।

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यमुना सिटी नोएडा से 15 गुना और गुड़गांव से चार गुना बड़ी होगी। गुड़गांव का क्षेत्रफल 732 वर्ग मीटर है, जबकि नोएडा का 203 वर्ग मीटर है। वहीं, यह ग्रेटर नोएडा से 8 गुना बड़ा होगा क्योंकि इसका आकार सिर्फ 380 वर्ग किलोमीटर है, जबकि फरीदाबाद से यह 16 गुना बड़ा होगा।


बनाया जाएगा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट


यूपी सरकार बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा के गांवों को मिलाकर यमुना सिटी बनाएगी। यहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बनाया जाएगा। यह देश का पहला एयरोट्रोपोलिस होगा। इसके अलावा, शिक्षा, मेडिकल टूरिज्म, फिल्म मेकिंग, लॉजिस्टिक्स, टॉय-मेकिंग, आईटी और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी गतिविधियां भी होंगी, जो इस शहर को आर्थिक महाशक्ति बनाएंगी। यमुना सिटी के तीन शहरी केंद्र होंगे – नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना सिटी। इस शहर में एक विस्तृत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली भी होगी।


कई मामलों में खास होगा यूपी सरकार का यह प्रोजेक्ट


उत्तर प्रदेश का यह प्रोजेक्ट कई मामलों में खास होगा। इसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिए इसमें कोई सिग्नल नहीं होगा। ऊर्जा के मामले में यह शहर आत्मनिर्भर होगा। इससे स्थानीय पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। 2050 तक इस शहर का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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बता दें कि एयरोट्रोपोलिस एक महानगरीय उपसमूह होता है। इसका बुनियादी ढांचा, भूमि उपयोग और अर्थव्यवस्था एक हवाइ अड्डे पर केंद्रित होते हैं। इसका मतलब यह होता है कि एयरपोर्ट और उसके साथ संचालित होने वाली तमाम गतिविधियां एयरोट्रोपोलिस का हिस्सा होती हैं।