property rights: पत्नी की कमाई में पति का कितना अधिकार, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

HR Breaking News (ब्यूरो): हाईकोर्ट की खंडपीठ के जज अनूप मोहता और पीबी मजमूदार ने आदेश में कहा है, ''यदि पत्नी कमाई कर रही है और अपने वेतन का हिस्सा पति को नहीं दे रही है तो इसे क्रूरता की श्रेणी में नही रखा जा सकता।''
गौरतलब है कि मुंबई के कलवा के रहने वाले एक शख्स ने फैमली कोर्ट में इस बात का केस दायर किया था कि उसकी पत्नी अपनी कमाई का हिस्सा न देकर उस पर क्रूरता कर रही है। परिवारवालों की उपस्थिति में उसके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, जबकि वह विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। इसी आधार पर उसने अपनी पत्नी से तलाक की मांग की थी।
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कोर्ट ने तलाक की मांग को ठुकराते हुए उस शख्स द्वारा बताए हुए कारण को नाकाफी बताते हुए कहा, "यह बहुत चिंताजनक है कि ऐसे तुच्छ आधार पर एक पति अपनी पत्नी को त्यागने की बात कर रहा है।
उसकी पत्नी ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है। उसको पाल रही है। ऐसी स्थिति में परिवार का बोझ उठाने की बजाय तलाक की मांग कर रहा है। कोर्ट की नजर में क्रूरता पत्नी नहीं पति कर रहा है।
पति की कमाई में पत्नी का अधिकार
ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं है कि पति के पास जो प्रॉपर्टी है उस पूरी प्रॉपर्टी पर आपको हक हो. ससुराल की प्रपोर्टी पर एक महिला का उतना अधिकार है जितना ससुराल वाले उसे देना चाहें. वहीं अपने पति की प्रॉपर्टी पर महिला का अधिकार होता है.
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पति अपनी प्रॉपर्टी में किसी के नाम कोई वसीयत नहीं करता है और उसकी मौत हो जाती है तो, कैटेगरी 1 कानूनी उत्तराधिकारी है, पति की संपत्ति हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार उसके पास होगी.
भारत में कानून के अधिकार के तहत ही पत्नी का पति की प्रॉपर्टी पर हक होता है. शादी के बाद अगर पति-पत्नी अलग होने का फैसला लेते हैं तो महिलाएं हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत पति से भत्ता मांग सकती हैं. वहीं पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम और 125 सीआरपीसी के तहत महिलाएं जीवन भर अपने पति से गुजारा भत्ता की मांग सकती हैं.
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उदाहरण के लिए यदि A की मृत्यु हो जाती है और उसने कोई वसीयत नहीं की है और उसके पत्नी, बेटा और बेटी हैं. इस स्थिति में सभी वर्ग 1 कानूनी उत्तराधिकारी हैं इसलिए पति की संपत्ति को उसके सभी वर्ग 1 कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच समान रूप से बांटा जाएगा.