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Property Rights : पिता की प्रॉपर्टी पर बेटा और बेटी का कितना होता है अधिकार, जानिये कानूनी प्रावधान

Pita ki sampatti me beti ka adhikar - इस बात में कोई दोराय नहीं है कि भारतीय कानून में बेटियों को संपत्ति में बेटों के बरारब हक दिया गया है। लेकिन अक्सर संपत्ति के बंटवारे और मालिकान हक को लेकर वाद-विवाद के मामले सामने आते रहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को संपत्ति से संबंधी अधिकारों और कानूनी नियमों की जानकारी का अभाव होता है। आज इस खबर में हम जानेंगे कि पिता की संपत्ति में बेटी और बेटे का कितना अधिकार होता है। आइए नीचे खबर में जानते हैं- 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। बीते हजारों वर्षों से भारत एक पुरुष प्रधान देश रहा है। हालांकि, साल 1947 में आजादी के बाद देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कानूनी प्रावधान किए गए। इसके अलावा महिलाओं के लिए कई विशेष अधिकारों को भी संविधान में जोड़ा गया ताकि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ सकें।


 वहीं, संपत्ति को लेकर स्त्रियों को क्या अधिकार दिए गए हैं? इसको लेकर कई लोग काफी कंफ्यूज रहते हैं। अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि क्या पिता की संपत्ति पर बेटियों का अधिकार भी बराबर होता है।

 

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आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन करके बेटियों को भी प्रॉपर्टी में बराबरी का अधिकार दिया गया था। इसी कड़ी में आज इस खबर के माध्यम से हम आपको इन्हीं कानूनों और अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से - 

आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि अगर बिना वसीयत के पिता की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में उनके द्वारा स्वयं अर्जित संपत्ति पर बेटों के साथ-साथ बेटियों का भी समान हक होता है। 

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 के मुताबिक एक बेटी के पास पिता की संपत्ति पर समान अधिकार है। वहीं बेटी के वैवाहिक स्टेटस से उसके पिता की संपत्ति के अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ता है।


आपको इस बारे में भी पता होना चाहिए कि अगर संपत्ति महिला को माता पिता से विरासत में मिली है। वहीं अगर महिला के बच्चे नहीं होते हैं। इस स्थिति में यह प्रॉपर्टी पिता के उत्तराधिकारियों को मिल जाती है।

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इसके अलावा धारा 15(2) बी के अनुसार यदि महिला को संपत्ति पति या उसके ससुर से मिली है। ऐसे में बच्चों की अनुपस्थिति में प्रॉपर्टी पति के उत्तराधिकारियों को मिलती है।