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Property Knowledge : विरासत में मिली संपत्ति और पैतृक संपत्ति में क्या होता है अंतर, 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है सही जानकारी

Property Knowledge : प्रोपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है। इसी कड़ी में आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि आखिर विरासत में मिली संपत्ति और पैतृक संपत्ति में क्या अंतर होता है.. बता दें कि इसकी जानकारी 90 प्रतिशत लोगों को सहीं से नहीं है-

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Property Knowledge : विरासत में मिली संपत्ति और पैतृक संपत्ति में क्या होता है अंतर, 90 प्रतिशत लोगों को नहीं है सही जानकारी

HR Breaking News, Digital Desk- (Property Knowledge) पाेपर्टी से जुड़े नियमों और कानूनों को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव होता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि संपत्ति से जुड़े नियमों और अधिकारों (Rules and rights related to property) के संबंध में सही जानकारी हो.आप सभी ने यह देखा होगा कि लोग विरासत में मिली संपत्ति और पैतृक संपत्ति को एक ही तरह से समझते हैं. उन्हें लगता है कि अगर दादा-परदादा से कोई संपत्ति तो विरासत में मिली पैतृक संपत्ति है.

ऐसे में आपको बता दें कि विरासत में मिली संपत्ति (inherited property) और पैतृक संपत्ति में कुछ अंतर होता है. विरासत में मिली संपत्ति वह संपत्ति होती है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे छोड़कर जाती है. यह संपत्ति विशेष रूप से निर्दिष्ट नहीं होती है और इसे विरासत में मिली संपत्ति कहा जाता है. पैतृक संपत्ति वह संपत्ति होती है जो किसी व्यक्ति के दादा-दादी या परदादा-परदादी से मिलती है. (Property news)

विरासत में आपको मामा, भाई या दादी की ओर से भी संपत्ति मिल सकती है. यह संपत्ति तब मिलती है जब मालिक की मृत्यु हो जाती है. पैतृक संपत्ति भी इसी का एक हिस्सा है लेकिन यह आपको अपने पिता, दादा या परदादा से ही मिलती है. सीधे शब्दों में कहें तो विरासती संपत्ति आपको परिवार का कोई भी सदस्य दे सकता है लेकिन पैतृक संपत्ति वही होगा जो पापा-दादा से मिलेगी. पैतृक संपत्ति पर आपका अधिकार आपके जन्म लेते ही हो जाता है. (ancestral property rights)

क्या पैतृक संपत्ति से बेदखल कर सकते है-

- अगर कुछ अपवादों को छोड़ दें तो किसी शख्स को उसकी पैतृक संपत्ति से बेदखल (evicted from ancestral property)

नहीं किया जा सकता है. उसके पिता या माता केवल अपनी कमाई हुई संपत्ति से ही उसे बाहर कर सकते हैं.

- हालांकि, कोर्ट (court) ने कुछ मामलों में माता-पिता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बच्चे को पैतृक संपत्ति से भी बेदखल करने की अनुमति दी है. इसमें काफी कानूनी दांव-पेंच होते हैं.

- आमतौर पर कोई बेदखल व्यक्ति भी अपनी पुश्तैनी या पैतृक संपत्ति (ancestral property) पर दावा कर सकता है. पुश्तैनी संपत्ति पर दावे के लिए 12 साल का वक्त मिलता है. कोर्ट चाहे तो परिस्थितियों को देखते हुए 12 साल बाद भी दावे की अनुमति दे सकता है.

पुश्तैनी संपत्ति पर 4 पीढ़ियों का होता है अधिकार

पुश्तैनी संपत्ति पर चार पीढ़ियों का अधिकार (Right of four generations on ancestral property) होता है, जिसमें परदादा, दादा, पिता, और बेटे का नाम शामिल है। यह संपत्ति परदादा के पिता से मिलती है। यदि चार पीढ़ियों में से किसी ने संपत्ति का बंटवारा किया, तो इसे पुश्तैनी दर्जा (ancestral status) नहीं रहेगा। इस स्थिति में, यदि किसी व्यक्ति को संपत्ति से बेदखल किया जाता है, तो वह अपनी हकदारी के लिए दावा नहीं कर सकता। पुश्तैनी संपत्ति का दर्जा (status of ancestral property) तब तक बना रहता है जब तक वह अविभाजित है; एक गलती के कारण यह दर्जा छिन सकता है। सभी परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए, संपत्ति के अधिकार को समझना महत्वपूर्ण है।