Property Dispute : भाई बहन के प्रोपर्टी विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ऐसी प्रोपर्टी नहीं मानी जाएगी पैतृक संपत्ति
property rights :कई बार संपत्ति के ऐसे मामले भी सामने आते हैं कि पिता की कमाई से ली गई प्रोपर्टी पर अक्सर बेटा व बेटी यानी भाई-बहन विवाद में पड़ जाते हैं। कानून में माता-पिता की प्रोपर्टी पर बेटा-बेटी के हक (daughter's property rights) को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। भाई-बहनों के एक मामले में हाई कोर्ट ने अहम निर्णय सुनाया है। इस फैसले में कोर्ट ने एक खास तरह की प्रोपर्टी को पैतृक संपत्ति मानने से भी इनकार किया है।

HR Breaking News (ब्यूरो)। प्रोपर्टी को लेकर समाज में अधिकतर विवाद खासकर इस कारण होते हैं कि कई लोगों को संपत्ति से जुड़े अपने कानूनी अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी ही नहीं है। जब बात गिफ्ट की हुई प्रोपर्टी (rights on gifted property) की आती है तो अपने अधिकारों को समझना और भी मुश्किल हो जाता है। मुंबई हाई कोर्ट ने भाई व दो बहनों के बीच प्रोपर्टी के ऐसे ही एक मामले ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। आइये जानते हैं इस बारे में डिटेल से खबर में।
यह था पूरा मामला-
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बॉम्बे हाई कोर्ट में भाई व दो बहनों में संपत्ति को लेकर विवाद आया था। इनके डॉक्टर पिता ने फ्लैटों के रूप में मुंबई काफी सारी संपत्ति ले ली थी। एक फ्लैट में उनका पिता, भाई और उसका परिवार रहता था। पिता की मौत के बाद बहनों ने भाई पर आरोप लगाया कि यह फ्लैट जॉइंट फैमिली का है। इसे माता-पिता की ओर से भरे गए लोन व फंड से खरीदा गया था। दोनों बहनों ने भाई और उनके बेटे के खिलाफ केस दायर किया था। उनके पिता का अब से करीब 19 साल पहले 2006 में और मां का 2019 में निधन हो गया था।
अंतरिम याचिका को कोर्ट ने किया स्वीकार-
इस मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की अंतरिम याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार किया है। इस समय उनके भाई को यह फ्लैट बेचने या थर्ड पार्टी राइट्स न बनाने का आदेश दिया है। वह बिना कोर्ट की अनुमति के ऐसा नहीं कर सकेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court decision) ने भाई-बहन के बीच प्रॉपर्टी विवाद की लड़ाई में यह भी कहा कि बेटे को गिफ्ट की गई पिता की कमाई से ली गई प्रॉपर्टी पैतृक संपत्ति (ancestral property) नहीं मानी जाएगी। बता दें कि डॉक्टर पिता की मौत के बाद मुंबई में रहने वाले भाई-बहन में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था
बहनों ने कहा- भाई ने धोखे से करवा लिए फ्लैट अपने नाम
इस मामले में बहनों ने अपने भाई पर कई तरह के आरोप लगाते हुए यह मांग की है कि यह प्रॉपर्टी जॉइंट फैमिली की प्रॉपर्टी (joint family property) घोषित की जाए, क्योंकि एक तिहाई हिस्सा उनका भी बनता है। बहनों का कहना है कि उनके भाई ने धोखे से दुर्भावनापूर्ण बिना बताए ही 2002 में तीनों फ्लैट खुद के नाम करा लिए थे। तब उनका पिता भी जिंदा था। इतना ही नहीं, इसके एक साल बाद बिना बताए वे फ्लैट बेच भी दिए।
भाई ने कहा- बहने छुपा रही हैं असली तथ्य
इस मामले में भाई ने दलील देते हुए कहा कि बहनें इस मामले में कई जरूरी बातें छुपा रही हैं, इसलिए वे तथ्यों को दबाने के कारण किसी राहत की हकदार नहीं हैं। उनके भाई ने यह भी दलील दी है कि उनके पिता की वह स्व अर्जित संपत्ति (self acquired property) थी और उन्होंने तीनों फ्लैट लगाव के कारण गिफ्ट कर दिए थे। वे गिफ्ट में मुझे पिता की ओर से दिए गए फ्लैट को लेकर खासकर उन फ्लैट की बिक्री किए जाने के बाद अन्य ली गई संपत्तियों पर दावा या हक नहीं जता सकतीं।
उनके भाई ने कहा कि उसने फ्लैट बेचकर संपत्ति अर्जित की है और दो फ्लैट खरीदे हैं, जिनमें से एक तो अपने बेटे को गिफ्ट (rights on gifted property) कर दिया है और इसी फ्लैट पर उनका उनकी बहनों के साथ विवाद है। पहले बहनों ने कभी चैलेंज नहीं किया था।
जानिये हाई कोर्ट ने क्या कहा-
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हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि पिता की कानूनी क्षमता कानून मानता है मान्यता भी देता है। एक पिता अपने उत्तराधिकारी को खुद की कमाई गिफ्ट भी कर सकता है। इस तरह खुद की कमाई से ली गई प्रोपर्टी गिफ्ट करने के बाद ज्वाइंट फैमिली की प्रॉपर्टी (rights on joint family property) नहीं कही जा सकती।
इस टिप्पणी के बावजूद कोर्ट ने यह भी कहा है कि बेशक ऐसे मामले में प्राथमिक तौर से बहनों के पक्ष में फैसला नहीं जाता। बॉम्बे हाई कोर्ट (bombay high court) ने भाई के बेटे को गिफ्ट में दिए गए फ्लैट पर यथास्थिति रखने की बात को स्वीकार किया है। इस मामले में कोर्ट के सामने यह भी आया है कि जब पिता एक प्रॉपर्टी बेची थी, तो उसमें से शेयर बहनों को भी मिला था और पारिवारिक स्तर पर भी ये मामला सुलझाने के प्रयास किए गए थे।