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Property Documents : रजिस्ट्री जितना ही जरूरी है ये डॉक्यूमेंट, प्रोपर्टी खरीदने से पहले जान ले

Encumbrance Certificate : प्रोपर्टी बेचते वक्त फर्जीवाड़ा, प्रोपर्टी खरीदते वक्त फर्जीवाड़ा आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं। किसी प्रॉपर्टी को खरीदने और बेचने के इतने दस्‍तावेज (Document) और प्रोसेस होते हैं कि आम आदमी को इसे समझ पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। प्रोपर्टी की रजिस्ट्री (property registry) जितना ही एक और दस्तावेज है इसके बिना न तो आपको लोन मिलेगा और न ही प्रोपर्टी बिकेगी। 
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Property Documents : रजिस्ट्री जितना ही जरूरी है ये डॉक्यूमेंट, प्रोपर्टी खरीदने से पहले जान ले

HR Breaking News, Digital Desk - मकान, दुकान या कोई भी प्रोपर्टी खरीदना हर किसी के लिए बेहद खास होता है। इसमें केवल न सिर्फ बड़ी पूंजी लगती है, बल्कि समय भी ज्‍यादा लगता है। प्रॉपर्टी की डील (Property Sale Purchase) सिर्फ पैसों से ही नहीं होती, बल्कि इसमें कई पेचीदगियां भी होती हैं।


आजकल प्रॉपर्टी की खरीददारी के मामले (Property purchase matters) में कई बार फ्रॉड के मामले सामने आते हैं. ऐसे में प्रॉपर्टी खरीदने वाले का पैसा भी फंस जाता है और फिर भी वो उस जमीन या मकान का हकदार नहीं बन पाता. इस तरह के किसी भी फ्रॉड से बचाने में मददगार (Helpful in protecting from fraud) होता है एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate- EC) . ये उतना ही जरूरी डॉक्‍यूमेंट है जितनी जरूरी किसी प्रॉपर्टी की रजिस्‍ट्री है. अगर आप भी साल 2024 में प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो एक बार इस सर्टिफिकेट के बारे में जरूर जान लें.


जानिए क्‍या है Encumbrance Certificate


Encumbrance Certificate एक ऐसा कानूनी दस्‍तावेज है, जिसके जरिए ये आसानी से पता चल जाता है कि प्रॉपर्टी कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है या नहीं. इसमें किसी भी प्रॉपर्टी को लेकर हर जरूरी जानकारी दर्ज होती है- जैसे संपत्ति का मालिकाना हक (ownership of property) किसके पास है, संपत्ति पर कोई थर्ड पार्टी क्‍लेम तो नहीं है, किसी तरह का मुकदमा तो नहीं है, या संपत्ति पर कोई लोन (any loan against property) तो नहीं चल रहा और अगर चल रहा है तो उसे चुकाया गया है या नहीं. ये सारी जानकारी आपको इस सर्टिफिकेट के अंदर आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा आप जो संपत्ति खरीद रहे हैं उस पर कितने सालों से ट्रांजैक्‍शन चल रहा है और जब से ये संपत्ति बनी है, तब से ये कितने लोगों के पास रह चुकी है और वर्तमान में इसका मालिक कौन है, ये सारी जानकारी इस सर्टिफिकेट में दी जाती है. 
 

प्रॉपर्टी का सौदा करते समय पड़ती है जरूरत


जब आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं और मालिक के साथ प्रॉपर्टी को लेकर डील करते हैं, तो इस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है, क्‍योंकि यही इस बात का प्रमाण होता है संपत्ति हर तरह के कानूनी पचड़ों और वित्‍तीय बोझ से मुक्‍त है. 


जब आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, तो आपकी लोन एप्लिकेशन मंजूर करने से पहले बैंक कई बार आपसे एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग कर सकते हैं. ऐसे में भी आपको इसकी जरूरत पड़ सकती है.


अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसा (money from provident fund) निकालते हैं तो आपका नियोक्ता आपसे एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग कर सकता है.


जब आप अपनी प्रॉपर्टी का सौदा (property deal) करते हैं तो खरीददार को एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत पड़ती है.


कैसे बनता है ये सर्टिफिकेट


भारत के तमाम राज्‍यों जैसे आन्‍ध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी आदि में  एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आप ऑनलाइन अप्‍लाई कर सकते हैं. वहीं इसे ऑफलाइन बनवाने के लिए आपको क्षेत्र के तहसीलदार के ऑफिस में जाना पड़ता है. यहां आपको एक फॉर्म भरने के साथ जरूरी दस्‍तावेज जैसे एड्रेस प्रूफ, प्रॉपर्टी की जानकारी, जिसके लिए वो ईसी मांग रहा है,  प्रॉपर्टी के लिए डीड बनाई गई है तो डीड की कॉपी आदि मांगे गए दस्‍तावेजों को जमा करना होगा. इसके बाद एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट जारी होने में 15 से 30 दिनों का समय लगता है. आप 12 से लेकर 30 सालों तक का  एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं.